अल्पसंख्यक बहुल इलाकों की बदलेगी तस्वीर, शिक्षा-स्वास्थ्य पर ज्यादा जोर Gorakhpur News
अल्पसंख्यक बहुल पिछड़े क्षेत्रों (नगरीय/ग्रामीण) चिह्नित जनपद मुख्यालयों एवं टाउन एरिया व क्लस्टर जहां उनकी आबादी 25 फीसद से ज्यादा है। वहां शिक्षा स्वास्थ्य पेयजल व कौशल विकास से संबंधित योजनाओं में कमी को पूरा करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजना शुरू की गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। अल्पसंख्यक बहुल इलाकों की तस्वीर बदलने वाली है। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक इलाकों में आवासीय विद्यालय, स्मार्ट क्लास सुविधाओं, संचालित विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षण कक्ष, पूर्व निर्मित आइटीआइ/पालिटेक्निक में वर्कशाप, लेक्चर थियेटर, प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण, विश्वविद्यालयों में प्रतियोगात्मक परीक्षाओं के लिए आवासीय कोचिंग, कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल, हुनर हाट एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का उच्चीकरण होना है। प्रदेश सरकार के विशेष सचिव जेपी सिंह ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगा है।
प्रधानमंत्री जन विकास के तहत होंगे कार्य
अल्पसंख्यक बहुल पिछड़े क्षेत्रों (नगरीय/ग्रामीण), चिह्नित जनपद मुख्यालयों एवं टाउन एरिया व क्लस्टर जहां उनकी आबादी 25 फीसद से ज्यादा है। वहां शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व कौशल विकास से संबंधित योजनाओं में कमी को पूरा करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजना शुरू की गई है।
स्कूल के जर्जर भवनों के बनेंगे प्रस्ताव
इस योजना में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण व नवीन विद्यालयों के भवनों के निर्माण के प्रस्ताव बनाए जाएंगे। उन परिषदीय स्कूलों व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में, जहां छात्रों की संख्या के सापेक्ष अतिरिक्त कक्ष अथवा शौचालयों समेत अन्य शैक्षणिक सुविधाओं की जरूरत है। वहां अतिरिक्त कक्ष, शौचालय, फर्नीचर व अन्य शैक्षणिक सुविधाओं की स्थापना, ई-लर्निंग, स्मार्ट क्लास व शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार किए जाएंगे। इसके लिए जिला स्तरीय समिति से अनुमोदित कराकर शासन को प्रस्ताव भेजा जाना है।
शुरू हो गई है तलाश, बनेगा प्रस्ताव
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय का कहना है कि शासन की मंशा के अनुरूप प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। ऐसे इलाकों की तलाश की जा रही है, जहां अल्पसंख्यकों की आबादी 25 फीसद है। उनके विकास के संबंध में सरकार पूरी तरह से तैयाार है। इलाकों की तलाश होते होते ही प्रस्ताव बनाकर भेज दिए जाएंगे। उसके बाद सरकार के निर्देश पर विकास कार्य शुरू होंगे।