लखनऊ तक पहुंचा प्रो. कमलेश का सत्याग्रह, विश्वविद्यालय के हेलीपैड पर चली क्लास
Satyagraha in Gorakhpur University विश्वविद्यालय से सम्बद्ध् महाविद्यालयों के शिक्षकों के संघ गुआक्टा के अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ लूटा और उससे जुड़े महाविद्यालयों का शिक्षक संघ लुआक्टा ने भी गोरखपुर के प्रोफेेसर कमेश गुप्ता का साथ देने की घोषणा कर दी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्ता द्वारा कुलपति के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन का दायरा बढ़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय के छात्र और बहुत से शिक्षक तो पहले से उनके द्वारा चलाए जा रहे सत्याग्रह में समर्थन में आगे आ गए थे, विश्वविद्यालय से सम्बद्ध् महाविद्यालयों के शिक्षकों के संघ गुआक्टा के अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ लूटा और उससे जुड़े महाविद्यालयों का शिक्षक संघ लुआक्टा ने भी साथ देने की घोषणा कर दी।
लूटा ने भेजा पत्र
लूटा के अध्यक्ष डा. विनीत कुमार वर्मा व महामंत्री डा. राजेन्द्र कुमार वर्मा और लुआक्टा के अध्यक्ष डा. मनोज पांडेय व महामंत्री डा. अंशु केडिया ने समर्थन पत्र भेजकर कहा है कि उनका संगठन प्रो. कमलेश के खिलाफ हुई कार्यवाही का विरोध करता है। यही नहीं, उन्होंने कुलाधिपति से भी अनुरोध किया है कि वह प्रो. कमलेश की न्यायोचित मांगों पर कार्यवाही सुनिश्चित कराएं। साथ ही सत्याग्रह करने वाले शिक्षक के निलंबन और साथ देने वाले शिक्षकों पर हुई कार्यवाही को स्वीकार न करें। इस कार्यवाही को रद कराने की कृपा करें। गुआक्टा के अध्यक्ष डा. केडी तिवारी और महामंत्री धीरेंद्र सिंह ने भी समर्थन देते हुए कहा कि न्याय की लड़ाई में वह प्रो. कमलेश के साथ हैं।
हेलीपैड पर विद्यार्थियों को पढ़ाया
उधर प्रो. कमलेश ने पूर्व निर्धारित योजना के तहत लगातार दूसरे दिन विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद हेलीपैड पर एमए तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों को पढ़ाया। पढ़ाने के बाद उन्होंने बताया कि तृतीय सेमेस्टर में उनके द्वारा पढ़ाने जाने वाले 'कबीर' विषय का कोर्स पूरा हो गया। कक्षा में विद्यार्थियों की विषय से जुड़ी शंकाए दूर की गईं। खुली कक्षा में कुल 13 विद्यार्थी मौजूद रहे। दोपहर बाद सवा प्रो. कमलेश प्रशासनिक भवन परिसर पहुंचे और वहां लगातार तीसरे दिन दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह शुरू किया। उनके पहुंचने के पहले ही कई विश्वविद्यालय के कई पूर्व शिक्षक और छात्र नेता वहां उनके समर्थन में जुट चुके थे। सत्याग्रह शुरू होने के बाद भी समर्थन के लिए पहुंचने वालों का सिलसिला जारी रहा। सत्याग्रह में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या 200 के करीब रही।
कारण बताओ नोटिस पाने वाले शिक्षकों का कटेगा वेतन
प्रो. कमलेश गुप्त के समर्थन पहले दिन आए, जिन सात शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस विश्वविद्यालय प्रशासन ने जारी किया थे, उनके एक दिन का वेतन भी काटा जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस संबंध में निर्णय ले लिया है, हालांकि किसी भी जिम्मेदार से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। उन शिक्षकों में से सत्याग्रह स्थल पर मौजूद प्रो. चंद्रभूषण अंकुर, प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी और प्रो. अजेय गुप्ता ने बताया कि उन्हें फिलहाल कोई कारण बताओ नोटिस जारी नहीं हुआ है। एक दिन का वेतन काटे जाने की बात भी सुनने में आई है लेकिन इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। प्रो. अंकुर ने कहा कि शिक्षक का वेतन काटने का अधिकार सिर्फ कार्य परिषद को है, वह भी तब जब कोई आरोप सिद्ध् हो।
समर्थन में रही इनकी मौजूदगी
गोविवि के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनंत मिश्र, उप्र विश्वविद्यालय आवासीय महासंघ के अध्यक्ष प्रो. चितरंजन मिश्र, प्रो. शिवशरण दास, फुपुक्टा के संयुक्त मंत्री डा. श्रीभगवान सिंह, गुआक्टा के अध्यक्ष डा. केडी तिवारी, पूर्व अध्यक्ष डा. श्रीश मणि त्रिपाठी, गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी डा. संजयन त्रिपाठी, कवि देवेन्द्र आर्य, स्ववित्त पोषित वित्त विहीन महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रवक्ता डा. चतुरानन ओझा, पूर्व छात्र नेता फतेह बहादुर सिंह, चेतना पाण्डेय, नारायण दत्त पाठक, गौरव वर्मा समेत 200 से अधिक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे
जारी रहेगा सत्याग्रह
प्रो. कमलेश की क्लास अब शुक्रवार से नहीं लगेगी। उनकी कक्षाएं अन्य शिक्षकों को आवंटित कर दी गई हैं। इस बात की जानकारी गुरुवार की देर शाम प्रो. कमलेश ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दी। सत्याग्रह जारी रहेगा। शुक्रवार को सत्याग्रह का समय उन्होंने दाेपहर बाद 2:20 से 3:20 बजे तक निर्धारित किया है। स्थान प्रशासनिक भवन परिसर ही रहेगा।
पूर्व शिक्षक संघ अध्यक्ष ने काली पट्टी बांधकर कार्य करने का किया अनुरोध
विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने शिक्षकों से अनुरोध किया है कि वह प्रो. कमलेश गुप्त के समर्थन में काली पट्टी बांध कर अध्यापन कार्य करें। उन्होंने यह भी कहा कि वह शुक्रवार की सुबह 10 बजे विश्वविद्यालय गेट पर पहुंचकर अपने हाथों को शिक्षकों को काली पट्टी देंगे।
इमरजेंसी की याद आ गई : प्रो. अनंत
प्रो. कमलेश गुप्त का समर्थन करने सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनंत मिश्र ने कहा कि जब उन्हें अखबारों के माध्यम से प्रो. कमलेश के निलंबन की जानकारी मिली तो इमरजेंसी की याद आ गई। उस दौरान भी लोगों पर झूठा आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया था और अब प्रो. कमलेश पर वैसे ही झूठे और हास्यापद आरोप लगाकर निलंबन की कार्रवाई की गई है। उस समय इंदिरा गांधी सत्ता के मद में चूर थीं और इस समय विश्वविद्यालय के कुलपति। जैसे सबने मिलकर इमरजेंसी का विरोध किया था, वैसे ही अब कुलपति का विरोध करना चाहिए।