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बस्‍ती की हैं रीता बरनवाल, अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आ रहीं भारत, गांव में खुशी का माहौल Gorakhpur News

गांव वाले उनसे मिलने को उत्सुक हैं तो परिवारीजन मिलने आगरा जाना चाहते थे लेकिन सुरक्षा कारणों व व्यस्तता के चलते संभव नहीं हो सका।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 08:41 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 10:30 AM (IST)
बस्‍ती की हैं रीता बरनवाल, अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आ रहीं भारत, गांव में खुशी का माहौल Gorakhpur News
बस्‍ती की हैं रीता बरनवाल, अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आ रहीं भारत, गांव में खुशी का माहौल Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रविवार को भारत दौरे पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर विशेष तैयारी चल रही है। उनके साथ आ रही सीक्रेट टीम में भारतीय मूल की अमेरिकी परमाणु ऊर्जा विभाग की प्रमुख रीता बरनवाल भी शामिल हैं। वह उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के बहादुरपुर गांव की रहने वाली हैं। पूरा गांव खुश है।

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गांव वाले मिलने को उत्‍सुक

गांव वाले उनसे मिलने को उत्सुक हैं तो परिवारीजन मिलने आगरा जाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा कारणों व व्यस्तता के चलते संभव नहीं हो सका। परिवार वालों ने बताया कि रीता ने अगली बार गांव आकर सबसे मिलने का वादा किया है। रीता की ताई 80 वर्षीय जानकी देवी कहती हैं कि आगरा जाकर मिलना चाहती थीं, लेकिन बात नहीं बन पाई।

हर रविवार को सींखतीं थीं वायलिन बजाना

चचेरे भाई ईश्वरचंद बरनवाल ने बताया कि रीता बचपन में पढ़ाई के साथ छोटी बहन सीमा के साथ प्रत्येक रविवार को वायलिन बजाना और कत्थक नृत्य सीखा करती थीं। अमेरिका से ही मैटेरियल्स साइंस एंड इंजीनियरिंग की पढ़ाई और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन से पीएचडी की। उनकी अमेरिका निवासी पीटर से हिंदू रीति रिवाज से घरवालों की मौजूदगी में धूमधाम से शादी हुई। भारत आने पर टिकिया और फुल्की खाना नहीं भूलती थीं।

जमींदार परिवार की हैं रीता

रीता बहादुरपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पिता कृष्णचंद्र बरनवाल 1962 में खडग़पुर आइआइटी से रबर टेक्नालोजी में इंजीनियङ्क्षरंग करने के बाद अमेरिका नौकरी करने चले गए। मां आरती बरनवाल शिकोहाबाद की हैं। माता-पिता अब दुनिया में नहीं हैं। बहनों रीता और सीमा का जन्म, पढ़ाई और शादी अमेरिका में ही हुई। पांच भाइयों में पिता कृष्णचंद तीसरे नंबर पर थे।

पिता ने गांव से ही की थी शादी

जानकी देवी बताती हैं कि रीता के पापा जब अमेरिका में नौकरी करने जा रहे थे तो मां ने बहुत रोका। कहा कि अमेरिका में जो जाता है, वहीं पर शादी करबस जाता है। तब मां से उन्होंने वादा किया कि शादी गांव से ही करेंगे। इसे पूरा भी किया। 1967 में शादी हुई और गांव से बरात शिकोहाबाद गई। शादी के समय दो दिन ही छुट्टी बची थी। इसलिए ससुराल से ही अमेरिका चले गए। तीन महीने बाद पत्नी आरती को अमेरिका बुला लिया।


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