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घरेलू सामान के साथ प्रेमिका पहुंची प्रेमी के घर, ये हुआ उसके साथ

गोरखपुर (जेएनएन)। एक रांग नंबर से पनपा प्यार अब जीने-मरने तक की स्थिति पैदा दिया है। घरेलू साम

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 05:31 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 05:31 PM (IST)
घरेलू सामान के साथ प्रेमिका पहुंची प्रेमी के घर, ये हुआ उसके साथ
घरेलू सामान के साथ प्रेमिका पहुंची प्रेमी के घर, ये हुआ उसके साथ

गोरखपुर (जेएनएन)। एक रांग नंबर से पनपा प्यार अब जीने-मरने तक की स्थिति पैदा दिया है। घरेलू सामान के साथ प्रेमिका जब प्रेमी के घर पहुंची तो सभी दंग रह गए। यह वाकया सिद्धार्थनगर जिले के भवानीगंज थाना क्षेत्र के बयारा गांव निवासी शिवा अग्रहरी के घर का है।

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मिर्जापुर जिले के लालापुर थाना क्षेत्र के चतुरपट्टी खुर्द गांव निवासी विजय शंकर बिंद की पुत्री 22 सपना पूरी रात अपने प्रेमी के घर के बरामदे में रही। उसे न तो पानी मिला और न ही किसी ने भोजन दिया। बात करने पर सपना ने बताया कि तीन साल पहले हमारे मोबाइल पर बयारा गांव निवासी शिवा अग्रहरि पुत्र रामानंद का राग नंबर आ गया तो धीरे-धीरे हमारी बातें होने लगी। बाद में हम दोनो में प्यार हो गया। इसके बाद हम दोनो अपने-अपने घरों से भागकर विंध्याचल पहुंचे। वहां मंदिर में शादी की। वहां से आया तो बस्ती जिले के पुरानी बस्ती रानी पोखरा में विपिन जयसवाल के मकान में किराए पर हम दोनो पति-पत्‍‌नी की तरह रहने लगे।

पांच साल बाद ले चलेंगे घर

सपाना का कहना था कि शिवा अग्रहरी से वह अक्सर कहती थी कि हमें अपने घर ले चलो, लेकिन शिवा हर बार यही कहता रहा कि अभी नहीं, पाच साल बाद मै घरवालों को बता दूंगा। उसके बाद साथ ले चलेंगे। इस समय अगर घर वालों को पता चल गया तो मै जहर खाकर मर जाऊंगा। सपना के अनुसार दो माह पूर्व वह किसी से मिलने के लिए निकला तब से नहीं आया। उसके बाद मुझसे रहा नहीं गया। तब मैं शिवा के गांव बयारा पहुंची। शिवा की मा और दादी से मिलीं। उनसे पूरी बात बताई। हमारी बातों को शिवा के घरवालों ने झूठा बताकर मुझे घर से बाहर कर दिया। इन दो महीनों में करीब छह बार लगातार बयारा गाव स्थित प्रेमी के घर आई, पर किसी न किसी बहाने से मुझे वापस कर दिया जाता रहा।

अब यहीं रहना, सपना ने तय किया

सपना का कहना था कि मैने अपने माता-पिता व भाई की मर्जी की खिलाफ शादी की। इसलिए हमारे घरवालों ने भी हमसे किनारा कर लिया है। अब मै जाऊँ तो कहा जाऊं। उसने बताया कि इस दौरान पुलिस से भी मिली। पुलिस ने 10 दिन के अंदर न्याय दिलाने की बात कही। लेकिन पुलिस ने भी आनाकानी की। उसके बाद तय किया कि अब तो यहीं रहना है। खुद न्याय लेकर रहेंगे। इसलिए शनिवार की रात करीब बजे प्रेमी के घर पहुंची तो घरवालों ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। सपना ने पूरी रात बरामदे में गुजार दिया, परन्तु घरवालों का कलेजा नहीं पसीजा। सोमवार की रात करीब आठ बजे सपना अपना सारा सामान बैंग, अटैची, बिस्तर, पंखा लेकर शिवा अग्रहरि के घर आ धमकी। उसे देखते ही प्रेमी के घरवालों ने बाहर से दरवाजे मे ताला लगा दिया और सभी लोग मुझे छोड़कर घर के अंदर चले गए। उसने बरामदे में ही जमीन पर अपना बिस्तर लगाया। बाहर बरामदे में भूखी प्यासी अपने साथ लाई हनुमान जी की प्रतिमा के पास लेटी हुई थी। जागरण टीम मौके पर गई तो सपना फफक कर रो पड़ी।

उसने कहा कि पुलिस ने हमको दस दिन का समय दिया था, परन्तु अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई, अगर बयारा का कोई भी व्यक्ति हमे भोजन-पानी देता है तो शिवा अग्रहरि के घर वालें उससे गाली गलौज करने लगते हैं। इसलिए गाव वालें चाह कर भी मदद नहीं कर पा रहे हैं। अब तो मुझे यहीं रहना है। परिणाम चाहे जो भी हो।


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