नीदरलैंड के प्रो. वार्नियर ने कहा, केवल प्रौद्योगिकी से नहीं ठीक होगा जलवायु परिवर्तन Gorakhpur News
डेल्फ विश्वविद्यालय नीदरलैंड के प्रो. मार्टिन वार्नियर ने कहा कि केवल प्रौद्योगिकी के स्तर पर इस समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता।
गोरखपुर, जेएनएन। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में डेल्फ विश्वविद्यालय नीदरलैंड के प्रो. मार्टिन वार्नियर का व्याख्यान हुआ। डिजाइनिंग क्लाइमेट रेजीलिएंट एनर्जी सिस्टम विषय पर व्याख्यान देते हुए प्रो. वार्नियर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मनुष्यता के समक्ष एक गंभीर समस्या है। प्रौद्योगिकी की दुनिया इसका समाधान ढूढने की कोशिश कर रही है लेकिन केवल प्रौद्योगिकी के स्तर पर इस समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। क्लाइमेट रेजीलेंट टेक्नालॉजी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
सिविक एप की जानकारी दी
क्लाइमेट रेजीलिएंट एक ऐसी तकनीक है, जो मौसम खराब होने की दशा में भी पूरी कुशलता से कार्य कर सकती है। विभाग के बीटेक, एमटेक और पीएच.डी छात्रों को प्रो. वार्नियर ने सस्टेनेबल व ग्रीन टेक्नालॉजी की जानकारी भी दी। इसी क्रम में उन्होंने शिक्षकों से मुलाकात करने के बाद मानविकी एवं प्रबंध विज्ञान विभाग में एनर्जी कम्युनिटी विषय पर व्याख्यान दिया। इस दौरान उन्होंने ऊर्जा संचयन को लेकर लांच किए गए सिविक एप की जानकारी दी।
ऐसे बचेगी बिजली
कहा कि इस एप के माध्यम से उपभोक्ताओं को जागरूक करके काफी हद तक ऊर्जा (बिजली) की बर्बादी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। व्याख्यान के अंत में बीबीए और एमबीए के छात्रों ने तकनीकी बदलाव को लेकर प्रो. वार्नियर से कई सवाल पूछे, जिसका उन्होंने संतुष्ट होने तक उत्तर दिया। इस दौरान डॉ. सुधीर नारायण सिंह, डॉ. अभिजीत मिश्र, डॉ. रवि कुमार गुप्ता, डॉ. भारती शुक्ला, डॉ. बिजेंद्र पुष्कर, डॉ. देवेंद्र तिवारी, डॉ. अर्पणा सिंह आदि मौजूद रहीं।