गोरखपुर जिला अस्पताल का यह है हाल, बर्न वार्ड की एसी बंद, झुलसे मरीज बेहाल Gorakhpur News
गोरखपुर जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में बर्न वार्ड में तीन एसी खराब हो चुकी हैं। इससे यहां आने वाले मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
By Edited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 07:09 AM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 12:43 PM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में कराह रहे दिनेश (परिवर्तित नाम) जलन से बेचैन हैं। थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर जलन से वह चीखने लगते हैं। परिवार के लोग हाथ पंखे के सहारे हवा देकर किसी तरह जलन को कम करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बेड के ऊपर स्पि्लट एसी लगी है लेकिन यह चलती नहीं है। बताया गया कि एसी खराब हो गई है।
बर्न वार्ड में कोई प्रवेश करता तो तीमारदार भी बेचैन हो जाते। एक विंडो एसी के भरोसे 15 बेड का वार्ड दिन की कौन कहे रात में भी ठंडा नहीं हो पाता है। इसलिए तीमारदार लपककर दरवाजा बंद करने में जुट जाते ताकि वार्ड ठंडा बना रहे। एसी वार्ड में ही झुलसे और जले हुए मरीजों को रखने की व्यवस्था किसी कारण जले मरीजों को एयरकंडीशंड वार्ड में ही रखा जाता है। इससे मरीज के शरीर की जलन कम होती है। शरीर पर पसीना नहीं होता है तो इंफेक्शन भी नहीं होता है लेकिन जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में इन दिनों तीन एसी खराब हो जाने के कारण उमस भरी गर्मी में जले शरीर पर पसीना मरीजों को असहनीय दर्द दे रहा है।
तीन एसी खराब, एक को बंद करना पड़ता
बर्न वार्ड में तीन स्पि्लट एसी खराब हो चुकी हैं। तीन विंडो एसी भी लगाई गई है लेकिन इनमें से एक ही काम कर रही है। एक विंडो एसी ज्यादा देर चलने के कारण अंदर बर्फ जम जा रहा है। इस कारण इसे कुछ घंटों के बाद बंद कर दिया जाता है। यानी एक विंडो एसी के भरोसे पूरे बर्न वार्ड को ठंडा करने की कोशिश की जाती है। तत्काल ठंडे पानी से धुल दें यदि आग से झुलस गए हैं तो जलन कम करने के लिए ठंडे पानी से शरीर के प्रभावित हिस्से को धुलें। जरूरी हो तो बर्फ भी पानी में मिला सकते हैं। साथ ही पीड़ित को नहला भी सकते हैं। बाजार में क्लोरहेक्सिडिन ग्लूकोनेट व सल्फाडाइजिन कांबिनेशन की क्रीम उपलब्ध है।
इस क्रीम को तत्काल प्रभावित हिस्से पर लगाएं और बिल्कुल हल्के व साफ कपड़े से ढककर जितना जल्दी हो विशेषज्ञ के पास पहुंचे। याद रखें टूथपेस्ट, तेल आदि का इस्तेमाल कदापि न करें। मक्खियों से भी बचाएं। पीड़ित को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। ठीक करने के लिए दिए गए निर्देश जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजकुमार गुप्ता का कहना है कि बर्न वार्ड की स्पि्लट एसी खराब हो चुकी है। आज ही बताया गया है कि विंडो एसी में कुछ खराबी है। एक एसी काम कर रही है। एसी ठीक कराने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं।
बर्न वार्ड में कोई प्रवेश करता तो तीमारदार भी बेचैन हो जाते। एक विंडो एसी के भरोसे 15 बेड का वार्ड दिन की कौन कहे रात में भी ठंडा नहीं हो पाता है। इसलिए तीमारदार लपककर दरवाजा बंद करने में जुट जाते ताकि वार्ड ठंडा बना रहे। एसी वार्ड में ही झुलसे और जले हुए मरीजों को रखने की व्यवस्था किसी कारण जले मरीजों को एयरकंडीशंड वार्ड में ही रखा जाता है। इससे मरीज के शरीर की जलन कम होती है। शरीर पर पसीना नहीं होता है तो इंफेक्शन भी नहीं होता है लेकिन जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में इन दिनों तीन एसी खराब हो जाने के कारण उमस भरी गर्मी में जले शरीर पर पसीना मरीजों को असहनीय दर्द दे रहा है।
तीन एसी खराब, एक को बंद करना पड़ता
बर्न वार्ड में तीन स्पि्लट एसी खराब हो चुकी हैं। तीन विंडो एसी भी लगाई गई है लेकिन इनमें से एक ही काम कर रही है। एक विंडो एसी ज्यादा देर चलने के कारण अंदर बर्फ जम जा रहा है। इस कारण इसे कुछ घंटों के बाद बंद कर दिया जाता है। यानी एक विंडो एसी के भरोसे पूरे बर्न वार्ड को ठंडा करने की कोशिश की जाती है। तत्काल ठंडे पानी से धुल दें यदि आग से झुलस गए हैं तो जलन कम करने के लिए ठंडे पानी से शरीर के प्रभावित हिस्से को धुलें। जरूरी हो तो बर्फ भी पानी में मिला सकते हैं। साथ ही पीड़ित को नहला भी सकते हैं। बाजार में क्लोरहेक्सिडिन ग्लूकोनेट व सल्फाडाइजिन कांबिनेशन की क्रीम उपलब्ध है।
इस क्रीम को तत्काल प्रभावित हिस्से पर लगाएं और बिल्कुल हल्के व साफ कपड़े से ढककर जितना जल्दी हो विशेषज्ञ के पास पहुंचे। याद रखें टूथपेस्ट, तेल आदि का इस्तेमाल कदापि न करें। मक्खियों से भी बचाएं। पीड़ित को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। ठीक करने के लिए दिए गए निर्देश जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजकुमार गुप्ता का कहना है कि बर्न वार्ड की स्पि्लट एसी खराब हो चुकी है। आज ही बताया गया है कि विंडो एसी में कुछ खराबी है। एक एसी काम कर रही है। एसी ठीक कराने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं।
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