रेल टिकट काउंटर बंद, परेशान हो रहे सैकड़ों लोग Gorakhpur News
डाक घरों में भी आरक्षित रेल टिकट बनाने की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। देवरिया में दस माह से इन काउंटरों पर ताला लटक रहे हैं जिसके चलते रेल यात्रियों को तो रेलवे स्टेशनों तक टिकट के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है
गोरखपुर, जेएनएन: रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए डाक घरों में भी आरक्षित रेल टिकट बनाने की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। देवरिया में दस माह से इन काउंटरों पर ताला लटक रहे हैं, जिसके चलते रेल यात्रियों को तो रेलवे स्टेशनों तक टिकट के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है या फिर टिकट दलालों के संपर्क में जाना पड़ रहा है। डाक घरों के रेल टिकट काउंटर बंद होने के चलते लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है।
2016 में खोले गए थे डाक घरों में टिकट काउंटर
वर्ष 2016 में जिले के चार डाक घर पथरदेवा, चकरा गोसाई, रुद्रपुर व बरहज में रेल टिकट काउंटर खोले गए। इसके अलावा कुशीनगर के कुशीनगर व हाटा में काउंटर खोले गए। बरहज रेलवे स्टेशन पर आरक्षण काउंटर खुलने के बाद बरहज डाक घर में यह सुविधा बंद कर दी गई, जबकि 2019 में रुद्रपुर में भी डाक घर में लगे सिस्टम को रेलवे के अधिकारी उठा ले गए। अब केवल कुशीनगर, हाटा, पथरदेवा व चकरा गोसाई में ही यह सिस्टम लगा हुआ है।
कोरोना संक्रमण काल में किए गए थे बंद
डाक घर में खुले टिकट काउंटर पर टिकट बन जाता था, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में 15 मार्च के बाद इन काउंटरों को रेलवे के निर्देश पर बंद कर दिया गया। इसके बाद इन काउंटरों पर किसी की नजर नहीं पड़ी। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो चकरा गोसाई में फरवरी माह में 233 लोगों ने अपना टिकट बनवाया और एक लाख 26 हजार रुपये का राजस्व विभाग को मिला। जबकि मार्च माह में 98 हजार रुपये के टिकट बिके। यही स्थिति पथरदेवा डाक घर में भी रही।
कोरोना काल में अधिकारियों के निर्देश पर बंद किए गए थे काउंटर
डाक अधीक्षक फूलचंद यादव ने बताया कि सभी काउंटरों से अच्छा रेल टिकट बिक जाता था, कोरोना संक्रमण काल में इन काउंटरों को रेल अधिकारियों के निर्देश पर बंद किया गया था, आज भी यह काउंटर बंद है। दिशा-निर्देश मिलने पर इन काउंटरों को पुन: खोला जाएगा।