डीडीयू में 40 से अधिक नए प्रोफोशनल कोर्स शुरू करने की तैयारी, पत्रकारिता व योग का बनेगा अलग सेंटर
पत्रकारिता के लिए बनने वाले सेंटर में आधा दर्जन से अधिक कोर्स चलाए जाएंगे जिनमें टीवी जर्नलिज्म ग्राफिक्स पब्लिक रिलेशन फिल्म मेकिंग जैसे कोर्स भी शामिल होंगे। इसके अलावा योग और वेद पर अध्ययन के लिए एक अलग सेंटर बनाया जाएगा
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में योग और पत्रकारिता के लिए अलग सेंटर बनाए जाने की योजना तैयार की जा रही है। इन सेंटरों के माध्यम से इस विषय से जुड़े दर्जनों कोर्स शुरू करने की योजना है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश कुमार सिंह ने यह जानकारी दी।
पत्रकारिता में चलाए जाएंगे आधा दर्जन से ज्यादा कोर्स
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के लिए बनने वाले सेंटर में आधा दर्जन से अधिक कोर्स चलाए जाएंगे, जिनमें टीवी जर्नलिज्म, ग्राफिक्स, पब्लिक रिलेशन, फिल्म मेकिंग जैसे कोर्स भी शामिल होंगे। इसके अलावा योग और वेद पर अध्ययन के लिए एक अलग सेंटर बनाया जाएगा, उसमें भी आधा दर्जन से अधिक कोर्स संचालित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसे दिल्ली के एक योग सेंटर के सहयोग से शुरू करने को लेकर बातचीत भी आगे बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि उनकी योजना विश्वविद्यालय में 40 नए प्रोफेशन कोर्स शुरू करने की है, जिससे यहां बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को रोजगारपरक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध हो सके। कुलपति ने बताया कि इन कोर्सों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को परिसर में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो जाएं, इस पर उनका विशेष जोर रहेगा।
विश्वविद्यालय के कूड़े का परिसर में ही होगा इस्तेमाल
कुलपति ने अपनी उस योजना को भी साझा किया, जिसमें उन्होंने परिसर के कूड़े को परिसर में ही इस्तेमाल करने का खाका तैयार किया है। उन्होंने बताया कि अब परिसर का कूड़ा बाहर नहीं फेका जाएगा। नष्ट होने योग्य कूड़े को उस प्रक्रिया के तहत समाप्त किया जाएगा और न नष्ट होने वाले कूड़े की री-साइकिङ्क्षलग की व्यवस्था की जाएगी। विश्वविद्यालय परिसर को पर्यावरण मित्र बनाने की बात कुलपति ने कही। उन्होंने बताया कि इसके लिए विश्वविद्यालय में पहले से गठित ग्रीन कैंपस इनिशिएटिव सेल को निर्देशित कर दिया गया है।
काटा नहीं जाएगा विश्वविद्यालय का एक भी पेड़
कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य में बाधा बनने वाले किसी पेड़ को काटा नहीं जाएगा। जिस पेड़ से निर्माण कार्य में बाधा आएगा, उसे दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाएगी। परिसर में हरियाली को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन हमेशा सतर्क रहेगा।