गोरखपुर में अवैध स्टैंडों की पड़ताल में सामने आई चौंकाने वाली हकीकत, शहर के पांच जगहों पर चल रहा वसूली का खेल
गोरखपुर शहर में अवैध स्टैंड का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा। दिन-ब-दिन नई जानकारी सामने आ रही है। शहर में हरे और काले रंग के 8500 आटो चल रहे हैं। आटो चालकों से शहर के पांच जगहों पर पर्ची देकर वसूली की जा रही है।
गोरखपुर, जितेन्द्र पाण्डेय। गोरखपुर शहर में नगर निगम की पर्ची पर पांच जगहों पर बने अवैध स्टैंडों से हर दिन दो लाख से अधिक की वसूली की जा रही है। इन स्टैंडों के ठेकेदार न टोकन दे रहे हैं और न ही पकड़वाने व छुड़वाने का पैसा ले रहे हैं। ये हरे रंग वाले आटो चालकों से 20 रुपया प्रति आटो लेकर उन्हें नगर निगम की पर्ची दे रहे हैं। वहीं, काले वाले आटो चालकों से 40 रुपया वसूला जा रहा है। इनमें से किसी को पर्ची दी जाती है तो किसी को नहीं। शुक्रवार को जागरण पड़ताल में इस बात की जानकारी हुई।
शहर में चल रहे 8500 आटो
परिवहन विभाग द्वारा पंजीकृत जिले में 8500 आटो चल रहे हैं। इनमें से हरे रंग के आटो की संख्या 3500 और काले वालों की संख्या 5000 है, जो शहर के विभिन्न मार्गो पर चल रहे हैं। इनसे पर्ची के साथ यह वसूली नवंबर, 2022 से की जा रही है। ऐसा तब है जब नगर निगम का कहना है कि उनका कोई स्टैंड नहीं है और न ही उनके वहां से किसी को पर्ची ही आवंटित की गई है।
यहां अवैध रूप से चलाए जा रहे स्टैंड
शहर में शास्त्री चौक, अंबेडकर चौक, धर्मशाला स्थित मछली मंडी, यूनिवर्सिटी चौक के दोनों तरफ अवैध रूप से स्टैंड चलाए जा रहे हैं। हर स्टैंड पर अलग-अलग व्यक्ति आटो वालों को नगर निगम की पर्ची देकर आटो वालों से वसूली कर रहा है। इसमें अंबेडकर चौक पर सुशील मिश्रा, शास्त्री चौक पर पन्ने यादव, यूनिवर्सिटी चौक के दोनों तरफ धीरज व राजू, धर्मशाला पर स्वामीनाथ नाम के लोग वसूली कर रहे हैं। इन चौराहों पर हो रही अवैध वसूली के पीछे नगर निगम, पुलिस या यातायात पुलिस का हाथ न हो इससे नकारा नहीं जा सकता है, क्योंकि हर चौराहे पर बूथ पर पुलिस विभाग के कर्मचारी तैनात हैं।
यह लिखा है पर्ची पर
आटो वालों को दी जा रही पर्ची पर जैसे - नगर निगम गोरखपुर द्वारा आवंटित अंबेडकर चौक, आटो रिक्शा स्टैंड, संचालक-गेरक्ष पूर्वांचल आटो एसोशिएशन के साथ क्रम संख्या, समय, गाड़ी नंबर और शुल्क लिखा है। इसमें नगर निगम गोरखपुर मोटे अक्षरों में लिखा है। ठीक इसके बगल में निगम का लोगों भी बना है।
दो स्टैंडों पर संवाददाता व चालक से हुई बातचीत
अंबेडकर चौक
संवाददाता - यहां स्टैंड है
चालक - हां भइया स्टैंड पर ही आटो खड़ा है।
संवाददाता - स्टैंड तो नहीं है
चालक - हैं, 20 रुपया देते हैं तो ठीकेदार नगर निगम की पर्ची देते हैं। हरे रंग वालों से 20 रुपया और काले रंग वालों का 40 रुपया लगता है।
संवाददाता - कौन है ठीकेदार
चालक - यूनियन के हैं कोई, लेकिन इस समय यहां नहीं है
संवाददाता - उनका नंबर बता दों, बात कर लें
चालक - नंबर नहीं है
यूनिवर्सिटी चौक के दाहिने तरफ
संवाददाता- यहां स्टैंड है, कोई शुल्क लगता है
चालक- स्टैंड है। 20 से 30 रुपया लगता है
संवादाता- कौन लेता है
चालक- राजू भइया लेते है, वहीं आगे खड़े हैं
क्या कहते हैं अधिकारी
गेरक्ष पूर्वांचल आटो एसोशिएशन के अध्यक्ष जीके द्विवेदी ने कहा कि पूर्व नगर आयुक्त अविनाश सिंह से पांच जगहों से स्टैंड बनाकर शुल्क लेने की बात हुई थी, लेकिन कुछ गड़बड़ी हो जाने से बात नहीं बनी। यूनियन के लोग नगर निगम की पर्ची से वसूली कर रहे हैं तो ऐसा नहीं होना चाहिए। पड़ताल में जिनका नाम आया है वह यूनियन के ही पदाधिकारी हैं। नई कार्यकारिणी के गठन के बाद इन जगहों पर स्टैंड बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि आटो चालकों को नगर निगम की पर्ची देने का मामला गलत है। इस पर संबंधित अधिकारियों से बात कर जांच कराई जाएगी। नगर निगम का शहर में कोई स्टैंड नहीं है और न ही कोई पर्ची आवंटित की गई है।