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प्रसपा ने दी चेतावनी, पेट्रोल-डीजल की कीमतें वापस न होने पर आंदोलन करेंगे Gorakhpur News

प्रसपा ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपते हुए डीजल और पेट्रोल की कीमतों में मूल्य वृद्धि वापस लेने और कानपुर मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 04:49 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 04:49 PM (IST)
प्रसपा ने दी चेतावनी, पेट्रोल-डीजल की कीमतें वापस न होने पर आंदोलन करेंगे Gorakhpur News
प्रसपा ने दी चेतावनी, पेट्रोल-डीजल की कीमतें वापस न होने पर आंदोलन करेंगे Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पेट्रोल-डीजल की कीमत बढऩे और कानपुर के संवासिनी गृह मामले में लीपापोती करने का आरोप लगाते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया। पार्टी ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपते हुए मूल्य वृद्धि वापस लेने और कानपुर मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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जिलाध्यक्ष श्याम नारायण यादव ने कहा कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी से आम नागरिक और किसान परेशान हैं। कानपुर की तरह देवरिया में भी बच्चियों के साथ घृणित कार्य हुआ लेकिन उस मामले में बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। कानपुर के मामले में भी सरकार कार्रवाई करती नहीं दिख रही है। बच्चियों को न्याय न मिला तो पार्टी सड़क पर आंदोलन छेड़ेगी। पार्टी के महानगर अध्यक्ष व पूर्व पार्षद हाजी तहव्वर हुसैन ने कहा कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि होने से आम आदमी परेशान हो गया है। डीजल तो किसानों के लिए सर्वाधिक उपयोगी है। सरकार को तत्‍काल बढ़े हुए मूल्‍य वापस लेना चाहिए। अन्‍यथा जनता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी। इस दौरान जिला प्रमुख महासचिव बृजनाथ मौर्य, धर्मदेव यादव, जय शंकर पांडेय, अख्तर अली, सोनू यादव, धीरज गुप्ता, जितेंद्र श्रीवास्तव, रूपेंद्र ङ्क्षसह थापा, सूरज यादव, भुअर, दिग्विजय ङ्क्षसह यादव आदि मौजूद रहे।

तटबंधों की मरम्मत के लिए विधायक ने लिखा पत्र

सहजनवां के विधायक शीतल पांडेय ने क्षेत्र के सहजनवां-डुमरियाबाबू तटबंध व बोक्टा बरवार जैसे अति संवेदनशील तटबंधों पर मरम्मत कार्य के लिए जिला प्रशासन के साथ ही सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता बाढ़ को पत्र लिखा है। विधायक ने कहा है कि अभी तक इन तटबंधों पर बाढ़ बचाव से संबंधित ठोस कार्य नहीं हुए हैं। बरसात शुरू हो चुकी है ऐसे में तटबंधों के आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। पत्र में कहा गया है कि राप्ती नदी के अति संवेदनशील तटबंध सहजनवां-डुमरिया बाबू के किनारे सिसई व सुरगहना गांव के लोग प्रतिवर्ष बाढ़ की चपेट में आते हैं। लेकिन इस तटबंध को सुरक्षित करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार नहीं हो सकी है। इसी बोक्टा-बरवार तटबंध पर भी हर वर्ष विभाग करोड़ों रुपये खर्च करता है लेकिन बाढ़ के दौरान तटबंध टूटने का खतरा बना रहता है।


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