निजी अस्पतालों ने कोरोना मरीजों को खुलेआम लूटा, गोल्डन कार्ड के बाद भी लिया इलाज का खर्च
सरकार की मंशा के अनुरूप आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। बड़ी संख्या में लोगों के अभी तक गोल्डन कार्ड भी नहीं बन पाए हैं। आयुष्मान योजना हासिए पर चल गई है। पिछले डेढ़ साल से विभाग कोरोना का रोना रो रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। केस- एक : गोरखपुर के कैंपियरगंज तहसील के विजय कुमार कर्मयोगी हैं। वह आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं। मार्ग दुर्घटना में घायल हो गए थे। बायां पैर फैक्चर हो गया था। वह गोरखपुर में जेल रोड स्थित एक अस्पताल में इलाज कराए। अस्पताल संचालक ने गोल्डन कार्ड को न मानते हुए उनसे इलाज के चार्ज के रूप में लगभग 75 हजार रुपये वसूल लिया। शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
केस- दो : जिले के बलुआ गांव के रहने वाले काली प्रसाद सैनी की एक दुर्घटना में कमर व हाथ की हड्डी टूट गई थी। शहर के एक अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। गोल्डन कार्ड होने के बावजूद अस्पताल संचालक ने उनसे पांच लाख रुपये इलाज का ले लिया। इस संबंध में सदर सांसद रवि किशन ने डीएम को पत्र भी लिखा है। उन्होंने अस्पताल की जांच कर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है।
ये दो केस महज बानगी भर हैं। सरकार की मंशा के अनुरूप आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। बड़ी संख्या में लोगों के अभी तक गोल्डन कार्ड भी नहीं बन पाए हैं। आयुष्मान योजना हासिए पर चल गई है। पिछले डेढ़ साल से विभाग कोरोना का रोना रो रहा है। जिले में तीन लाख से अधिक लाभार्थी परिवार हैं, इसमें से लगभग एक लाख परिवारों तक ही विभाग पहुंच पाया है। जिनके पास गोल्डन कार्ड हैं, उनसे भी अस्पताल इलाज का चार्ज वसूल रहे हैं। शिकायतें भी हुईं लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।
काली प्रसाद की बेटी प्रियंका ने बताया कि उसने खेत गिरवी रखकर अस्पताल प्रबंधक को पांच लाख रुपये दिए। मरीज की जान बचाने के लिए मुझे यह करना पड़ा। अस्पताल ने पहले आयुष्मान कार्ड पर ही भर्ती किया और बाद में कहा गया कि यहां कार्ड नहीं चलता है, रुपये देने पड़ेंगे। प्रियंका ने इस मामले में प्रधानमंत्री, सांसद व विधायक को पत्र लिखकर न्याय व मदद की मांग की है।
आयुष्मान योजना- एक नजर
लाभार्थी परिवार- 306698
गोल्डन कार्ड धारक- 339615
इलाज कराने वाले लाभार्थियों की संख्या 32524
इलाज पर कुल खर्च- 335684252
सरकारी सूचीबद्ध अस्पताल- 25
निजी सूचीबद्ध अस्पताल- 65
कोविड अस्पताल- 16
मैं जबसे यहां आया हूं, तभी से कोरोना का प्रकोप तेज है। उसकी रोकथाम में पूरा अमला लगा हुआ है। ऐसी शिकायतों को निकलवाकर नियमों की अनदेखी करने वाले अस्पतालों की जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।