Move to Jagran APP

Manish Gupta Murder Case: राहुल व प्रशांत ने कहा- हम कमरे में पहुंचे तो फर्श पर पड़ा था मनीष

Manish Gupta Murder Case आरोपित दारोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत यादव से एसआइटी ने आठ घंटे पूछताछ की। इस दौरान मुख्य आरोपितों से पूछे गए सवालों को इनके सामने भी दोहराया। घटना के बारे में पूछने पर बताया कि घटना के समय कमरे के अंदर दोनों नहीं थे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 04:02 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 04:02 PM (IST)
Manish Gupta Murder Case: राहुल व प्रशांत ने कहा- हम कमरे में पहुंचे तो फर्श पर पड़ा था मनीष
मनीष हत्‍याकांड में एसआइटी आरोप‍ियों से लगा‍तार पूछताछ कर रही है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपित दारोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत यादव से एसआइटी ने आठ घंटे पूछताछ की। इस दौरान मुख्य आरोपितों से पूछे गए सवालों को इनके सामने भी दोहराया। 200 सवालों के जवाब में दोनों खुद को बेगुनाह बताते रहे। घटना के बारे में पूछने पर बताया कि घटना के समय कमरे के अंदर दोनों नहीं थे। जेएन स‍िंह के फोन करने पर पहुंचे तो बताया गया कि शराब के नशे में गिरने की वजह से मनीष को चोट लगी है। इंस्पेक्टर के कहने पर ही मानसी हास्पिटल ले गए।वहां से दूसरे पुलिसवाले मनीष को मेडिकल कालेज ले गए। आप लोग चाहे तो काल डिटेल और सीसी कैमरे का फुटेज देख सकते हैं।इस मामले में दोनों नामजद भी नहीं है लेकिन उनका नाम बढ़ा दिया गया।

loksabha election banner

एसआइटी ने पूछे यह प्रमुख 11 सवाल

सवाल: 27 सितंबर की रात कमरे में क्या हुआ था?

जवाब: जांच के समय कमरे के अंदर हम लोग मौजूद नहीं थे।

सवाल: मारपीट किसने की थी?

जवाब: कमरे में गए ही नहीं थे, हम लोगों को गिरकर घायल होने की जानकारी मिली थी

सवाल: आप निर्दोष है, इसका कोई प्रमाण है?

जवाब: इंस्पेक्टर ने फोन करके बुलाया था। काल डिटेल चेक कर लिजिए। मनीष को वह लोग सिर्फ अस्पताल लेकर गए थे।

सवाल: मनीष को मेडिकल कालेज ले जाने में देरी क्यों हुई?

जवाब: हम लोग मानसी हास्पिटल तक ही गए थे, मेडिकल कालेज दूसरे पुलिसकर्मी गए थे।

सवाल: देरी क्यों हुई, बता सकते है?

जवाब: हम लोग गए ही नहीं थे, इसलिए कुछ बता नहीं सकते।

सवाल: होटल के कमरे से खून साफ क्यों कराया?

जवाब: होटल की सफाई पुलिस ने नहीं कराई थी, सीसी फुटेज देख सकते हैं।

सवाल: मनीष के दोस्तों ने क्या बताया था?

जवाब: मनीष के दोस्तों ने खुद पहले गिरकर घायल होने की बात कही थी,बाद में पीटने का आरोप लगाने लगे।

सवाल: गलती नहीं तो फरार क्यों हो गए थे?

जवाब: मुकदमा दर्ज होने के बाद कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं था। अनहोनी के डर से भाग गए।

सवाल: किस सूचना पर जांच के लिए गए थे?

जवाब: हम लोग इंस्पेक्टर के बुलाने पर गए थे

सवाल: अधिकारियों को घटना की सही जानकारी क्यों नहीं दी?

जवाब: घटना के संबंध में किसी भी अधिकारी ने हमसे बात नहीं की। इंस्पेक्टर ने ही ब्रीफ किया था, तब हम लोग साथ नहीं थे।

सवाल : फरारी के दौरान कहां रहे, किसने मदद की?

जवाब : मोबाइल बंद करके नेपाल बार्डर के पास छिपे रहे। गिरफ्तारी का दबाव बढऩे पर कोर्ट में सरेंडर गोरखपुर आए थे लेकिन पकड़ लिए गए।

दोस्तों ने भी बताई थी गिरने की बात

आरोपितों ने एसआइटी को बताया कि रात में मनीष के दो दोस्तों ने भी शराब के नशे में गिरने की जानकारी दी थी।अगले दिन सुबह जब मनीष के स्वजन व रिश्तेदार पहुंचे तो बयान से मुकर गए थे। हम लोगों की इस मामले में कोई गलती नहीं है।केवल थानेदार के बुलाने पर मौके पर गए थे।

जेल में अक्षय से नहीं मिल पाया भाई

मंगलवार की सुबह इंस्पेक्टर जेएन स‍िंह के सिपाही भाई ने जेल प्रशासन को मुलाकात की अर्जी दी। आरटीपीसीआर के साथ मुलाकात करने पहुंचे भाई को जेल प्रशासन ने मुलाकात की अनुमति दी। वह अपने साथ जेएन ङ्क्षसह के लिए कपड़ा, लोवर टी शर्ट, अंडर वीयर, बनियान, ड्राई फ्रूट, चने का भूजा, प्याज, हरी मिर्च और फल लेकर गए थे। उनकी मुलाकात के कुछ देर बाद अक्षय मिश्रा के भाई भी मुलाकात करने पहुंचे लेकिन आरटीपीसीआर रिपोर्ट न होने की वजह से जेल प्रशासन ने लौटा दिया। अपने साथ ले आए अक्षय मिश्रा को देने के लिए वह जो सामान लेकर आए थे जेल के बाहर काउंटर पर जमा कर दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.