Move to Jagran APP

परम सत्य क्‍या है, जानें-मोरारी बापू ने क्‍या बताया Gorakhpur News

मोरारी बापू ने कहा कि बीज का भी एक बीज है वह है राम नाम। राम नाम हर तरफ से सुख ही प्रदान करता है। राम नाम महामंत्र है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 07:00 PM (IST)
परम सत्य क्‍या है, जानें-मोरारी बापू ने क्‍या बताया Gorakhpur News
परम सत्य क्‍या है, जानें-मोरारी बापू ने क्‍या बताया Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रख्यात संत मोरारी बापू ने कहा कि परम सत्य के लिए वाचिक, शास्त्रीय या सैद्धांतिक सत्य को छोड़ा जा सकता है। श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध में अपनी प्रतिज्ञा तोड़ दी, वह वाचिक सत्य था। श्रीकृष्ण परम सत्य हैं। वासुदेव ने कंस को अपनी आठवीं संतान देने का वचन दिया था लेकिन जब आठवीं संतान हुई तो उन्होंने उसे गोकुल पहुंचा दिया। किसी ने पूछा कि आपने सत्य छोड़ा तो उन्होंने कहा वह वाचिक सत्य था, मुझे परम सत्य (श्रीकृष्ण) को बचाना है। कौशल्या राम से कहती हैं बेटा पिता का सत्य छोड़ दे मेरा परम सत्य वनवासी हो रहा है। परम सत्‍य के लिए यदि वाचिक सत्य, शास्त्रीय सत्य और सैद्धांतिक सत्य छूट रहा है तो छोड़ा जा सकता है।

loksabha election banner

यह बातें प्रख्यात संत मोरारी बापू ने कही। वह चंपा देवी पार्क में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में गोरखनाथ मंदिर व श्रीराम कथा प्रेम यज्ञ समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम कथा 'मानस जोगी कार्यक्रम में शुक्रवार को व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा सुना रहे थे।

परम सत्‍य राम

उन्होंने कहा परम सत्य 'राम है। बीज मंत्र का भी बीज है राम नाम। गोरख ने मत्स्येंद्रनाथ से पूछा मंत्र क्या है, बीज क्या है। मत्स्येंद्रनाथ ने कहा मंत्र ही बीज है। मोरारी बापू ने कहा कि बीज का भी एक बीज है, वह है राम नाम। राम नाम हर तरफ से सुख ही प्रदान करता है। राम नाम महामंत्र है।

मोक्ष और मुक्ति में अंतर भी समझाया

गोरखनाथ मत्स्येंद्रनाथ  से पूछते हैं कि भूमि क्या है, मत्स्येंद्रनाथ कहते हैं- भाव। भाव की भूमि में बीज बोओ। फिर गोरखनाथ पूछते हैं - सागर क्या है, मत्स्येंद्रनाथ कहते हैं- हृदय ही सागर है। फिर पूछते हैं मोक्ष क्या है और मुक्ति क्या है, मत्स्येंद्रनाथ कहते हैं एक फूल की सभी पंखुडिय़ां पूर्णरूपेण खुल जाएं और खिल जाएं वह मोक्ष है और उसकी महक सर्वत्र फैल जाए वह मुक्ति है। फिर पूछते हैं शून्य क्या है और पूर्ण क्या है, मत्स्येंद्रनाथ कहते हैं मन ही शून्य है, तेरी आत्मा पूर्ण है। मोरारी बापू कहते हैं बुद्ध का शून्य, नागार्जुन का शून्य, ओशो का शून्य व शंकराचार्य का पूर्ण, यही परम सत्य है। यही राम है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.