जानें, निर्भया के गुनहगार पवन को फांसी होने से बाद उसके गांव में कैसा है माहौल Gorakhpur News
उसके घर का दरवाजा अंदर से बंद था। पता चला कि चाचा सुभाष लाल व अन्य परिजन घर से बाहर निकले ही नहीं हैं। मां इंद्रा देवी पिता हीरालाल गुप्ता और दूसरे चाचा झुग्गी लाल दिल्ली गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। निर्भया के गुनहगार बस्ती जिले के लालगंज थाने के गांव जगरनाथपुर निवासी पवन को फांसी होने के बाद शुक्रवार की सुबह पूरे गांव में सन्नाटा था। ग्रामीणों के बीच दबी जुबान में ही चर्चाएं होती दिखीं।
चाचा व अन्य परिजनों ने नहीं खोला दरवाजा, घर में रहे कैद
उसके घर का दरवाजा अंदर से बंद था। पता चला कि चाचा सुभाष लाल व अन्य परिजन सुबह से घर से बाहर निकले ही नहीं हैं। मां इंद्रा देवी, पिता हीरालाल गुप्ता और दूसरे चाचा झुग्गी लाल दिल्ली गए हैं। दूसरी ओर फांसी से जुड़ी खबर जानने के लिए गांव के लोग देर शाम तक समाचार चैनलों से जुड़े रहे। पल-पल की जानकारी लेते रहे।
बस एक ही चर्चा
इक्का-दुक्का स्थानों पर कुछ लोग दिखे तो उनके बीच भी इसी बात की ही चर्चा थी। फांसी की सजा पर कुछ भी बोलने से परहेज करते दिखे, लेकिन चेहरे पर कोई दुख का गहरा भाव भी देखने को नहीं मिला।
फांसी से मिलेगी मन को शांति
दिल्ली में निर्भया कांड में पीडि़ता के दोस्त के पिता भानु प्रताप पांडेय एडवोकेट ने कहा है कि निर्भया के गुनहगारों को शुक्रवार को जब फांसी की सजा दी जाएगी तो मन को शांति मिलेगी। इन दरिंदों को फांसी की सजा यथाशीघ्र दी जानी चाहिए थी। सजा दिए जाने से लोगों के मन में देश की न्यायिक व्यवस्था के प्रति और विश्वास बढ़ेगा। भानु प्रताप पांडेय एडवोकेट गुनहगारों को सजा मिलने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त रहे थे।
घटना याद आते ही सिहर उठता है मन
दीवानी कचहरी के अधिवक्ता पांडेय ने कहा कि ऐसे मामलों में यथाशीघ्र सुनवाई करके दोषियों को दंड दिया जाना चाहिए। उस घटना की याद आने पर आज भी मन सिहर उठता है। ईश्वर ऐसी स्थिति किसी भी माता-पिता के सामनेे न लाए।