आरपीएफ जवानों के बच्चों को रिलायंस समूह में मिलेगी नौकरी, जानें-क्या है सालाना पैकेज Gorakhpur News
अभ्यर्थियों की तैनाती 3.75 लाख प्रति वर्ष के पैकेज पर आफिसर कैडर के पदों पर होगी। तैनाती के बाद सुरक्षा अधिकारियों को समूह की तरफ से दी जाने वाली सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। तैनाती देश के किसी भी शहर में स्थित समूह की इंडस्ट्रीज में दी जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। रिलायंस इंडस्ट्रीज की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों के बच्चों के कंधों पर होगी। रिलायंस ग्रुप सपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने आरपीएफ में तैनात व रिटायर्ड जवानों के बेरोजगार बच्चों की भर्ती करने का निर्णय लिया है। भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। स्नातक अभ्यर्थी 14 अक्टूबर तक समूह के वेबइसाट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
3.75 लाख सालाना पैकेज पर होगी भर्ती
अभ्यर्थियों की तैनाती 3.75 लाख प्रति वर्ष के पैकेज पर आफिसर कैडर के पदों पर होगी। तैनाती के बाद सुरक्षा अधिकारियों को समूह की तरफ से दी जाने वाली सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। तैनाती देश के किसी भी शहर में स्थित समूह की इंडस्ट्रीज में दी जाएगी। रिलायंस समूह इसके पहले प्रथम चरण में सेना और अन्य सुरक्षा बलों के दस हजार पूर्व सैनिकों को रोजगार उपलब्ध करा चुका है। दूसरे चरण में आरपीएफ जवानों के बच्चों की बारी आई है।
जानकारों का कहना है कि रेलवे सुरक्षा बल भी अर्ध सैनिक बल में आता है। लेकिन जवानों की सेवानिवृत्ति 60 साल पर होती है। ऐसे में पूर्व आरपीएफ जवानों की सेवाएं तो नहीं ली जा सकतीं लेकिन उनके बच्चों का अवसर जरूर प्रदान किया जा सकता है। दरअसल, जवानों के घरों में भी अनुशासन और फिटनेस का माहौल होता है। उनके बच्चे पढ़ाई के अलावा अनुशासित होते हैं। इनकी भर्ती पूरी होने के बाद तीसरे चरण की प्रक्रिय पर विचार किया जाएगा। फिलहाल, कोरोना काल के दौरान बढ़ती बेरोजगारी में रिलायंस समूह ने आरपीएफ जवानों के बच्चों के लिए एक रोजगार का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है। यह मौका उनके भविष्य के लिए मील का पत्थर सबित होगा।
रेलवे बोर्ड के निदेशक ने लिखा है पत्र
आरपीएफ जवानों के बच्चों को भर्ती प्रक्रिया के प्रति प्रेरित करने के लिए आरपीएफ रेलवे बोर्ड के निदेशक एके अग्निहोत्री ने भारतीय रेलवे के सभी जोन में सुरक्षा बल के समस्त मुख्य सुरक्षा आयुक्तों को पत्र लिखा है। निदेशक का कहना है कि जवानों के बच्चों के लिए यह एक सुनहरा मौका है, इसका वे लाभ उठा सकते हैं।