रेलवे ने अपने लिए खुद तैयार कर लिया सुरक्षा उपकरण Gorakhpur News
रेलवे ने यह व्यवस्था तभी से शुरू कर दी जबसे लाकडाउन हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर ने अपने कर्मचारियों को इसके लिए लगाया और बिना किसी शोर-शराबा के उक्त सामग्री तैयार कर ली।
गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में जब सबकुछ लॉक था, तब रेलवे का यांत्रिक कारखाना अनलॉक रहा। कारखाना प्रबंधन, इंजीनियरों और कर्मियों के जज्बे ने पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन को शुरुआत में ही आत्मनिर्भर बना दिया। यह आत्मनिर्भरता अन्य के लिए किसी नजीर से कम नहीं है।
नहीं देखना पड़ा बाजार का मुंह, यांत्रिक कारखाने में तैयार हो गया मास्क व सैनिटाइजर
पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई किट) हो या फेस शील्ड और मास्क। पूर्वोत्तर रेलवे को बाजार का मुंह नहीं देखना पड़ा। सुरक्षा उपकरणों के साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कारखाना कर्मियों ने रेलवे के लिए खुद सुरक्षा उपकरण तैयार कर दिया।
सभी कर रहे उपयोग
रेलवे अस्पताल के चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ कारखाने में बने पीपीई किट का ही उपयोग कर रहे हैं। विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए स्टेशनों पर रक्षक कोच के रूप में आइसोलेशन वार्ड खड़े हैं। अब जब अनलॉक-1 शुरू हो गया है तो कारखाने के कार्य में और तेजी आ गई है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि 24 मार्च से 31 मई तक कोविड-19 से बचाव के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
लॉकडाउन में यांत्रिक कारखाने की उपलब्धि
रक्षक कोच के रूप में 78 आइसोलेशन वार्ड। हैंड सैनिटाइजर - 1500 लीटर। 55 पैडल आपरेटेड हैंड सैनिटाइजर, 20 पैडल आपरेटेड वॉशबेसिन, 18500 फेस मास्क, 7200 पीपीई किट, 350 फेस शील्ड और 100 गाउन तैयार कर लिया है। इतनी संख्या में तैयार हुई सामग्री के बाद रेलवे अब निश्चिंत हो गया है। उसे खुद पर भरोसा है। उसने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों की सुरक्षा के लिए कम समय में उक्त सामग्री तैयार कर ली है। रेलवे की तैयारी कम चौंकाने वाली नहीं है। उसने यह व्यवस्था तभी से शुरू कर दी जबसे लाकडाउन हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर ने अपने कर्मचारियों को इसके लिए लगाया और बिना किसी शोर-शराबा के उक्त सामग्री तैयार कर ली।