राजू श्रीवास्तव की कॉमेडी ने पहले गुदगुदाया फिर खूब हंसाया, यहां देखें- गोरखपुर महोत्सव के रंग Gorakhpur News
ठहाकों और हंसी के फुहारों के बीच गोरखपुर महोत्सव की दूसरी शाम राजू श्रीवास्तव के नाम रही।
गोरखपुर, जेएनएन। ठहाकों और हंसी के फुहारों के बीच महोत्सव की दूसरी शाम राजू श्रीवास्तव के नाम रही। प्रधानमंत्री की नकल उतारने की आजादी को असली लोकतंत्र बताने वाले इस मशहूर कॉमेडियन ने अपने जुमलों में योगी का भी नाम शामिल किया। स्वच्छ भारत मिशन की तारीफ से लेकर बढ़ती जनसंख्या पर कटाक्ष करते हुए राजू श्रीवास्तव ने लोगों को हंसाकर लोटपोट कर दिया।
मिमिक्री सिखाने को कहा और चाय बनाना सिखाकर चला गया
उत्तर प्रदेश राज्य फिल्म विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजूू श्रीवास्तव रविवार की रात दस बजे मुख्य मंच पर पहुंचे तो जोरदार तालियों और शोर के साथ दर्शकों ने उनका शानदार अभिवादन किया। स्वागत से अभिभूत राजू आए और मंच पर छा गए। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने खुद कहा कि मेरी मिमिक्री कर सकते हो, इससे बड़ी बात और क्या होगी। एक व्यक्ति ने सौ रुपये लेकर मुझे मोदी की मिमिक्री सिखाने को कहा और चाय बनाना सिखाकर चलता बना। स्व'छता अभियान पर बात रखते हुए उन्होंने कहा कि कानपुर में सुबह-सुबह रेलवे लाइन के किनारे डिब्बा लेकर जाने वाले साथ में छाता भी रखते हैं। ट्रेन आती है तो छाता आगे लगा लेते हैं। गोरखपुर वाले भी उनसे सीख सकते हें। बढ़ती जनसंख्या पर कटाक्ष के लिए मुंबई की लोकल ट्रेनों का सहारा लिया। बोले कि मुंबई की लोकल में अगर खुजली हो तो अपना शरीर ढूंढना पड़ता है, कई बार तो बगल वाला बोलता है कि ए भाई अपनी अपनी खुजाओ।
रिमोट को भी दर्द होता है
टीवी को भी हास्य का विषय बनाया। बोले कि रिमोट को भी दर्द होता है। जितने हाथों में जाता है उतनी बार चैनल बदला जाता है। बोले इतने चैनलों में फैशन टीवी अकेला फंसा हुआ है। लोग कहते हैं कि इतना गंदा आता है है कि परिवार के साथ नहीं देख सकते, सबको अलग अलग देखना पड़ता है। एक वृद्ध अकेले में फैशन टीवी चैनल तलाश रहे थे, मैने पूछा कौन सा चैनल ढूंढ रहे हो तो बोले जिसमेें आदिम जाति के लोग दिखाए जाते हैं। इस पर दर्शकों ने खूब ठहाके लगाए। एक घंटे तक राजू लोगों को हंसाते रहे।
आए और छा गए
राजू ने हंसी के जरिये टीवी के रिमोट का दर्द उठाया तो फैशन टीवी देखने का तर्क भी बेहतरीन अंदाज में रखा। भारत में भाषा विविधता को समझाने के लिए उन्होंने बिहार और बंगाल का उदाहरण दिया। किस तरह भजन भोजन हो जाता है और बिहार में र को ड़ बोलने के चलते भरवां बैंगन और भरवां मिर्ची का नाम क्या से क्या हो जाता है। अंत में राजू ने बारात मेें खाने का इंतजार करने वालों का अंदाज बयां किया तो पूरा पंडाल हंसी के ठहाकों से गूंज उठा। राजू श्रीवास्तव ने करीब एक घंटे महोत्सव मेें लोगों हंसाया।
भरत शर्मा के गीतों से महक उठी शाम
महोत्सव के दूसरे दिन रविवार की शाम जाने-माने लोक गायक भरत शर्मा 'व्यास' के लोक गीतों से महक उठी। उनके स्वर से निकले माटी के बोल जहां लोगों में अपनेपन का भाव भर गए वहीं वातावरण में भोजपुरी की मिठास भी घुली। हर प्रस्तुति पर लोगों ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत देवी गीत 'निमिया के डार मइया' से की। इसके बाद उन्होंने क्रमश: 'माई के बसेरवा', 'गोरिया चांद के अजोरिया नियर गोर बाटू हो' व 'पियवा सिवान से अन्हार भइले आइल' सहित कई गीतों की प्रस्तुति दी। उनकी शिष्या गुंजन पांडेय ने सरस्वती वंदना 'जो बोले सिखावे' व लोकगीत 'नौकरी सरकारी' प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी। वाद्ययंत्रों में तबला पर जगदंबा, ढोलक पर अभय पांडेय, कलानेट पर इदरीश, आर्गन पर गुलाम, बैंजो पर धर्मेंद्र, पैड पर पवन व झाल पर मोना ने संगत की। मुख्य अतिथि नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने स्मृति चिह्न प्रदान कर भरत शर्मा 'व्यास' को सम्मानित किया।
सात रसगुल्ले खाकर सुनीता बनीं विजेता
