राहत समाप्त, आफत में उद्यमी- एक साथ देना होगा तीन महीने का जीएसटी व बिजली बिल Gorakhpur News
लॉकडाउन में उद्यमियों को मिली राहत समाप्त हो गई है। अब उद्यमियों को एक साथ तीन महीने का जीएसटी व बिजली बिल देना होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। जुलाई का महीना उद्यमियों के लिए आफत लेकर आया है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन में बिजली का बिल, जीएसटी व बैंक ऋण को लेकर दी गई राहत अब समाप्त हो चुकी है। एक साथ तीन महीने का बिजली बिल एवं जीएसटी चुकाना पड़ रहा है। बैंक ने भी दो महीने का ब्याज एक साथ लगा दिया है। वहीं बरसात में मांग कम होने के कारण इकाइयों में उत्पादन भी प्रभावित है, जिससे फैक्ट्री मालिकों की आय कम हुई है।
लॉकडाउन के समय बंद थीं अधिकतर इकाइयां
लॉकडाउन के समय अधिकतर इकाइयां बंद थीं। केवल जरूरी सामान वाली इकाइयां ही संचालित हो रही थीं। लॉकडाउन दो के समय से धीरे-धीरे अन्य इकाइयां भी शुरू होने लगीं। स्टील व हार्डवेयर की इकाइयों में अधिक मांग रही, जिसके कारण उत्पादन भी बढ़ा, लेकिन धीरे-धीरे मांग में कमी आने लगी। फैक्ट्रियां बंद थीं तब भी बिजली बिल का मीटर चल रहा था। सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि बिल वसूली के लिए दबाव न बनाया जाए। उधर फैक्ट्री मालिक लगातार फिक्स चार्ज माफ करने की मांग कर रहे थे, लेकिन इसे शुरू में माफ नहीं किया गया। जब एक महीने का चार्ज माफ करने की घोषणा हुई तो 30 जून तक सारा बकाया जमा करने को कहा गया।
उद्यमियों ने कहा, किस्तों में मिले भुगतान की सुविधा
बकाया रहने पर लाभ न देने की बात कही गई। कुछ उद्यमियों ने बकाया जमा कर दिया, लेकिन अधिकतर की स्थिति ऐसी नहीं थी, जिसके कारण वे छूट का लाभ नहीं पा सके। उद्यमियों का कहना है कि किस्तों में भुगतान की व्यवस्था दी जानी चाहिए थी। एक साथ भुगतान से बोझ बढ़ा है। इसी प्रकार तीन महीने के जीएसटी का भुगतान भी एक साथ करना पड़ेगा।
यह महीना उद्यमियों के लिए मुश्किल भरा है। जीएसटी, बिजली का बिल व बैंक का ब्याज एक साथ देना पड़ेगा। कई इकाइयां उससे काफी पीछे चली जाएंगी। इसके लिए कोई और रास्ता निकाला जाना चाहिए। - आरएन सिंह, उपाध्यक्ष, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज