Move to Jagran APP

जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर में रहेगा 'माननीयों' के पत्रों का हिसाब-किताब

जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का अधिकारियों द्वारा संज्ञान न लिए जाने की शिकायतों पर शासन ने दिया दिशा निर्देश

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 03:30 PM (IST)
जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर में रहेगा 'माननीयों' के पत्रों का हिसाब-किताब
जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर में रहेगा 'माननीयों' के पत्रों का हिसाब-किताब

गोरखपुर : जनप्रतिनिधियों की चिट्ठी का अधिकारियों के संज्ञान न लेने की शिकायत दूर करने के लिए शासन ने सभी विभागों को अलग से 'जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर' बनाने तथा हर विभाग में नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया है। रजिस्टर में न केवल चिट्ठी का संदर्भ और अन्य विवरण दर्ज होगा, बल्कि उसपर की गई कार्रवाई की भी जानकारी अंकित की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए शासन स्तर पर भी प्रत्येक शाखा में अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।

loksabha election banner

प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही कई सांसदों, विधान मंडल दल (विधायक और एमएलसी) के सदस्यों तथा अन्य जन प्रतिनिधियों की यह शिकायत रही है कि जिले स्तर पर अधिकारी न तो उनकी बात को गंभीरता से लेते हैं और न ही उनके पत्र का ही कोई संज्ञान लेता है। कई बार सत्ताधारी दल के सांसद और विधायक भी इस तरह की शिकायतें दर्ज कराते रहे हैं। सत्ताधारी दल से जुड़े जनप्रतिनिधियों की इस तरह की शिकायतें समाचार पत्रों में प्रमुखता से छपती भी रही हैं। जनप्रतिनिधियों की इस तरह की शिकायतों को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार के निर्देश पर विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन कौशलेंद्र यादव ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव तथा सचिवों के साथ ही पुलिस महानिदेशक, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा है।

पत्र में शासन स्तर पर सभी विभागों में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाए जाने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह से विभागाध्यक्ष स्तर पर संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी, जिलाधिकारी स्तर पर उप जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्तर पर पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा गया है।

नोडल अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि सांसदों, विधानमंडल दल के सदस्यों और अन्य जनप्रतिनिधियों के पत्र का व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लें। उनका विवरण जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर में दर्ज कराएं तथा बाद में उसपर की गई कार्रवाई से संबंधित जानकारी भी दर्ज कर शासन स्तर पर नियुक्त विभागीय नोडल अधिकारी को संदर्भ के साथ ही इससे अवगत कराएं। इसके साथ ही संबंधित जनप्रतिनिधि को भी उनके पत्र पर की गई कार्रवाई के बारे में पत्र भेजकर अवगत कराने की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.