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जिसे मां ने फेंका, उसे पाने की लगी कतार Gorakhpur News

मंदिर में बच्चा मिलने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। हर कोई बच्चे को दुआएं दे रहा था और बच्चा छोडऩे वाली मां को कोस रहा था। आधा दर्जन से अधिक लोगों ने बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 07:59 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 10:09 PM (IST)
मंदिर परिसर में लावारिस पाया गया बच्‍चा।

गोरखपुर, जेएनएन। संत कबीरनगर के ऐतिहासिक तामेश्वरनाथ धाम में बीते बुधवार की रात ममता कलंकित हुई। एक मां ने अपने जिगर के टुकड़े को मंदिर में फेंक दिया। उस बच्चे को अपनाने के लिए कई लोग तैयार हो गए। हर कोई उस मां को लानत दे रहा है। लोग कह रहे हैं कि पता नहीं कैसे उसने अपनी कोख उजाड़ ली। बच्चे को फेकते समय उसको दया नहीं आई। बच्चे की बददुआ कभी भी उसे चैन से नहीं जीने देगी।

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रात के करीब नौ बजे तामेश्वरनाथ के हेमंत चौरसिया को हनुमान मंदिर में बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। वह मौके पर पहुंचे तो एक बच्चा जार-बेजार था। उनके शोर मचाने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। सूचना पुलिस को दी गई। हेमंत बच्चे को लेकर अपने घर आ गए। गुरुवार की सुबह मंदिर में बच्चा मिलने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। हर कोई बच्चे को दुआएं दे रहा था और बच्चा छोडऩे वाली मां को कोस रहा था। बीस घंटे तक बच्चा गांव वालों के पास रहा। इस दौरान सैकड़ों लोग उसे देखने पहुंचे।

बच्चे को अपनाने की लगी होड़

आधा दर्जन से अधिक लोगों ने बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई है। इसके लिए वह लोग प्रयास भी कर रहे हैं। तामेश्वरनाथ के राम सजीवन अग्रहरि, श्रवण कुमार, मरवटिया के अर्जुन राय, शोभा, लालती देवी, गोनौरा के राजेश, गोरखपुर के परमात्मा प्रसाद, सुमित्रा देवी समेत कई लोग बच्चे को अपनाने को तैयार हैं। हालांकि कानूनी पहलू को लेकर फिलहाल बच्चा प्रशासन की देखरेख में बस्ती जनपद के चाइल्ड लाइन-1098 में रखा गया है।

फुल पैंट-टीशर्ट और जूते में था बच्चा

ग्रामीणों का कहना है कि देखने में बच्चा अच्छे घर का लग रहा है। हेमंत ने बताया कि बच्चा जब मिला तो फुल पैंट-टीशर्ट और जूता-मोजा पहने था। उसके बगल में दूध की बोलत भी रखी थी। पूरी तरह से वह स्वस्थ था। अभी उसके दांत नहीं निकले हैं। दुलार करने पर वह कभी-कभी मुस्करा भी रहा है।

सीसीटीवी में कैद है पूरी घटना

मंदिर के बाहर लगे चौरसिया किराना भंडार की सीसीटीवी फुटेज में बुधवार की रात आठ बजकर पांच मिनट पर एक महिला रेनकोट पहनकर मंदिर परिसर में प्रवेश करती है। उस समय बारिश हो रही थी। बिजली भी गुल थी। बच्चा महिला की गोंद में था। रात को आठ बजकर 21 मिनट पर महिला मंदिर परिसर से बाहर निकलती है। मंदिर से कुछ दूर राकेश सिंह के आवास पर लगे सीसीटीवी में वही महिला एक युवक के बुलेट मोटरसाइकिल पर बैठकर जाती दिखती है। बाइक पर कोई नंबर नहीं था।

बच्चे को गोद लेने का क्या है नियम

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अमित उपाध्याय बताते हैं कि बच्चे को तभी गोद लिया जा सकता है जब वह कानूनी रूप से मुक्त हो। एक परित्यक्त या त्यागे हुए बच्चे के मिलने पर, जिला बाल संरक्षण यूनिट राज्य के व्यापक समाचार पत्रों में बच्चे की तस्वीर और विवरण के साथ अलर्ट जारी करती है। स्थानीय पुलिस से उसके माता-पिता का पता लगाने का अनुरोध करती है। बच्चे को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से तब स्वतंत्र माना जाता है, जब पुलिस यह रिपोर्ट दे देती है कि बच्चे के माता-पिता का पता नहीं लगाया जा सका है। बच्चे को गोद लेने में सक्षम होने के लिए भावी दत्तक माता-पिता के लिए

शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से स्थिर व स्वस्थ होना चाहिए। वह आर्थिक रूप से बच्चे को संभालने में सक्षम होने चाहिए। भावी माता-पिता को किसी भी प्रकार के गंभीर या जीवन-घातक रोग नहीं होने चाहिए। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के मामलों को छोड़कर तीन या अधिक बच्चों वाले माता-पिता को गोद लेने के लिए योग्य नहीं माना जाता है। एक अकेली महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है, हालांकि, एक अकेला पुरुष बेटी गोद लेने के लिए योग्य नहीं माना जाता।


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