Move to Jagran APP

बढ़ा राप्ती का जलस्तर, तट पर बसे गांवों में दहशत

पहाड़ों पर लगातार हो रही मानसूनी बारिश से तहसील क्षेत्र के दक्षिण छोर से बहने वाली राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जिसके चलते नदी के तट व बाढ़ के निशाने पर हर बार आने वाले गांवों के लोगों में दशहत बन गई है। खतरे से बेखबर प्रशासन की सुस्ती लोगों की मुसीबत बढ़ा सकती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 06:30 AM (IST)
बढ़ा राप्ती का जलस्तर, तट पर बसे गांवों में दहशत
बढ़ा राप्ती का जलस्तर, तट पर बसे गांवों में दहशत

सिद्धार्थनगर : पहाड़ों पर लगातार हो रही मानसूनी बारिश से तहसील क्षेत्र के दक्षिण छोर से बहने वाली राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जिसके चलते नदी के तट व बाढ़ के निशाने पर हर बार आने वाले गांवों के लोगों में दशहत बन गई है। खतरे से बेखबर प्रशासन की सुस्ती लोगों की मुसीबत बढ़ा सकती है। जलस्तर में अगर इसी की वृद्धि बनी रही तो फिर बाढ़ पूरी तरह से दस्तक दे देगी। यही नहीं कटान का भी खतरा मंडराने लगा है। गागापुर, बिजौरा के पास हो रही कटान ने भी लोगों को चितित कर दिया है।

loksabha election banner

जलस्तर बढ़ने के साथ गागापुर गांव से होकर गुजरने वाले शाहपुर-सिगारजोत मार्ग के पास जिस तरह कटान हो रही है, उसको देखते हुए इस मार्ग के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। इसके अलावा बिजौरा के पास कृषि योग्य भूमि की नदी कटान कर रही है। उधर जलस्तर में वृद्धि से सफीपुर, जूड़ीकुइया, सिकंदरपुर, दखिन्हवा, बौनाजोत, बेलवा, विशुनपुर औरंगाबाद, बिजौरा, गागापुर, आजाद नगर, मनिकौरा, रोहाव बुजुर्ग आदि गांवों में बाढ़ को लेकर खतरा पैदा होने लगा है। क्योंकि जब भी सैलाब ने दस्तक दी, सबसे पहले यही सब गांवों चपेट में आते हैं। खेतों में धान की नर्सरी डाल चुके किसान को चिता सता रही है कि अगर जलस्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा तो खेत जलमग्न हो जाएंगे, फिर नर्सरी बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकेगा।

क्या कहते हैं ग्रामीण

गागापुर निवासी लल्लन चौहान व अक्षय शुक्ल कहते हैं कि डेढ़ दशक पूर्व राप्ती नदी यहां से कोसों दूर पड़ोसी जनपद बलरामपुर के सुरहिया देउर में थी, जिम्मेदारों की उदासीनता का नतीजा है कटान होते-होते नदी गागापुर तक पहुंच गई, मगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जाड़िया व बैजनाथ गुप्ता ने कहा कि उनका घर नदी के तट पर ही है, जलस्तर बढ़ने से परिवार सहित अगल-बगल के लोगों में दहशत बन जाती है। रतजगा करना पड़ता है कि बाढ़ कहीं रात में ही न तबाही मचा दे।

इटवा के एसडीएम उत्कर्ष श्रीवास्तव ने कहा कि बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। सभी बांधों व कटान स्थलों की जांच की जा रही है। जहां कहीं कोई समस्या है उसे ठीक करवाया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.