इलेक्ट्रिक इंजन से फर्राटा भरने लगीं एनईआर की 162 जोड़ी ट्रेनें, दिसंबर तक 90 प्रतिशत ट्रेनें बिजली से चलेंगी
Railway News पूर्वोत्तर रेलवे में 77 प्रतिशत से अधिक रूट किमी का विद्युतीकरण हो चुका है और इस समय पूर्वोत्तर रेलवे पर 162 जोड़ी गाडिय़ों का संचालन विद्युत लोको से हो रहा है। इसके चलते डीजल खपत में भारी कमी हुई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वोत्तर रेलवे के मार्गों पर 162 जोड़ी ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से फर्राटा भरने लगी हैं। इसका सीधा असर पर्यावरण संरक्षण और रेल राजस्व पर पड़ा है। डीजल नहीं जलने से पर्यावरण संरक्षित हो रहा है और रेलवे के खर्चों में भी कमी आ रही है।
पूर्वोत्तर रेलवे को मिला परिवहन क्षेत्र में राष्ट्रीय ऊर्जा पुरस्कार-2021 का प्रथम पुरस्कार
ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को परिवहन क्षेत्र में राष्ट्रीय ऊर्जा पुरस्कार-2021 का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय योगदान को देखते हुए गोरखपुर स्टेशन को वाणिज्यिक भवन श्रेणी में उत्तर प्रदेश ऊर्जा संरक्षण प्रथम पुरस्कार, गोंडा रेलवे स्टेशन को द्वितीय पुरस्कार, मण्डल रेल प्रबंधक कार्यालय लखनऊ को शासकीय भवन श्रेणी में तृतीय पुरस्कार तथा यांत्रिक कारखाना को औद्योगिक वर्ग में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
डीजल खपत में भारी कमी
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे में 77 प्रतिशत से अधिक रूट किमी का विद्युतीकरण हो चुका है और इस समय पूर्वोत्तर रेलवे पर 162 जोड़ी गाडिय़ों का संचालन विद्युत लोको से हो रहा है। इसके चलते डीजल खपत में भारी कमी हुई है। वर्ष 2021-22 में लोको शट डाउन से अब तक कुल 5021 किलो लीटर डीजल की बचत हुई है, जिससे लगभग 43.5 करोड़ रुपये के रेल राजस्व की बचत हुई है।
नान ट्रैक्शन विद्युत ऊर्जा की खपत में काफी कमी आई है। दिसंबर 2021 तक पूर्वोत्तर रेलवे में कुल 4.72 एमडब्ल्यूपी क्षमता के रूफ टाप सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। सोलर पैनल से कुल 32.87 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जिसके फलस्वरूप 1.42 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई है।
दिसंबर तक पूरा हो जाएगा 90 प्रतिशत से अधिक मार्ग का विद्युतीकरण
दिसंबर 2022 तक पूर्वोत्तर रेलवे के 90 प्रतिशत से अधिक मार्ग का विद्युतीकरण हो जाएगा। मार्च तक आनंदनगर-बढऩी-गोंडा रेलमार्ग के विद्युतीकरण को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। रेल मंत्रालय ने 2023 तक पूर्वोत्तर सहित भारतीय रेलवे के सभी मार्गों के विद्युतीकरण का लक्ष्य है।