इस जिले में बंद होने की कगार पर पहुंचे सिनेमाहाल, कारोबारी परेशान
चिप में फिल्म डाउनलोडिंग के सिनेमाहालों की दशा बद से बदतर हो रही है। दर्शकों की संख्या घटने से घाटा होने लगा इससे कई सिनेमाहाल बंद हो गए।
By Edited By: Published: Tue, 21 May 2019 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 02:21 PM (IST)
जेएनएन, गोरखपुर। संतकबीर नगर जिले में तीन दशक पूर्व तक सिनेमाहालों में फिल्म के टिकट के लिए लंबी कतारें लगती थीं, लोग पुलिस की लाठी खाते थे। टिकट से वंचित लोग महंगे कीमत में ब्लैक में टिकट खरीदते थे। बड़े पर्दे पर फिल्म देखने का शौक हर किसी में था।
सिनेमाहाल फायदेमंद व्यवसाय माना जाता था। इससे कइयों परिवारों की रोजी-रोटी चलती थीं। तकनीक के दौर में कुछ वर्षों से ऐसा वक्त आया जब टीवी, चैनलों के बाद रही सही कसर चिप डाउनलोडिंग ने पूरी कर दी। इससे सिनेमाहालों में सन्नाटा पसर उठा। दर्शकों की संख्या घटने से घाटा होने लगा, इससे कई सिनेमाहाल बंद हो गए। कइयों परिवारों की रोजी-रोटी छीन उठी।
अब केवल एक सिनेमाहाल
जनवरी-2009 तक इस जिले में मोती सिनेमाहाल, संजय पिक्चर पैलेस व मधुकुंज चित्र मंदिर के अलावा वीडियोहाल-11, टूरिंग सिनेमा-एक, केबिल सेंटर-आठ था। मनोरंजन कर विभाग को प्रतिमाह 2.03 लाख राजस्व प्राप्त हो रहा था। वर्ष 2011 में दर्शकों के अभाव से घाटा होने लगा, इसके कारण 10 मार्च को संजय पिक्चर पैलेस व 29 अप्रैल को मोती सिनेमाहाल बंद हो गया।
इससे इस विभाग का राजस्व पहले की तुलना में काफी कम हो गया। अब मुखलिसपुर तिराहा खलीलाबाद के पास केवल मधुकुंज चित्र मंदिर चल रहा है। यूं इस तरह राजस्व घटता गया: वित्तीय सत्र 2000-2011 में एक साल में सिनेमाहालों से 18.19 लाख, टूरिंग सिनेमा से 2.59 लाख, वीडियो सिनेमा से 4.77 लाख, अन्य से 2.68 लाख कुल 29.24 लाख की राजस्व प्राप्ति हुई थीं। 2009-10 सिनेमाहालों-14.01 लाख, वीडियो सिनेमा से 6.05 लाख, केबल टीवी से 1.92 लाख, वीडियो लाइब्रेरी से 63 हजार, अन्य से 3.43 लाख एक साल में कुल 26.06 लाख रुपये राजस्व मिला था। वहीं 2017-18 में सिनेमाहालों से 6.61 लाख, केबल टीवी से 5.09 लाख, वीडियो लाइब्रेरी व चिप डाउन लो¨डग से 99 हजार, जुर्माना से 4.30 लाख, अन्य से 1.08 लाख एक साल में मनोरंजन कर विभाग को कुल 18.09 लाख रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी।
सिनेमाहाल फायदेमंद व्यवसाय माना जाता था। इससे कइयों परिवारों की रोजी-रोटी चलती थीं। तकनीक के दौर में कुछ वर्षों से ऐसा वक्त आया जब टीवी, चैनलों के बाद रही सही कसर चिप डाउनलोडिंग ने पूरी कर दी। इससे सिनेमाहालों में सन्नाटा पसर उठा। दर्शकों की संख्या घटने से घाटा होने लगा, इससे कई सिनेमाहाल बंद हो गए। कइयों परिवारों की रोजी-रोटी छीन उठी।
अब केवल एक सिनेमाहाल
जनवरी-2009 तक इस जिले में मोती सिनेमाहाल, संजय पिक्चर पैलेस व मधुकुंज चित्र मंदिर के अलावा वीडियोहाल-11, टूरिंग सिनेमा-एक, केबिल सेंटर-आठ था। मनोरंजन कर विभाग को प्रतिमाह 2.03 लाख राजस्व प्राप्त हो रहा था। वर्ष 2011 में दर्शकों के अभाव से घाटा होने लगा, इसके कारण 10 मार्च को संजय पिक्चर पैलेस व 29 अप्रैल को मोती सिनेमाहाल बंद हो गया।
इससे इस विभाग का राजस्व पहले की तुलना में काफी कम हो गया। अब मुखलिसपुर तिराहा खलीलाबाद के पास केवल मधुकुंज चित्र मंदिर चल रहा है। यूं इस तरह राजस्व घटता गया: वित्तीय सत्र 2000-2011 में एक साल में सिनेमाहालों से 18.19 लाख, टूरिंग सिनेमा से 2.59 लाख, वीडियो सिनेमा से 4.77 लाख, अन्य से 2.68 लाख कुल 29.24 लाख की राजस्व प्राप्ति हुई थीं। 2009-10 सिनेमाहालों-14.01 लाख, वीडियो सिनेमा से 6.05 लाख, केबल टीवी से 1.92 लाख, वीडियो लाइब्रेरी से 63 हजार, अन्य से 3.43 लाख एक साल में कुल 26.06 लाख रुपये राजस्व मिला था। वहीं 2017-18 में सिनेमाहालों से 6.61 लाख, केबल टीवी से 5.09 लाख, वीडियो लाइब्रेरी व चिप डाउन लो¨डग से 99 हजार, जुर्माना से 4.30 लाख, अन्य से 1.08 लाख एक साल में मनोरंजन कर विभाग को कुल 18.09 लाख रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई थी।
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