रेलवे के इंजीनियरों ने खुद तैयार कर ली मशीन, अब बना रहे खाद Gorakhpur News
रेलवे कोचिंग डिपो के इंजीनियरों ने अपने संसाधन से एक दर्जन बायो कंपोस्ट मशीन तैयार की है। मशीनें स्टेशन और कोचिंग वाशिंग डिपो में जगह-जगह स्थापित की जा रही हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे के इंजीनियरों ने कचरा निस्तारण के लिए खुद बायो कंपोस्ट मशीन तैयार कर ली है। मशीन के जरिये खाद बनाना भी शुरू कर दिया है। खाद का प्रयोग बागवानी में की जाएगी। ताकि आसपास हरियाली बनी रहे।
एक दर्जन बायो कंपोस्ट मशीन तैयार
रेलवे कोचिंग डिपो के इंजीनियरों ने अपने संसाधन से एक दर्जन बायो कंपोस्ट मशीन तैयार की है। मशीनें स्टेशन और कोचिंग वाशिंग डिपो में जगह-जगह स्थापित की जा रही हैं। भविष्य में और मशीने तैयार करने व लगाने की योजना है। आम यात्रियों और कर्मचारियों को मशीन का उपयोग करने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। इंजीनियरों के इस अभिनव प्रयोग से पर्यावरण तो संरक्षित हो ही रहा है। स्टेशनों और आसपास के स्थलों पर कचरा भी नहीं फैल रहा।
इंजीनियरों ने 13 इज्जतघर भी तैयार की
यांत्रिक कारखाना के इंजीनियरों ने अपने संसाधनों से स्वयं 13 इज्जतघर तैयार कर स्टेशन के सामने स्थापित किया है। जिसका उपयोग आम लोग करते हैं। इज्जतघर स्थापित हो जाने से स्टेशन के सामने वाला क्षेत्र खुले में शौचमुक्त क्षेत्र (ओडीएफ) बन गया है।
प्लास्टिक कचरा से बनेगी नई सामग्री
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने कूड़ा प्रबंधन का मास्टर प्लान तैयार किया है स्टेशनों पर कचरा कलेक्शन और छंटाई की जिम्मेदारी निजी हाथों को सौंप दी गई है। प्लास्टिक के कचरे को री- साइकिलिंग कर उससे नई सामग्री बनाई जाएगी। गोरखपुर सहित लखनऊ मंडल के आठ स्टेशनों पर यह नई व्यवस्था शुरू हो चुकी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए रेलवे सदैव प्रयासरत
इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए रेलवे सदैव प्रयासरत है। इसीक्रम में स्टेशन परिसर की सफाई के लिए एजेंसियां नामित की गई हैं। जगह-जगह बायो कंपोस्ट मशीनें भी लगाई जा रही हैं।