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रात में पत्नी को बताई थी कर्ज में डूबे होने की बात, सुबह प्रॉपर्टी डीलर ने ट्रेन के आगे कूदकर दे दी जान Gorakhpur News

पत्नी अन्नू राय के मुताबिक बुधवार रात बातचीत के दौरान उन्होंने लाखों रुपये के कर्ज में डूबे होने की बात कही थी। सुबह थोड़ी देर में लौटकर आने की बात कहकर घर से निकले थे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 05:15 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 05:15 PM (IST)
रात में पत्नी को बताई थी कर्ज में डूबे होने की बात, सुबह प्रॉपर्टी डीलर ने ट्रेन के आगे कूदकर दे दी जान Gorakhpur News
रात में पत्नी को बताई थी कर्ज में डूबे होने की बात, सुबह प्रॉपर्टी डीलर ने ट्रेन के आगे कूदकर दे दी जान Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रॉपर्टी डीलर 45 वर्षीय विजय कुमार राय ने गुरुवार सुबह नंदानगर रेलवे क्रॉसिंग के पास ट्रेन से कटकर जान दे दी। वह लाखों रुपये के कर्ज में थे। अवसाद का उपचार भी चल रहा था। माना जा रहा है कि कर्ज के दबाव में उन्होंने खुदकुशी की है।

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मूल रूप से मऊ जिले में जमालपुर गांव के रहने वाले विजय, कैंट क्षेत्र के रानीडीहा में दिव्यनगर कॉलोनी में किराये का मकान लेकर पत्नी अन्नू राय व बेटे रमन राय के साथ रहते थे। एक दोस्त के साथ मिलकर जमीन का कारोबार करते थे।  बैंक रोड स्थित सुनंदा टावर में सृष्टि इंफ्रासिटी के नाम से उन्होंने कार्यालय खोल रखा था। पत्नी अन्नू राय के मुताबिक बुधवार रात बातचीत के दौरान उन्होंने लाखों रुपये के कर्ज में डूबे होने की बात कही थी। सुबह थोड़ी देर में लौटकर आने की बात कहकर घर से निकले थे। 10 बजे के करीब पुलिस से उन्हें पति के खुदकुशी कर लेने की सूचना मिली। लोगों के अनुसार नंदानगर क्रॉसिंग परविजय 9.30 बजे के आसपास बाइक से रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचे थे। कुछ देर बाद बिहार से अहमदाबाद जा रही ट्रेन के सामने कूद गए। वह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। बड़े भाई असुरन इलाके में रहते हैं। दूसरे नंबर के भाई गांव पर पिता गोरख राय के साथ रहकर खेती-बारी का काम देखते हैं।

लॉकडाउन में डूबा कारोबार

लॉकडाउन से ठीक पहले विजय ने बेलीपार इलाके में बाघागाड़ा के पास काश्तकार से जमीन ली थी। कुछ पैसे का भुगतान कर बाकी तीन-चार माह में देने को कहा था। उन्होंने कई लोगों से एडवांस भी ले लिया था। इसी बीच लॉकडाउन के कारण धंधा ठहर गया। लॉकडाउन शुरू होते ही वह गांव चले गए थे। 15 दिन पहले गोरखपुर लौटे तो एक तरफ काश्तकार ने बकाया मांगना शुरू कर दिया तो दूसरी तरफ एडवांस देने वाले लोगों ने भी रकम वापस मांगनी शुरू कर दी।

दोस्त से विवाद के बाद हाथ से निकल गई थी सफारी गाड़ी

जिस दोस्त के साथ वह जमीन का कारोबार करते थे, हिसाब-किताब को लेकर कुछ दिन पहले उससे विवाद हो गया था। दोस्त के कहने पर इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी पुलिस ने उनकी सफारी गाड़ी पुलिस चौकी पर रोक ली थी। इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी इंचार्ज महेंद्र मिश्र ने बताया कि विजय के नाम से सफारी गाड़ी थी और उनके पार्टनर के नाम से स्विफ्ट डिजायर कार। सफारी गाड़ी से विजय के मित्र चलते थे जबकि मित्र की स्विफ्ट कार का इस्तेमाल विजय करते थे। छह माह पहले इंजीनियरिंग कॉलेज इलाके में स्विफ्ट डिजायर कार सवारों ने युवती से छेडख़ानी की थी। इस मामले में पुलिस ने कार को कब्जे में ले लिया था। इसके बाद विजय के मित्र ने उनकी सफारी गाड़ी लौटाने से मना कर दिया था। बाद में विजय ने कैंट थाने में सफारी गाड़ी चोरी होने का मुकदमा कराया। पुलिस ने सफारी गाड़ी जब्त कर ली थी। 


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