LokSabha Election 2019 : सोशल मीडिया पर छाई रही 'गर्व की स्याही'
17वीं लोकसभा के गठन के लिए आखिरी चरण में लोगों का उत्साह चरम पर रहा। न सिर्फ मतदान केंद्रों पर लोगों में उत्साह रहा बल्कि सोशल मीडिया भी मतपर्व के उल्लास से सराबोर रहा।
By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 11:06 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 10:29 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। 17वीं लोकसभा के गठन के लिए आखिरी चरण में लोगों का उत्साह चरम पर रहा। न सिर्फ मतदान केंद्रों पर लोगों में उत्साह रहा बल्कि सोशल मीडिया भी मतपर्व के उल्लास से सराबोर रहा। आम हो या खास, युवा हो या बुजुर्ग, सभी आयु वर्ग के लोग मतदान के बाद सेल्फी ली और उसकी तस्वीर फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप और ट्विटर पर साझा करते रहे। पूरे दिन यह क्रम जारी रहा। कई ऐसे भी रहे जिन्होंने प्रोफाइल फोटो और स्टेट्स भी बदल दिए। प्रत्याशियों के जीत-हार पर चर्चा तो हुई ही, मतदान करने की अपील भी की।
मतदान को लेकर उन वोटरों में सबसे ज्यादा क्रेज देखने को मिला, जिन्होंने पहली बार लोकतंत्र के इस पर्व में भागीदारी की। अंग्रेजी में 'माई वोट-माई कंट्री', 'वोट फॉर नेशन' जैसे हैशटैग से फेसबुक और ट्वीटर पूरे दिन ट्रेंड करता रहा। स्याही लगी उंगली दिखाते हुए अपनी फोटो के साथ लोग दूसरों से मतदान करने की अपील करते हुए संदेश भी लिखे। 'मतदान हो गया अब जलपान होगा', 'मैंने देश के लिए वोट किया, आपने किया क्या?' 'मेरा वोट देश के नाम', 'लोकतंत्र के यज्ञ में एक आहुति मेरी भी' जैसे स्लोगन खूब चर्चा में रहे।
अबकी बार सपरिवार..
इस बार मतदान में एक खास बात यह रही कि लोग सपरिवार वोट देने निकले। नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल, रुस्तमपुर के शशांक शंकर मिश्र, हुमांयुपुर उत्तरी के मौलेश्वर मणि त्रिपाठी अथवा गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा, प्रो. अजय शुक्ला, प्रो. शरद मिश्रा जैसे तमाम लोग अपने पूरे परिवार के साथ मतदान करने पहुंचे। आदर्श मतदान केंद्रों पर बने सेल्फी प्वाइंट पर तस्वीरें लेते हुए लोगों को देखते ही बन रहा था।
पहला वोटर होने का मिला प्रमाण पत्र
बूथ पर सबसे पहले वोट देने वाले मतदाता को आयोग की ओर से मिल रहे प्रमाण पत्र ने गर्व का एक और अवसर दिया। मतदाताओं के उत्साह और जागरूकता को सलाम करता यह प्रमाण पत्र लोगों को गौरव की अनुभूति करा रहा है। पहली बार मतदाता बनी शिवा द्विवेदी अपने बूथ की पहली वोटर भी रहीं। इसी तरह रजनीश त्रिपाठी, नीरज शाही, अमिताभ श्रीवास्तव सहित सैकड़ों लोगों को यह प्रमाण पत्र मिला, जिसे बड़े गौरव के साथ उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से साझा भी किया।
दूर-दूर से आए वोट करने
बहुत से लोग दूर दूर से भी वोट करने आए। नेताओं ने भी अपने अपने बूथों पर जाकर मतदान किया। सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा गोरखपुर के विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा.समीर सिंह, पूर्व मेयर अंजू चौधरी और अन्य विशिष्ठ लोगों ने मतदान किया।
हर मतदान केंद्र पर दिखा जज्बे का दृश्य, दिल को छू गई प्रतिबद्धता
देश में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं, गोरखपुर में रविवार को हुए लोकसभा चुनाव इसकी तस्वीर दिखा गया। मतदान में उम्र की बाधा आड़े नहीं आ सकी और शारीरिक अक्षमता भी बूथ तक जाने का रास्ता नहीं रोक सकी। वोट देने को लेकर बुजुर्गों और दिव्यांगों का जज्बा युवाओं को मात देता दिखा। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का शायद ही कोई ऐसा मतदान केंद्र होगा, जहां यह दृश्य न देखने को मिला हो।
