Coronavirus Lockdown: गोरखपुर में 50 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में आज से शुरू हो सकता है उत्पादन Gorakhpur News
प्रदेश सरकार की ओर से छूट प्रदान किए जाने के बाद सोमवार से जिले की करीब 50 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो सकता है।
गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश सरकार की ओर से छूट प्रदान किए जाने के बाद सोमवार से जिले की करीब 50 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो सकता है। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर ने उद्यमियों के साथ बैठक कर उत्पादन शुरू करने की संभावनाओं पर चर्चा की।
सोमवार से स्टील, रिफाइनरी, सीमेंट, रसायन, फर्टिलाइजर, वस्त्र (परिधान को छोड़कर), फाउंड्रीज, पेपर मिल, टायर, कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट व चीनी मिलों में उत्पादन करने की छूट मिली है। मंडलायुक्त के साथ बैठक में उद्यमियों ने आने वाली समस्याओं से अवगत कराया। श्रमिकों को बाहर से लाने के मुद्दे पर मंडलायुक्त ने उपायुक्त उद्योग को बसों के पास की व्यवस्था करने को कहा। उसके बाद कर्मचारियों को परिसर में रखकर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए काम कराना होगा। कर्मचारियों को आने-जाने के लिए अलग से पास नहीं जारी होगा। उपायुक्त उद्योग को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
कर्मचारियों के आने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच की जाएगी। काम शुरू करने से पहले फैक्ट्री परिसर को सैनिटाइज भी करना होगा। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज की ओर से महासचिव प्रवीण मोदी, उद्यमी आकाश जालान शामिल हुए। प्रवीण मोदी ने कहा कि मंडलायुक्त का पक्ष काफी सकारात्मक था। उद्यमियों का साथ मिला तो करीब 50 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो जाएगा।
खाद कारखाना पहुंचने लगीं मशीनें
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना में मशीनें पहुंचने लगी हैं। जनता कफ्र्यू के बाद लॉकडाउन शुरू हो जाने के कारण मशीनें रास्ते में फंस गई थीं।
खाद कारखाना में फरवरी, 2021 में उत्पादन शुरू होना है। काम तेजी से चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण रास्ते में फंसी मशीनें भी नहीं आ पा रही थीं। खाद कारखाना प्रबंधन ने अफसरों से बात कर मशीनों को मंगाने की शुरुआत की। शुक्रवार को ट्रेलर से दो शिफ्ट कन्वर्टर मशीनें पहुंचीं।
जंगल कौडिय़ा फोरलेन के रास्ते आई मशीन
लॉकडाउन में यातायात बंद होने का फायदा मशीनों को मंगाने में हुआ। खाद कारखाना प्रबंधन ने छपरा के रास्ते आ रही दो मशीनों को जंगल कौडिय़ा फोरलेन के रास्ते मंगाया। इससे मशीनों के आने में आसानी हो गई। गुजरात से चली खाद कारखाना की एक मशीन औरैया, एक प्रतापगढ़ और एक लखनऊ के पास तक पहुंच चुकी है।
डोरीगंज में है जापान की मशीन
जापान से जलमार्ग से बिहार के डोरीगंज बंदरगाह पहुंची कार्बामेट कंडेंसर मशीन अभी वहीं है। खाद कारखाना प्रबंधन इस मशीन को विशेष ट्रेलर से मंगाएगा। तकरीबन तीस मीटर लंबी और साढ़े छह मीटर चौड़ी इस मशीन का वजन 521 मीट्रिक टन है।
अब कोरोना के लिए भी बीमा पॉलिसी
कोरोना संक्रमण की विश्वव्यापी समस्या से निजात पाने में पूरा विश्व जुटा हुआ है। मदद के लिए हजारों हाथ सामने आ रहे हैं। इसमें बीमा कंपनियों ने भी कोरोना पीडि़तों के लिए बीमा पालिसी निकालकर अपना हाथ बढ़ाया है। उन्होंने इसके लिए प्रीमियम राशि 156 से लेकर 9481 रुपये के बीच रखी है।
कंपनियों ने कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही एकमुश्त राशि देने की व्यवस्था की है। इसके लिए न्यूनतम 25 हजार और अधिकतम दो लाख की राशि रखी है। क्वारंटाइन अवधि के बीच होने वाले खर्च और पॉलिसीधारकों के आर्थिक नुकसान की भरपाई करने की व्यवस्था भी बीमा कंपनियों ने की है। मनी ट्रांसफर एप्लीकेशन के जरिए कंपनियों ने पॉलिसियों की बिक्री शुरू भी कर दी है। हालांकि जीवन बीमा निगम ने फिलहाल कोई पालिसी नहीं निकाली है।
बेनिफिट प्लान के तहत निकाली है पालिसी
बीमा कंपनियों के जीवन बीमा में कोरोना से संबंधित बीमारी का उल्लेख नहीं किया गया है। इसके चलते इन्होंने अलग से बेनिफिट प्लान के नाम से पॉलिसी निकाली है। ये पॉलिसियां पेटीएम, फोन-पे, फ्लिपकार्ट एप के जरिए लोग खरीद सकेंगे। सभी पॉलिसियों की अवधि एक साल रखी गई है।
पालिसी की शर्ते
पॉलिसी खरीदने के 15 दिन बाद बीमारी को कवर किया जा सकेगा। सरकारी अस्पताल की रिपोर्ट ही मान्य होगी। सरकार द्वारा अधिकृत अस्पताल और क्वारंटाइन सेंटर पर रहने पर राशि देय होगी।
एक बीमा कंपनी के सेल्स मैनेजर ऋषिकेश शुक्ला बताते हैं कि सभी पॉलिसियां बेनिफिट प्लान के तहत निकाली गई हैं, जिसमें एकमुश्त राशि देने की व्यवस्था की है। पॉलिसियां ऑनलाइन उपलब्ध हैं।