बच्चों को ध्यान में रखकर की गई कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी
कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम के लिए तैयारियां बचों को ध्यान में रखकर की गई हैं। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज टीबी अस्पताल सहित चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) की व्यवस्था की गई। वहां अक्सीजन प्लांट शुरू हो चुके हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी में ब'चों को सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका जाहिर की है। इसलिए तीसरी लहर की रोकथाम के लिए तैयारियां ब'चों को ध्यान में रखकर की गई हैं। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज, टीबी अस्पताल सहित चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) की व्यवस्था की गई। वहां अक्सीजन प्लांट शुरू हो चुके हैं, बावजूद इसके बेड के हिसाब से हर अस्पताल को आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। ताकि विद्युत बाधित होने के बावजूद मरीजों को आक्सीजन की कमी न पडऩे पाए।
सरकारी अस्पतालों में कोरोना की तीसरी लहर से लडऩे की तैयारी मुकम्मल हो चुकी है। दूसरी लहर में सबसे ज्यादा कमी बेड व आक्सीजन की थी। उस समय सरकारी व निजी अस्पतालों में मिलाकर लगभग 1600 बेड थे। इस बार इनकी संख्या बढ़ाकर 2500 कर दी गई है। साथ ही आइसीयू बेडों की भी संख्या बढ़ा दी गई है, ताकि गंभीर मरीजों को आसानी से इलाज उपलब्ध हो सके।
टीबी अस्पताल में 400 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन प्रदान करने वाला आक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित कर दिया गया है। दूसरी लहर में वहां केवल 55 आक्सीजन कंसंट्रेटर थे, उनकी संख्या बढ़ाकर 80 कर दी गई है। 20 बेड का आइसीयू व 50 बेड पर आक्सीजन की सुविधा दी गई है। 20 बेड जनरल वार्ड में रखे गए हैं। चार सीएचसी चौरीचौरा, हरनही, कैंपियरगंज व बड़हलगंज में दो-दो बेड के आइसीयू व आक्सीजन वाले 10-10 बेड तैयार कर दिए गए हैं। 38-38 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं।
ब'चों व बड़ों के लिए बनाए गए 50-50 बेड के आइसीयू
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में भी कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। यहां दूसरी लहर में भी आक्सीजन की कमी इलाज में आड़े नहीं आई थी। एक हजार लीटर प्रति मिनट का आक्सीजन प्लांट तैयार हो गया है। साथ ही ब'चों व बड़ों के लिए 50-50 बेड के आइसीयू वार्ड बना दिए गए हैं।
एम्स में लगीं आक्सीजन के लिए दो टंकियां
एम्स में आक्सीजन के लिए 10 हजार व 12 हजार की दो टंकियां स्थापित की गई हैं। उसमें हमेशा आक्सीजन भरा रहेगा। इसके अलावा आक्सीजन प्लांट की भी व्यवस्था की गई है। 40 वेंटीलेटर मंगा लिए गए हैं। इसके अलावा 200 बेड का कोविड अस्पताल बोइंग कंपनी बना रही है।
दूसरी लहर में सर्वाधिक परेशानी बेड व आक्सीजन की थी। अब इसे पूरा कर लिया गया है। 2500 बेड तैयार किए गए हैं। जरूरत पडऩे पर इन्हें बढ़ाया जाएगा। आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। यदि सभी लोग सतर्क रहे और कोविड प्रोटोकाल का पालन करते रहे तो तीसरी लहर आने ही नहीं पाएगी। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।