अपना अखबार निकालने को युवा संपादकों ने की तैयारी
जागरण युवा संपादक के नए सत्र में बच्चों ने शिक्षकों संग जानी रीति-नीति गोरखपुर : किशोरों
जागरण युवा संपादक के नए सत्र में बच्चों ने शिक्षकों संग जानी रीति-नीति
गोरखपुर : किशोरों के रचनात्मक लेखन क्षमता को मंच देते हुए पत्रकारिता से कार्यव्यवहार से परिचित कराने के विशेष उद्देश्य के साथ आयोजित होने वाले दैनिक जागरण युवा संपादक कार्यक्रम के नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है। इस वर्ष से बदले प्रारूप में आयोजित हो रहे इस विशेष कार्यक्रम के तहत शहर के चार विद्यालयों के प्रतिभागी छात्र-छात्राओं, उनके मेंटॉर शिक्षक और प्रधानाचार्य के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन हुआ। जागरण कार्यालय में आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को युवा संपादक कार्यक्त्रम से जुड़ी आवश्यक तैयारियों बाबत जानकारी दी गई। करीब डेढ़ घटे की इस कार्यशाला में प्रतिभागियों की ओर से कई सवाल भी पूछे गए तो शिक्षकों और प्रधानाचायरें ने विश्वास जताया कि यह कार्यक्त्रम बच्चों की सृजनशीलता को नया आयाम देने में सहायी होगा। कार्यशाला में संस्कृति पब्लिक स्कूल, रानीडीहा, एनएस चिल्ड्रेन एकेडमी, माधवपुर, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, आर्यनगर, आरपीएम एकेडमी ग्रीन सिटी, के प्रतिभागी छात्र-छात्राएं, मेंटॉर शिक्षक और प्रधानाचार्य मौजूद रहे।
युवा संपादक : नया प्रारूप
शहर में 10 विद्यालय चुने गए हैं। हर विद्यालय से आठ विद्यार्थी बतौर प्रतिभागी तथा एक शिक्षक मेंटॉर की भूमिका में तथा प्रधानाचार्य मार्गदर्शक की भूमिका में होंगे।
- प्रत्येक विद्यालय को एक विषय दिया जाएगा। दिए गए विषय पर प्रतिभागियों को 15 दिन के भीतर जागरण अखबार पढ़ते हुए अपने खुद के शोध कार्य तथा ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिये एक रिपोर्ट जमा करनी होगी। यह रिपोर्ट लिखित रूप में तथा वीडियो फार्मेट में जमा करनी होगी।
- संबंधित विषय के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित यह लिखित रिपोर्ट दैनिक जागरण में प्रकाशित की जाएगी।
- युवा संपादकों को अपनी रिपोर्ट रोचक बनाने के लिए विषय से संबंधित ग्राफ, चार्ट, डेटा, उदाहरण, ह्यूमन एंगल की खबरें तथा देश विदेश में संबंधित विषय पर हो रहे शोध कायरें का हवाला भी देना होगा। युवा संपादक कार्यक्त्रम एक ऐसा मंच है जहा विद्यार्थी अपनी सृजनशीलता को तराश सकते हैं। अपना खु़द का अखबार बना पाएंगे। जागरण का यह मंच सराहनीय है।
शिल्पी गुप्ता, प्रधानाचार्या, संस्कृति पब्लिक स्कूल रानीडीहा। युवा संपादक, दैनिक जागरण द्वारा उठाया गया एक ऐसा कदम है जिससे बच्चों के भीतर छुपे हुए हुनर के साथ-साथ रचनात्मक लेखन में रुचि को जाना जा सके।
- संजय सिंह, प्रधानाचार्य, आरपीएम एकेडमी, ग्रीन सिटी। युवा संपादक द्वारा बच्चे पत्रकारिता को समझ पाएंगे, साथ ही समझ सकेंगे कि क्या और कैसे पढ़ें और कैसे अपने मौलिक, बौद्धिक एवं सृजनात्मक सोच को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करें।
- राजीव सिंह, उप प्रधानाचार्य, एन एस चिल्ड्रेन एकेडमी माधवपुर बच्चों में रचनात्मकता खूब है। युवा संपादक कार्यक्त्रम उनकी रचनात्मकता और बौद्धिक सोच को विस्तार देगी। जिस विषय पर वह काम करेंगे, उसके बारे में उनकी समझ बढ़ेगी।
- विष्णु सिंह, प्रधानाचार्य, सरस्वती विद्या मंदिर बालक इंटर कॉलेज आर्यनगर।