राइस मिलरों की धान रखने की क्षमता में किया गया इजाफा, बारिश में क्रय केंद्र पर किसान भीगेगा न धान
अब किसानों को धान बेचने के लिए क्रय केंद्रों के बाहर लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। बारिश में धान को भीगने से बचने के लिए खाद्य विभाग के अफसरों व कर्मचारियों को भागदौड़ भी नहीं करनी होगी। राइस मिलरों के यहां धान रखने की क्षमता में इजाफा कर दिया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अब किसानों को धान बेचने के लिए क्रय केंद्रों के बाहर लाइन लगाने से छुटकारा मिल जाएगा। बारिश में धान को भीगने से बचने के लिए खाद्य विभाग के अफसरों व कर्मचारियों को भागदौड़ भी नहीं करनी होगी। राइस मिलरों के यहां धान रखने की क्षमता में इजाफा कर दिया गया है। क्रय केंद्र पर खरीद के बाद धान राइस मिलरों के यहां भेज दिया जाएगा। खाद्य एवं विपणन विभाग के गोरखपुर संभाग की ओर से किसानों की समस्या को खाद्य आयुक्त के सामने लिखित एवं मौखिक रूप में कई बार उठाने के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया है।
क्रय केंद्र पर धान रखने की नहीं रहती थी जगह
क्रय केंद्रों के गोदाम में जगह न होने के कारण किसानों को कई दिन बाद का नंबर मिलता था। अब नियम में बदलाव हो जाने के बाद गोदाम से धान समय से राइस मिलों तक भेज दिया जाएगा और किसानों से खरीदे गए धान को रखने की जगह उपलब्ध हो जाएगी। जगह मिलेगी तो किसान जल्दी-जल्दी धान भी बेच सकेंगे।
हो रही थी दिक्कत
इस साल खाद्य विभाग की ओर से लागू की गई व्यवस्था से समस्या हो रही थी। इस व्यवस्था के तहत राइस मिलरों के यहां धान रखने की क्षमता निर्धारित कर दी गई थी। उनकी वास्तविक क्षमता से काफी कम क्षमता का निर्धारण हुआ था। यह क्षमता आनलाइन अपलोड की गई थी। धान क्रय केंद्र पर किसान से धान खरीद कर वहां के गोदाम पर रखा जाता था। उसके बाद वहां से राइस मिलर के यहां भेजा जाता था। राइस मिलर जब तक धान की कुटाई कर उसे भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में जमा कर जमा रसीद अपलोड नहीं करता तब तक उसके यहां भंडारण की क्षमता फुल दिखती थी।
भर जाता था क्रय केंद्र का गोदाम, नहीं होती थी खरीद
ऐसी स्थिति में क्रय केंद्र के गोदाम से राइस मिलर के यहां धान नहीं भेज पाते थे। केंद्र के गोदाम भरे होने से किसान को जगह न होने का हवाला देते हुए बाद में आने को कहा जाता था। संभागीय विपणन अधिकारी सचिन कुमार बताते हैं कि कई बार इस समस्या को लेकर पत्र लिखा गया। संभागीय खाद्य नियंत्रक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में इस बात को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद राइस मिलरों की भंडारण क्षमता को पहले की तरह कर दिया गया। आनलाइन भी यह क्षमता नजर आ रही है। कई मिलरों के यहां कई गुना तक क्षमता बढ़ गई है। इससे धान खरीद में किसानों को अधिक इंतजार नहीं करना पड़ रहा।
पहले सीमित थी राइस मिलरों की भंडारण क्षमता
प्रभारी संभागीय खाद्य नियंत्रक प्रेम रंजन सिंह राइस मिलरों की भंडारण क्षमता सीमित थी। आनलाइन भंडारण की जगह न दिखने से क्रय केंद्रों पर धान अधिक दिन रह जाता था। इससे किसानों को इंतजार करना पड़ता था। इस समस्या को दूर करने के लिए अपील की गई थी, उसका संज्ञान लेते हुए क्षमता बढ़ा दी गई है।