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सैनिटाइजर मशीनें गायब, तापमान की जांच करने वाली खराब

रेल यात्री ही नहीं रेलवे प्रशासन भी कोविड प्रोटोकाल को भूल गया है। प्रोटोकाल को लेकर न आम लोग चैतन्य हो रहे और न प्रशासन उनकी सुध ले रहा। आलम यह है कि स्टेशन के गेटों पर लगी सैनिटाइजर मशीनें गायब हो गई हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 04:13 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 04:13 PM (IST)
सैनिटाइजर मशीनें गायब, तापमान की जांच करने वाली खराब
सैनिटाइजर मशीनें गायब, तापमान की जांच करने वाली खराब। प्रतीकात्‍मक फाेेेेेटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रेल यात्री ही नहीं, रेलवे प्रशासन भी कोविड प्रोटोकाल को भूल गया है। प्रोटोकाल को लेकर न आम लोग चैतन्य हो रहे और न प्रशासन उनकी सुध ले रहा। आलम यह है कि स्टेशन के गेटों पर लगी सैनिटाइजर मशीनें गायब हो गई हैं। वीआइपी गेट पर लगी तापमान की जांच करने वाली आटोमेटिक मशीन भी खराब पड़ी है। काउंटरों पर भीड़ उमडऩे लगी है। मनाही के बाद भी लोग वेटिंग टिकट पर यात्रा कर रहे हैं। बिहार से दिल्ली व मुंबई रूट पर जाने वाली ट्रेनों के जनरल कोचों में एक सीट पर छह लोग यात्रा कर रहे हैं। कोचों में चढऩा मुश्किल हो गया है। यह तब है जब कोविड के नए वैरिएंट को लेकर सरकार फिर से सतर्क हो गई है। रेलवे बोर्ड ने भी जोनल कार्यालयों को सजग रहने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

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वीआइपी गेट पर तापमान नापने वाली मशीन की नहीं कोई ले रहा था नोटिस

एक दिसंबर को अपराह्न 02.00 बजे के आसपास वीआइपी गेट पर लोगों के तापमान की जांच करने वाली मशीन की कोई नोटिस ही नहीं ले रहा था। वीआइपी के अलावा मुख्य गेट पर रखी गई सैनिटाइजर मशीनें नजर नहीं आईं। कोरोना की जांच करने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम के टेबल पर यात्री बैठे थे। जनरल काउंटरों और पूछताछ केंद्र पर भीड़ लगी थी। कुछ लोगों ने मास्क लगाया था। अधिकतर बिना मास्क के थे। जबकि, स्टेशन प्रबंधन का दावा है कि नवंबर में बिना मास्क के 1113 लोग पकड़े गए थे। इसके बाद भी यात्रियों में जागरूकता नहीं आ रही। रेलवे उदासीन बना हुआ है।

रेलवे बोर्ड ने जोनल कार्यालयों को किया सतर्क

रेलवे बोर्ड ने नए वैरिएंट को लेकर सभी जोनल कार्यालयों को सतर्क कर दिया है। इसके लिए नौ ङ्क्षबदुओं को दुरुस्त रखने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया है। बोर्ड ने कहा है कि रेलवे प्रशासन आक्सीजन, संबंधित दवाइयां, पीपीई किट, टेस्टिंग मशीनें, आइसीयू और सामान्य वार्ड और पर्याप्त मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था कर लें। 100 फीसद टीकाकरण व कोविड प्रोटोकाल का पालन करना भी सुनिश्चित करे। यूनियनों के माध्यम से रेलकर्मियों व अभियान चलाकर रेल यात्रियों को जागरूक करें, ताकि आवश्यकता पडऩे पर संक्रमित लोगों का समय से समुचित इलाज सुनिश्चित किया जा सके।

70 फीसद रेलकर्मियों को लग चुकी है दूसरी डोज

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के 70 फीसद कर्मचारियों को कोरोना रोधी वैक्सीन की दूसरी डोज भी लग गयी है। जो शेष रह गए हैं, उनका भी टीकाकरण तय शेड्यूल के अनुसार पूरा हो जाएगा। रेलवे में कोविड संबंधित सभी प्रावधान अभी भी प्रभावी हैं। नए वैरिएंट को देखते हुए सभी लोगों को फिर से जागरूक किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन परिसरों और ट्रेनों में मास्क लगाना अनिवार्य है। बिना मास्क के पाए जाने पर जुर्माने का प्रावधान है। सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें आरक्षित श्रेणी में ही चलाई जा रही हैं। प्रमुख अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगा दिए गए हैं, जो सही प्रकार से कार्य भी करने लगे हैं। ललित नारायण मिश्र चिकित्सालय गोरखपुर में बच्‍चों के लिए पीकू वार्ड फंक्शनल कर दिया गया है।


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