अभी अंधेरे में ही रहेगा राप्ती घाट, नगर निगम को हस्तांतरित होने के बाद होगा उजाला Gorakhpur News
गोरखपुर के राप्ती नदी के किनारे बने घाटों की रमणीयता की खूब तारीफ हो रही है लेकिन दिन ढलते ही ये घाट अंधेरे में डूब जा रहे हैं। लोग घाट किनारे घूमने जा रहे हैं पर शाम होते-हाेते वापस लौट जा रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। राप्ती नदी के किनारे बने घाटों की रमणीयता की खूब तारीफ हो रही है लेकिन दिन ढलते ही ये घाट अंधेरे में डूब जा रहे हैं। लोग घाट किनारे घूमने जा रहे हैं, पर शाम होते-हाेते वापस लौट जा रहे हैं। नियमाें के पेंच में फंसने के कारण अभी तक किसी विभाग की ओर से बिजली कनेक्शन के आवेदन नहीं किया गया है। जिसके कारण रात के समय रोशनी से जगमग घाट देखने की लोगों की इच्छा अभी अधूरी ही रह जा रही है।
बिना कनेक्शन के हो गया उद्घाटन
राप्ती नदी के तट पर सिंचाई विभाग की ओर से राप्ती नदी के बायें तट पर महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट एवं दायें तट पर रामघाट का निर्माण किया गया है। सिंचाई विभाग निर्माण पूरा कर इसे रख-रखाव के लिए नगर निगम को हस्तांतरित करेगा। सिंचाई विभाग ने हस्तांतरण की तैयारी शुरू भी कर दी है। इस बीच दोनों घाट पर बिजली की व्यवस्था नहीं हो पायी है। बिजली निगम के उप खंड अधिकारी प्रद्युम्न सिंह का कहना है कि किसी विभाग की ओर से राप्ती नदी के किनारे घाटों पर बिजली कनेक्शन देने के लिए आवेदन नहीं किया गया है।
घाट का निर्माण करने वाले सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र कुमार का कहना है कि हस्तांतरण के बाद नगर निगम को ही बिजली का कनेक्शन लेना है। इस बीच रामघाट पर बचा कुछ काम पूरा किया जा रहा है। रात में काम करने के लिए ठीकेदार द्वारा जनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा था। दो दिन से जनरेटर भी बंद है। दूसरी ओर नगर निगम का कहना है कि अभी उनके अधिकार क्षेत्र में घाटों का रख-रखाव नहीं है, इसलिए बिजली का कनेक्शन निगम नहीं ले सकता।
हस्तांतरण में लग सकता है न्यूनतम 15 दिन का समय
हस्तांतरण के लिए सिंचाई विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। एक-एक काम की सूची बनायी जा रही है। उम्मीद है कि करीब एक सप्ताह में यह सूची नगर निगम को सौंप दी जाएगी। इसके बाद नगर निगम की ओर से क्रास वेरीफिकेशन किया जाएगा। इसमें भी कम से कम सात दिनों का समय लग सकता है। उसके बाद ही हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होगी।
राप्ती नदी के किनारे बने घाट का हस्तांतरण अभी नहीं हो पाया है। नगर निगम को इसका हस्तांतरण किया जाएगा। उसके बाद नियमानुसार बिजली का कनेक्शन लिया जाएगा। - के. विजयेंद्र पाण्डियन, जिलाधिकारी।