पुराना गोरखपुर मतदान केंद्र पर 101 वर्षीय बिंदेश्वरी देवी पहुंची तो हर किसी की नजर उन पर टिक गई। उन्हें साथ लेकर पहुंचे पुत्र डॉ. जेपी नारायण और पुत्रवधू डॉ. उषा नारायण ने बताया कि वोट को लेकर बिंदेश्वरी हमेशा से सतर्क रही हैं। इसे लेकर वह हफ्तों पहले से उत्साहित रहती हैं। रमवापुर में परिजनों द्वारा गोद में उठाकर मतदान के लिए लाए गए 94 वर्षीय रामवृक्ष शरीर से जरूर अशक्त थे, लेकिन मतदान को लेकर उनके चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास दिखा। उसी मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंची 103 वर्ष की गेंदा देवी कमर से झुक गईं थी, लेकिन मतदान केंद्र की ओर जाने के लिए उनकी तेजी हर किसी को अचरज में डाल रही थी।
पिपराइच में वोट डालने बुजुर्ग दंपति गोवद्र्धन त्रिपाठी और सावित्री त्रिपाठी ने बताया कि जब से विवाह हुआ है, उन्होंने हमेशा साथ ही वोट डाला है। व्हील चेयर पर मतदान करने पहुंची 90 वर्षीय सावित्री देवी और ज्ञानप्रभा मिश्र के परिजनों ने बताया कि उन लोगों ने एक दिन पहले से ही जिद कर रखा था कि उन्हें हर हाल में वोट देना ही है। बैसाखी के सहारे गुलरिहा मतदान केंद्र पर वोट देने पहुंचे मोहन यादव के चेहरे की चमक बता रही थी, लोकतंत्र के इस पर्व के प्रति उनका कितना विश्वास है।
सुबह से हो गई शाम, नहीं दिखी थकान
'चाची तू ऐहर से आ जा, तुहार तबीयत खराब लगत बा, लाइन में सबसे पहिले लग जा। गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के रामपुर बूथ पर पोलिंग एजेंट चंद्रकेश एक बुजुर्ग महिला को देखे तो दौड़ पड़े और उन्हें लेकर बूथ तक पहुंचे। लोगों से अनुरोध कर महिला को बूथ के अंदर किया। महिला की स्थिति देख सभी ने अभिकर्ता की तारीफ की। यह सिर्फ एक बूथ की बात नहीं है। ज्यादातर बूथों पर मतदान अभिकर्ता सुबह से शाम तक मतदाताओं की मदद में जुटे रहे। कौन किस पार्टी का अभिकर्ता है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं था। वोटरों को सुविधा और सही जानकारी देने के लिए सभी जुटे रहे।
आपस में नहीं दिखा मनमुटाव
माना जाता है कि मतदान अभिकर्ता अलग-अलग दलों के होने के कारण उनमें तनाव रहता है, लेकिन इस चुनाव में ज्यादातर जगहों पर ऐसा नहीं दिखा। रामपुर बूथ पर सभी अभिकर्ता वोटरों और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के जलपान की व्यवस्था में जुटे थे तो कजाकपुर बूथ पर प्राथमिक विद्यालय के बाहर मतदान अभिकर्ता मतदाताओं की समस्या के समाधान के लिए तल्लीन दिखे।
छह बजे से पहले पहुंचे
मतदान अभिकर्ता सुबह छह बजे से पहले ही अपने-अपने निर्धारित बूथों पर पहुंच गए। मॉक पोल में हिस्सा लेने के बाद मतदाताओं को लाइन में लगवाने की जिम्मेदारी निभाने लगे। शाम छह बजे मतदान पूर्ण होने के बाद ईवीएम अपने सामने सील कराया और फिर पार्टी प्रत्याशी को सूचना देने के बाद घरों को रवाना हुए।
मतदान को लेकर उन वोटरों में सबसे ज्यादा क्रेज देखने को मिला, जिन्होंने पहली बार लोकतंत्र के इस पर्व में भागीदारी की। अंग्रेजी में 'माई वोट-माई कंट्री', 'वोट फॉर नेशन' जैसे हैशटैग से फेसबुक और ट्वीटर पूरे दिन ट्रेंड करता रहा। स्याही लगी उंगली दिखाते हुए अपनी फोटो के साथ लोग दूसरों से मतदान करने की अपील करते हुए संदेश भी लिखे। 'मतदान हो गया अब जलपान होगा', 'मैंने देश के लिए वोट किया, आपने किया क्या?' 'मेरा वोट देश के नाम', 'लोकतंत्र के यज्ञ में एक आहुति मेरी भी' जैसे स्लोगन खूब चर्चा में रहे।
अबकी बार सपरिवार..