महोत्सव के दूसरे दिन महिला सेल की ओर से आयोजित 'रसगुल्ला खाओ' प्रतियोगिता लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। इसमें 80 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। एक मिनट में सात रसगुल्ले खाकर सुनीता पांडेय प्रथम जबकि छह रसगुल्ले खाकर मधुबाला द्वितीय स्थान पर रहीं। इससे पहले एकल गायन प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने गीत गाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसमें स्वीकृति मिश्रा प्रथम, करिश्मा गुप्ता द्वितीय, शिवांगी सिंह तृतीय रहीं। समूह नृत्य प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की वेशभूषा व नृत्य में विभिन्न राज्यों की संस्कृति दिखाई दी। मोहना ग्रुप की सुभद्रा, अनशुधा, शालू, उदभवी, निहारिका, पायल, वैशाली, अंकिता को प्रथम स्थान मिला। डांसिंग डीवा ग्रुप की अभिलाषा, अनु, प्रतिभा, खुशी, निहारिका दूसरे स्थान पर रहीं। पंखुड़ी, प्रीती व अंजलि के ग्रुप को तीसरा स्थान मिला।
वन्यजीव प्रदर्शनी देख उत्साहित दिखे लोग
महोत्सव में विभिन्न विभागों के लोगों ने अपना स्टाल लगाया है। वन विभाग के स्टाल पर ट्रैंकुलाइजर गन, पिंजरे रखे हुए हैं। लोग ट्रैंकुलाइजर गन के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं। इसके अलावा वन्यजीवों की चित्र प्रदर्शनी को देख रोमांचित नजर आ रहे हैं।
वन विभाग के स्टाल पर लोग ट्रैकुलाइजर गन के विषय में जानकारी ले रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारी उन्हें बता रहे हैं कि इस गन का उपयोग जानवरों को बेहोश करने के लिए किया जाता है। गन में दवा भरकर इसे जानवरों पर चलाया जाता है। इसका उपयोग हर व्यक्ति नहीं कर सकता है। प्रशिक्षित चिकित्सक ही इसका उपयोग कर सकते हैं। इस दौरान तमाम लोगों ने ट्रैकुलाइजर गन के साथ फोटो भी ली। स्टाल पर वन्यजीवों की चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। सभी चित्र पक्षी विज्ञानी चंदन प्रतीक के हैं। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न चिडिय़ाघर व जंगलों से उन्होंने यह तस्वीरें ली हैं।
नुक्कड़ नाटक के जरिए जल संरक्षण के प्रति कर रहे जागरूक
सामाजिक संस्था यूथ पावर एसोसिएशन की ओर से जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। संस्था के कलाकार जल संरक्षण, स्व'छ भारत अभियान एवं पर्यावरण संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन कर शहरवासियों को जागरूक कर रहे हैं। रविवार को मुख्य महोत्सव स्थल व गोरखनाथ मंदिर परिसर में नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। नाटक के जरिए पॉलीथिन का प्रयोग न करने, पानी बचाने, व अपने आसपास व नगर को स्व'छ रखने के लिए लोगो को प्रेरित किया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव प्रसाद शुक्ला ने बताया कि यह अभियान महोत्सव परिसर सहित शहर के विभिन्न जगहों पर भी चलाया जाएगा।
नुक्कड़ नाटक टीम में आदर्श राम त्रिपाठी, अरुण कुमार मिश्रा, देवांग त्रिपाठी, अमन सिंह, अदिति त्रिपाठी, शशिकांत पांडेय, अंजू उपाध्याय, शिवम खरवार, समृद्धि चौरसिया, सोने लाल पटेल, भूमिका पांडेय, शैलेश दुबे, सुरभि चौरसिया, हरि प्रकाश, रुचि मौर्या शामिल रहे।
कोहरा, हवा और ठंड के बीच भरी उड़ान
कोहरा, हवा और ठंड के बीच पैरामोटरिंग और हॉट एयर बैलून शो की दीवानगी बनी रही। रविवार को जहां 91 लोग हॉट एयर बैलून में सवार हुए तो वहीं 23 लोगों ने पैरामोटरिंग का आनंद लिया। चंपा देवी पार्क में रविवार सुबह से ही कोहरा छाया रहा। दोपहर 12 बजे बैलून में हवा भरने का काम शुरू हुआ लेकिन तेज हवाओं के कारण बैलून ठीक से ऊपर नहीं जा पा रहा था। आखिरकार तकरीबन सौ फीट पर बैलून को ले जाया जा सका। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण आयोजकों को ज्यादा भीड़ की उम्मीद थी। भीड़ आई भी लेकिन हवा के रुख के कारण दिक्कत हुई। आयोजक राजेश मणि त्रिपाठी, अनूप गुप्ता और एम अंसारी ने बताया कि लोगों में एडवेंचर के लिए जबरदस्त उत्साह है लेकिन मौसम साथ नहीं दे रहा है।