फर्जी लाइसेंस : दोबारा खुलेगी रवि गन हाउस की सील, होगा असलहों का मिलान Gorakhpur News
शस्त्र लाइसेंस के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार रवि गन हाउस का संचालक रवि प्रकाश पांडेय बीते तीन माह से जेल में है। रवि की जमानत होने वाली थी लेकिन उसे रासुका में निरुद्ध कर दिया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में सील रवि गन हाउस को प्रशासन की निगरानी में नौ दिसंबर को दोबारा खोला जाएगा। लाइसेंस के फर्जीवाड़े में अहम भूमिका निभाने वाले रवि प्रकाश पांडेय के शस्त्र की दुकान को खोलने के लिए जिलाधिकारी ने अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। शस्त्रधारकों ने रवि आम्र्स में रखे गए शस्त्रों की सूची तैयार कर सत्यापन का भी अनुरोध किया है।
जांच कमेटी गठित
कमेटी में अपर नगर मजिस्ट्रेट (द्वितीय), सीओ कैंट और सीओ कोतवाली भी शामिल हैं। इसका मकसद शस्त्रों की अद्यतन स्थिति व वैधता की जांच कराना है। शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में जांच के लिए गठित मजिस्ट्रेटी टीम ने जांच के क्रम में रवि आम्र्स की बंद दुकान का सील सर्च वारंट लेकर खोला था। टीम ने दुकान में मौजूद अभिलेखों की जांच कर दुकान को पुन: सील कर दिया था। इसके बाद नवंबर में कई मूल शस्त्रधारकों ने व्यक्तिगत रूप से जिलाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर अपनी समस्या बताई। शस्त्रधारकों का कहना था कि लोकसभा चुनाव के दौरान रवि आर्म्स पर उन्होंने अपने असलहे जमा कर उसकी रसीद ली थी। 14 अगस्त को लाइसेंस का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद से अभी तक उनके शस्त्र मिल नहीं पाए हैं। दुकान सील होने के कारण इस बाबत कोई जानकारी भी नहीं मिल पा रही है जिसके कारण शस्त्र छुड़ा पाना संभव नहीं हो पा रहा है। जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के लिए 27 नवंबर को एक कमेटी का गठन कर दिया।
तीन माह से जेल में बंद है रवि प्रकाश पांडेय
शस्त्र लाइसेंस के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार रवि गन हाउस का संचालक रवि प्रकाश पांडेय बीते तीन माह से जेल में है। रवि की जमानत सोमवार को होने वाली थी लेकिन एक दिन पहले उसे रासुका में निरुद्ध कर दिया गया। इस कारण उसकी रिहाई पर रोक लग गई है।
ढूंढे नहीं मिल रहा रवि पांडेय का पता
जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) के नेतृत्व में टीम नौ दिसंबर को दुकान का सील खोलेगी। इसके लिए रवि आम्र्स पर दो दिसंबर को ही नोटिस चस्पा कर दी गई है लेकिन संचालक के आवास का पता मालूम नहीं होने के कारण अफसर ऊहापोह की स्थिति में हैं। अफसरों ने रवि आम्र्स के अगल-बगल के दुकानदारों से भी उसके आवास के बारे में जानकारी लेनी चाही लेकिन कोई दुकानदार उसका पता नहीं बताया। नोटिस में कहा गया है कि अगर नियत समय पर दुकानदार का प्रतिनिधि उपस्थित नहीं होता है तो आगे की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी जिसके लिए दुकानदार खुद जिम्मेदार होगा।
दस दिनों के अंदर रिपोर्ट देगी जांच कमेटी
इस संबंध में डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि रवि आम्र्स की दुकान में असलहों के सत्यापन के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी दुकान को खोलकर उसमें मौजूद असलहों का सत्यापन कर 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।