इस बार मतदान में एक खास बात यह रही कि लोग सपरिवार वोट देने निकले। नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल, रुस्तमपुर के शशांक शंकर मिश्र, हुमांयुपुर उत्तरी के मौलेश्वर मणि त्रिपाठी अथवा गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा, प्रो. अजय शुक्ला, प्रो. शरद मिश्रा जैसे तमाम लोग अपने पूरे परिवार के साथ मतदान करने पहुंचे। आदर्श मतदान केंद्रों पर बने सेल्फी प्वाइंट पर तस्वीरें लेते हुए लोगों को देखते ही बन रहा था।
पहला वोटर होने का मिला प्रमाण पत्र
बूथ पर सबसे पहले वोट देने वाले मतदाता को आयोग की ओर से मिल रहे प्रमाण पत्र ने गर्व का एक और अवसर दिया। मतदाताओं के उत्साह और जागरूकता को सलाम करता यह प्रमाण पत्र लोगों को गौरव की अनुभूति करा रहा है। पहली बार मतदाता बनी शिवा द्विवेदी अपने बूथ की पहली वोटर भी रहीं। इसी तरह रजनीश त्रिपाठी, नीरज शाही, अमिताभ श्रीवास्तव सहित सैकड़ों लोगों को यह प्रमाण पत्र मिला, जिसे बड़े गौरव के साथ उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से साझा भी किया।
दूर-दूर से आए वोट करने
बहुत से लोग दूर दूर से भी वोट करने आए। नेताओं ने भी अपने अपने बूथों पर जाकर मतदान किया। सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा गोरखपुर के विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा.समीर सिंह, पूर्व मेयर अंजू चौधरी और अन्य विशिष्ठ लोगों ने मतदान किया।
हर मतदान केंद्र पर दिखा जज्बे का दृश्य, दिल को छू गई प्रतिबद्धता
देश में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं, गोरखपुर में रविवार को हुए लोकसभा चुनाव इसकी तस्वीर दिखा गया। मतदान में उम्र की बाधा आड़े नहीं आ सकी और शारीरिक अक्षमता भी बूथ तक जाने का रास्ता नहीं रोक सकी। वोट देने को लेकर बुजुर्गों और दिव्यांगों का जज्बा युवाओं को मात देता दिखा। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का शायद ही कोई ऐसा मतदान केंद्र होगा, जहां यह दृश्य न देखने को मिला हो।
पुराना गोरखपुर मतदान केंद्र पर 101 वर्षीय बिंदेश्वरी देवी पहुंची तो हर किसी की नजर उन पर टिक गई। उन्हें साथ लेकर पहुंचे पुत्र डॉ. जेपी नारायण और पुत्रवधू डॉ. उषा नारायण ने बताया कि वोट को लेकर बिंदेश्वरी हमेशा से सतर्क रही हैं। इसे लेकर वह हफ्तों पहले से उत्साहित रहती हैं। रमवापुर में परिजनों द्वारा गोद में उठाकर मतदान के लिए लाए गए 94 वर्षीय रामवृक्ष शरीर से जरूर अशक्त थे, लेकिन मतदान को लेकर उनके चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास दिखा। उसी मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंची 103 वर्ष की गेंदा देवी कमर से झुक गईं थी, लेकिन मतदान केंद्र की ओर जाने के लिए उनकी तेजी हर किसी को अचरज में डाल रही थी।
पिपराइच में वोट डालने बुजुर्ग दंपति गोवद्र्धन त्रिपाठी और सावित्री त्रिपाठी ने बताया कि जब से विवाह हुआ है, उन्होंने हमेशा साथ ही वोट डाला है। व्हील चेयर पर मतदान करने पहुंची 90 वर्षीय सावित्री देवी और ज्ञानप्रभा मिश्र के परिजनों ने बताया कि उन लोगों ने एक दिन पहले से ही जिद कर रखा था कि उन्हें हर हाल में वोट देना ही है। बैसाखी के सहारे गुलरिहा मतदान केंद्र पर वोट देने पहुंचे मोहन यादव के चेहरे की चमक बता रही थी, लोकतंत्र के इस पर्व के प्रति उनका कितना विश्वास है।
सुबह से हो गई शाम, नहीं दिखी थकान
'चाची तू ऐहर से आ जा, तुहार तबीयत खराब लगत बा, लाइन में सबसे पहिले लग जा। गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के रामपुर बूथ पर पोलिंग एजेंट चंद्रकेश एक बुजुर्ग महिला को देखे तो दौड़ पड़े और उन्हें लेकर बूथ तक पहुंचे। लोगों से अनुरोध कर महिला को बूथ के अंदर किया। महिला की स्थिति देख सभी ने अभिकर्ता की तारीफ की। यह सिर्फ एक बूथ की बात नहीं है। ज्यादातर बूथों पर मतदान अभिकर्ता सुबह से शाम तक मतदाताओं की मदद में जुटे रहे। कौन किस पार्टी का अभिकर्ता है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं था। वोटरों को सुविधा और सही जानकारी देने के लिए सभी जुटे रहे।
आपस में नहीं दिखा मनमुटाव
माना जाता है कि मतदान अभिकर्ता अलग-अलग दलों के होने के कारण उनमें तनाव रहता है, लेकिन इस चुनाव में ज्यादातर जगहों पर ऐसा नहीं दिखा। रामपुर बूथ पर सभी अभिकर्ता वोटरों और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के जलपान की व्यवस्था में जुटे थे तो कजाकपुर बूथ पर प्राथमिक विद्यालय के बाहर मतदान अभिकर्ता मतदाताओं की समस्या के समाधान के लिए तल्लीन दिखे।
छह बजे से पहले पहुंचे
मतदान अभिकर्ता सुबह छह बजे से पहले ही अपने-अपने निर्धारित बूथों पर पहुंच गए। मॉक पोल में हिस्सा लेने के बाद मतदाताओं को लाइन में लगवाने की जिम्मेदारी निभाने लगे। शाम छह बजे मतदान पूर्ण होने के बाद ईवीएम अपने सामने सील कराया और फिर पार्टी प्रत्याशी को सूचना देने के बाद घरों को रवाना हुए।
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