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फैक्ट्रियों में पचास फीसद श्रमिकों से काम लेने की बाध्‍यता से उत्‍पादन हो गया आधा Gorakhpur News

50 फीसद श्रमिकों से काम लेने के कारण फैक्ट्री पूरी क्षमता से नहीं चल पा रही हैं। इसका असर उद्यमियों के खर्च पर पड़ रहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 07:00 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 07:00 PM (IST)
फैक्ट्रियों में पचास फीसद श्रमिकों से काम लेने की बाध्‍यता से उत्‍पादन हो गया आधा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पचास फीसद श्रमिकों से काम लेने की बाधा से उद्योग पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं। इस कारण उत्पादन आधा हो गया है। उद्यमियों ने बाहर से श्रमिक भी बुला लिए हैं लेकिन फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों को कारण उनसे काम नहीं ले पा रहे हैं। नियम केंद्र सरकार का है, लिहाजा स्थानीय प्रशासन से बात करने के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा है।

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मिल चुकी है 130 से ज्यादा उद्योगों के संचालन की अनुमति

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) प्रशासन 130 से ज्यादा उद्योगों के संचालन की अनुमति दे चुका है। बाजार खुलने से इन उद्योगों के उत्पादों की मांग भी बढऩे लगी है। उद्यमी बाहर से ज्यादा से ज्यादा कच्‍‍चा माल मंगाने में जुटे हुए हैं। लेकिन, पूरी क्षमता से फैक्ट्री न चलने के कारण मांग के अनुसार उत्पादन नहीं हो पा रहा है।

अपने साधनों से बुलाए श्रमिक

गीडा के कई उद्यमियों ने अपने साधन से श्रमिकों को बुलाया है। दरअसल, लॉकडाउन शुरू होते ही उद्योग-धंधे बंद होने के कारण ज्यादातर बाहर के श्रमिक घरों को चले गए थे। प्रदेश सरकार ने उद्योगों को शुरू करने के लिए रियायत दी तो श्रमिकों की कमी के कारण दिक्कत होने लगी। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद बाहर गए श्रमिकों को बुलाने के लिए अनुमति मिली तो काम में तेजी आ गई।

फैक्ट्रियों के संचालन के लिए अब अलग से व्‍यवस्‍था करने की जरूरत

चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि उद्यमी फिजिकल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पूरी तरह पालन कर रहे हैं लेकिन 50 फीसद श्रमिकों से काम लेने के कारण फैक्ट्री पूरी क्षमता से नहीं चल पा रही हैं। इसका असर उद्यमियों के खर्च पर पड़ रहा है। ज्यादा लागत में आधा उत्पादन के कारण सभी परेशान हैं। प्रशासन को फैक्ट्रियों के संचालन के लिए अलग व्यवस्था करनी होगी। तभी कुछ समाधान हो सकता है। 


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