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NER in central budget : परियोजना 1345 करोड़ की, मिले मात्र दस लाख रुपये Gorakhpur News

गोरखपुर-कुशीनगर-पड़रौना तक 64 किलोमीटर रेल पटरी बिछाने की 1345 करोड़ रुपये की परियोजना को सरकार ने केवल दस लाख रुपये दिया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 02:23 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 02:36 PM (IST)
NER in central budget : परियोजना 1345 करोड़ की, मिले मात्र दस लाख रुपये Gorakhpur News
NER in central budget : परियोजना 1345 करोड़ की, मिले मात्र दस लाख रुपये Gorakhpur News

गोरखपुर/कुशीनगर, जेएनएन। रेलवे की 1345 करोड़ रुपये की एक परियोजना को सरकार ने दस लाख रुपये दिया है। 64 किमी लंबी यह परियोजना गोरखपुर-कुशीनगर-पड़रौना तक 64 किलोमीटर रेल पटरी बिछने के साथ मार्ग में छह स्टेशन बनने की है।

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पूर्वोत्तर रेलवे को मिले हैं 2943 करोड़ रुपए

बता दें कि पूरक बजट में पूर्वोत्तर रेलवे को भले ही 2943 करोड़ रुपए मिले हैं। इसमें गोरखपुर-कुशीनगर रेल परियोजना को जिंदा रहे इसके लिए बजट में सरकार ने 10 लाख का प्रस्ताव किया है। अब लोगों को पूर्ण बजट के लिए अगले वित्तीय बजट के पेश होने का इंतजार करना पड़ेगा। इस परियोजना के लिए पूर्वोत्तर रेलवे वित्तीय स्वीकृति का इंतजार कर रहा था। केंद्र में नई सरकार बनने के बाद पेश पूरक बजट में उम्मीद थी कि वित्तीय स्वीकृति मिलते ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे की कई परियोजनाओं को 2943 करोड़ का बजट मिला, पर कुशीनगर रेल परियोजना को मात्र 10 लाख का बजट दिया गया।

2016 में मिली थी मंजूरी

2016 में रेल लाइन की मंजूरी के बाद रेलवे ने बेसिक व फाइनल सर्वे कराकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) रेलवे बोर्ड को भेज दिया था। योजना के तहत गोरखपुर-कुशीनगर-पड़रौना रेल परियोजना के तहत 64 किमी रेल पटरी बिछने के साथ मार्ग में छह स्टेशन बनने हैं। परियोजना के पूरा होने में पांच साल का वक्त लगता। रेल लाइन के बनने से लोगों को यातायात की बेहतर सुविधा मिलती। दूसरी तरफ पुरातात्विक व पर्यटन के महत्व के स्थल होने के नाते कुशीनगर का काफी विकास होता। भारतीय व विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती। लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर भी मिलते। पर वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने से लोग निराश हुए हैं।

भावनाओं से खिलवाड़

कुशीनगर के युवा बौद्ध भिक्षु भंते महेंद्र ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हैं। उनका कहना है कि सरकार एक ओर पर्यटन स्थलों के विकास के आधारभूत ढांचा खड़ा करने की बात करती है तो दूसरी तरफ परियोजनाओं के साथ राजनीति कर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करती है।

जल्‍द शुरू हों परियोजनाएं

होटल कारोबारी आरएम गुप्ता का कहना है कि केवल बौद्ध सर्किट का विकास यदि सरकार वास्तव में चाहती है तो रेल व एयरपोर्ट परियोजना जल्द शुरू करे।

यात्री सुविधाओं के लिए मिले 186 करोड़

रेल और वित्त मंत्रालय ने इस बार के बजट में यात्रियों का खास ख्याल रखा है। बजट से नई योजनाएं और ट्रेनें तो गायब हैं, लेकिन स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं के लिए पर्याप्त धन मिला है। सिर्फ पूर्वोत्तर रेलवे को ही यात्री सुविधाओं के नाम पर पिछले बजट के सापेक्ष दोगुना से अधिक धन मिला है।  पिछले बजट में पूर्वोत्तर रेलवे को यात्री सुविधाओं के विकास के लिए 91 करोड़ की धनराशि मिली थी, इस बार राशि दोगुना से अधिक 186 करोड़ हो गई है। विभागीय जानकारों के अनुसार इस धन से छोटे स्टेशनों का भी विकास किया जाएगा। ए वन और ए श्रेणी के स्टेशनों के अलावा बी और सी श्रेणी के स्टेशनों पर रेल मंत्रालय का ध्यान गया है। स्टेशनों पर फुट ओवर ब्रिज, एस्केलेटर, लिफ्ट और बैठने के लिए अधिक से अधिक कुर्सियां स्थापित की जाएंगी। बुकिंग हाल, पार्सल घर, वेटिंग हॉल और स्टेशन परिसर का सुंदरीकरण होगा। छोटे स्टेशनों का उ'चीकरण होगा, नए शेड बनाए जाएंगे। पानी, बिजली, पंखा के अलावा प्रसाधन केंद्रों की भी पर्याप्त व्यवस्था होगी।

इन कार्यों के लिए भी मिला अधिक धन

- ओवर ब्रिज एंड अंडर पास के लिए 176 करोड़, पिछली बार मिला था 156 करोड़

- ट्रैक रीन्यूवल के लिए 457 करोड़, पिछली बार मिला था 410 करोड़

पिछली बार के बजट से हुआ कार्य

- प्लेटफॉर्म नंबर नौ को व्यवस्थित किया गया, फर्श बनी

- स्टेशन डायरेक्टर, प्रबंधक और यात्री मित्र कार्यालय को अपग्रेड किया गया

- वीआइपी गेट पर एसी लाउंज के  पास टेराकोटा और हेरिटेज कल्चरल का शो-केस रखा गया है

- जंक्शन पर पानी की सप्लाई और वर्षा के पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था हुई है

- स्टेशन परिसर को और व्यवस्थित करने के साथ सुंदरीकरण हो रहा है

यात्री सुविधाओं के लिए दो गुना धन मिला है। यात्री सुविधाओं का विकास होगा। यात्रियों को सहूलियतें मिलेंगी। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे


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