कुशीनगर पहुंचे बौद्ध परिपथ के भ्रमण पर निकले साइकिल यात्री संदीप, पुस्तक लिखना उद्देश्य Gorakhpur News
बौद्ध परिपथ के भ्रमण पर साइकिल से चले कोलकाता निवासी संदीप कुमार बंदोपाध्याय कुशीनगर पहुंचे। यहां उनका शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। पेशे से टावर डिजाइनर व लेखक संदीप ने बताया कि उनका उद्देश्य बौद्ध तीर्थ स्थलों पर पुस्तक लिखना है।
गोरखपुर, जेएनएन : बौद्ध परिपथ के भ्रमण पर साइकिल से चले कोलकाता निवासी संदीप कुमार बंदोपाध्याय कुशीनगर पहुंचे। यहां उनका शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। पेशे से टावर डिजाइनर व लेखक संदीप ने बताया कि उनका उद्देश्य बौद्ध तीर्थ स्थलों पर पुस्तक लिखना है। इसके पूर्व वह बांग्लादेश की यात्रा कर देश भागे हरिएची जादेर नामक पुस्तक लिखकर प्रकाशित करा चुके हैं। इसमें उन्होंने बांग्लादेश छोड़कर भारत आए लोगों की कहानी लिखी है।
24 फरवरी को अयोध्या से शुरू की थी साइकिल यात्रा
संदीप ने अपनी साइकिल यात्रा 24 फरवरी को अयोध्या से शुरू की थी। वहां से श्रावस्ती, तिलोराकोट, लुंबिनी होकर कुशीनगर पहुंचे। बुद्धस्थली और पावानगर आदि का भ्रमण कर बिहार के लिए रवाना होंगे। बिहार में वैशाली, पटना, राजगीर, नालंदा, बोधगया होते हुए मार्च के अंत में कोलकाता में यात्रा का समापन करेंगे। बताया कि वह प्रतिदिन लगभग 100 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। टीके राय, रामनगीना, रमेश गुप्त, अंबिकेश त्रिपाठी, नौशाद अंसारी आदि ने संदीप बंदोपाध्याय का स्वागत किया।
अज्ञेय की जयंती पर संगोष्ठी आज, तैयारियां पूरी
साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय की 110 वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली अज्ञेय स्मृति उपवन में आयोजन होगा। अज्ञेय का साहित्य में योगदान विषय पर गोष्ठी एवं अज्ञेय स्मृति व्याख्यान का आयोजन सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक किया गया है। सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय भारतीय साहित्य संस्थान न्यास समिति, श्रद्धानिधि न्यास और बुद्ध पीजी कालेज कुशीनगर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।
दिया जाएगा स्मृति व्याख्यान
कालेज के हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डा. गौरव तिवारी ने बताया कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डा. सदानंद प्रसाद गुप्त द्वारा अज्ञेय स्मृति व्याख्यान दिया जाएगा। प्रो. रामदेव शुक्ल, प्रो. अनंत मिश्र, प्रो. चित्तरंजन मिश्र, डा. अरुणेश नीरन और प्रो. महेश्वर मिश्र आदि द्वारा अज्ञेय के कथा साहित्य, काव्य साहित्य, निबंध साहित्य आदि पर व्याख्यान दिए जाएंगे।