दुुल्हन सजाने में शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाने वाले खंड शिक्षा अधिकारी सस्पेंड Gorakhpur News
दुल्हन को सजाने की जिम्मेदारी बीइओ (खंड शिक्षा अधिकारी) नौगढ़ ध्रुव प्रसाद ने शिक्षिकाओं को दी थी। इसके लिए बीस शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई थी। इससे शासन की छवि धूमिल हुई है।
गोरखपुर, जेएनएन। सिद्धार्थनगर जिले में खंड शिक्षा अधिकारी नौगढ़ ध्रुव प्रसाद मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शिक्षिकाओं की ड्यूटी मनमाने तरीके से लगाए जाने के दोषी पाए गए हैं। डीएम दीपक मीणा के निर्देश पर इस मामले की जांच बीएसए डा. सूर्य कांत त्रिपाठी ने मंगलवार को की और ड्यूटी लगाने को गलत ठहराया। बीएसए ने बीईओ के निलंबन की संस्तुति अपर शिक्षा निदेशक बेसिक, शिक्षा निदेशालय प्रयागराज से कर दी उसके बाद शासन ने तत्काल प्रभाव से खंड शिक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिया है।
ये था मामला
सोमवार दोपहर में दुल्हन को सजाने की जिम्मेदारी बीइओ (खंड शिक्षा अधिकारी) नौगढ़ ध्रुव प्रसाद ने शिक्षिकाओं को दी थी। इसके लिए बीस शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई थी। जिसका सोशल मीडिया पर विरोध होने लगा। शिक्षकों की तरफ से उच्च न्यायालय का हवाला दिया जाने लगा कि ड्यूटी गलत है। मामला वायरल होने पर बीएसए डा. सूर्यकांत त्रिपाठी ने देर शाम बीईओ के आदेश को त्वरित प्रभाव से रोक दिया था।
ऐसे हुई चूक
शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाने में चूक के पीछे कहीं न कहीं वह कारण है जिसमें 25 जनवरी को जिलाधिकारी की बैठक में अधिकारियों को कार्य दायित्व सौंपा गया था। मुख्यमंत्री सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम में महिला स्टाफ की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई थी। चूंकि बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय में कोई महिला तैनात नहीं हैं, इस कारण बीईओ ने शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगा दी। जैसा की पहले भी इस तरह की ड्यूटी लगती रही है।
शासन की छवि हुई धूमिल
इस संबंध में सिद्धार्थनगर जिले के बीएसए डा. सूर्यकांत त्रिपाठी का कहना है कि बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) ने अनावश्यक रूप से बीस शिक्षिकाओं की ड्यूटी मुख्यमंत्री वैवाहिक कार्यक्रम में लगा दिया था। जिससे शासन की छवि धूमिल हुई है। यह कार्य राजकीय सेवकों के आचरण के सर्वथा प्रतिकूल एवं दंडनीय है। इस कारण से बीईओ के निलंबन की संस्तुति की गई थी।