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हिंदी परामर्श मंडल की बैठक में निर्णय-गोरखपुर में होगा साहित्‍य अकादमी का लेखक सम्मेलन Gorakhpur News

सम्मेलन में 24 भारतीय भाषाओं के लेखकों के बीच आपसी संवाद भी कायम होगा। बैठक में अकादमी के सचिव ने बताया कि प्रो.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की रचनाओं का संचयन प्रकाशित किया जाएगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 09:38 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 10:00 AM (IST)
हिंदी परामर्श मंडल की बैठक में निर्णय-गोरखपुर में होगा साहित्‍य अकादमी का लेखक सम्मेलन Gorakhpur News
हिंदी परामर्श मंडल की बैठक में निर्णय-गोरखपुर में होगा साहित्‍य अकादमी का लेखक सम्मेलन Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। साहित्य अकादमी के हिंदी परामर्श मंडल की बैठक शहर के पार्क रोड स्थित एक होटल के सभागार में हुई, जिसमें स्वस्थ साहित्यिक परंपरा के विकास के लिए लेखक सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर भी परामर्श मंडल ने मुहर लगाई। सम्मेलन की तिथि अकादमी की ओर से शीघ्र घोषित की जाएगी। यह बैठक गोरखपुर में पहली बार हुई है।

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24 भारतीय भाषाओं के लेखकों के बीच आपसी संवाद होगा

सम्मेलन में 24 भारतीय भाषाओं के लेखकों के बीच आपसी संवाद भी कायम होगा। बैठक में अकादमी के सचिव के.श्रीनिवास राव ने बताया कि प्रो.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की रचनाओं का संचयन प्रकाशित किया जाएगा। अकादमी वर्ष में छह लेखकों पर विनिबंध लिखवाती है। इधर कई बड़े व पुराने लेखकों पर विनिबंध प्रकाशित नहीं हुए हैं। यह परिचयात्मक व मूल्यांकनपरक पुस्तक होती है।

नौ लोगों के नाम प्रस्‍तावित

गोरखपुर की बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए परामर्श मंडल ने नौ लोगों के नाम प्रस्तावित करते हुए विनिबंध प्रकाशित करने का निर्णय लिया। बैठक की अध्यक्षता हिंदी परामर्श मंडल के संयोजक प्रो.चित्तरंजन मिश्र ने की। बैठक में साहित्य अकादमी के संपादक हिंदी कुमार अनुपम, प्रो.सुरेंद्र दूबे, केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष डा.कमल किशोर गोयनका, केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो.नंदकिशोर पांडेय, प्रो.रेवती रमण, इंदुशेखर तत्पुरुष, ललित निबंधकार श्रीराम परिहार, श्रीनिवास जोशी, केके बिरड़ा फाउंडेशन के निदेशक सुरेश ऋतुपर्ण, दिनेश चमोला मौजूद रहे।

इन पर प्रकाशित होंगे विनिबंध

नामवर सिंह, केदारनाथ सिंह, कुंवर नारायण, बालकृष्ण भट्ट, कामतानाथ, गोपाल राय, भक्ति कवि नाभा दास, रामचंद्र तिवारी तथा राजकमल चौधरी।

इन फैसलों पर भी लगी मुहर

भारतीय लोक साहित्य पर पूर्वोतर के किसी एक राज्य में अकादमी की तरफ से गोष्ठी का आयोजन- काशी विद्यापीठ में गोष्ठी का आयोजन होगा। गुजराती दलित कविताओं के संचयन का होगा प्रकाशन और दिल्ली में होगी हिंदी कश्मीरी अनुवाद की कार्यशाला।


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