संवेदनशील पदों पर तैनात रेल कर्मचारियों का मार्च तक नहीं होगा स्थानांतरण Gorakhpur News
रेलवे की इस नई व्यवस्था से विजिलेंस टीटीई बुकिंग क्लर्क इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल सिग्नल व परिचालन विभाग में तैनात रेलकर्मियों को राहत मिली है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना काल में रेलवे ने धीरे-धीरे अपने खर्चों में कटौती शुरू कर दी है। इसीक्रम में रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को प्रीयाडिकल ट्रांसफर (आवधिक स्थानांतरण) पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। संवेदनशील पदों पर तैनात रेलकर्मियों को मार्च 2021 तक किसी दूसरे विभाग, मंडल या जोन में स्थानांतरण नहीं होगा। रेलवे प्रशासन प्रशासनिक आवश्यकतानुसार स्थानांतरण कर सकता है।
विजिलेंस, टीटीई, बुकिंग क्लर्क व आपरेटिंग के हजारों कर्मियों को मिली राहत
रेलवे बोर्ड ने कोविड 19 का हवाला देते हुए इस आशय का दिशा-निर्देश भारतीय रेलवे के समस्त जोनल रेलवे को जारी कर दिया है। रेलवे की इस नई व्यवस्था से विजिलेंस, टीटीई, बुकिंग क्लर्क, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, सिग्नल व परिचालन विभाग में तैनात रेलकर्मियों को राहत मिली है।
चार साल पर ही होता है तबादला
दरअसल, इन विभागों के संवेदनशील पदों पर तैनात कर्मियों का नियमानुसार आवधिक स्थानांतरण चार साल पर होता रहता है। स्थानांतरण में रेलवे को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। पूर्वोत्तर रेलवे में ही लॉकडाउन के पहले बड़ी संख्या में कर्मचारियों का तबादला किया गया। गोरखपुर में तैनात 211 टीटीई को दूसरे जगह तबादला कर दिया गया। हालांकि, इसको लेकर रेलवे प्रशासन को विरोध का भी सामना करना पड़ा था। विरोध के कारण अधिकारी भी खामोश थे। लेकिन इस बार के तबादले से विरोध नही होगा। अपितु कर्मचारी प्रसन्न नजर आ रहे हैं।
कर्मचारी संगठनों ने जताई प्रसन्नता, बोले- मिलेगी राहत
रेलवे बोर्ड के इस निर्णय पर कर्मचारी संगठनों ने प्रसन्नता जताते हुए कहा है कि इससे राहत मिलेगी। नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे और आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने इस मामले को बोर्ड के समक्ष भी रखा था। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त ने इस फैसले को कर्मचारी हित में बताया है। वहीं पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद कुमार राय ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि स्थानांतरण से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती। कर्मचारी भी परेशान होते।