रामगढ़ ताल किनारे रेलवे बनाएगा माल, यहां बसाए जाएंगे कालोनी में रहने वाले रेल कर्मचारी
आरएलडीए ने 35 हजार वर्ग फिट में फैली रामगढ़ ताल कालोनी का सर्वे लगभग पूरा कर लिया है। अब कालोनी के ध्वस्त होने का इंतजार है ताकि निर्माण की प्रक्रिया पूरी की जा सके। निर्माण के लिए निजी संस्थाओं को आमंत्रित किया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। पर्यटकों को लुभाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की तैयारियां और पुख्ता होती जा रही हैं। गोरखपुर जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने के बाद रेलवे ने रामगढ़ ताल किनारे अपनी भूमि पर माल और रेस्ट हाउस बनाने की कवायद शुरू कर दी है। रामगढ़ ताल कालोनी को विकसित करने की जिम्मेदारी रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंपी गई है।
आरएलडीए ने 35 हजार वर्ग फिट में फैली रामगढ़ ताल कालोनी का सर्वे लगभग पूरा कर लिया है। अब कालोनी के ध्वस्त होने का इंतजार है, ताकि निर्माण की प्रक्रिया पूरी की जा सके। जानकारों का कहना है कि निर्माण के लिए निजी संस्थाओं को आमंत्रित किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भी कालोनी में रहने वाले कर्मचारियों को दूसरी जगह बसाने की तैयारी शुरू कर दी है। रेलकर्मियों के लिए बौलिया रेलवे कालोनी स्थित जटेपुर चौराहा पर टाइप थ्री के 100 फ्लैट तैयार किए जाएंगे। प्रस्ताव तैयार है। फ्लैट निर्माण के लिए भूमि चिह्नित कर ली गई है।
नोटिस से परेशान थे रेलकर्मी
रामगढ़ ताल कालोनी में 100 रेलकर्मी परिवार के साथ रहते हैं। विकास की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही रेलवे प्रशासन ने कालोनी के रखरखाव व सफाई आदि पर ध्यान देना छोड़ दिया है। फरवरी और मार्च में कर्मचारियों को आवास खाली करने का नोटिस भी जारी कर दिया। इससे कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई थी। उनका कहना था कि आखिर हम कहां जाएंगे। दैनिक जागरण ने कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया था। उसी की प्रक्रिया स्वरूप यह तैयारियां की जा रही हैं।
आरएलडीए को विकसित करने की दी गई जिम्मेदारी
इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकरी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि रामगढ़ ताल रेलवे कालोनी को विकसित करने की जिम्मेदारी आरएलडीए को दी गई है। कालोनी में रहने वाले कर्मचारियों के लिए जटेपुर चौराहा के पास 100 यूनिट फ्लैट तैयार करने का प्रस्ताव है।