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सीएम सिटी के स्‍पोर्टस कॉलेज में 11 महीने से बंद है वॉलीबाल का अभ्यास, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

वीर बहादुर सिंह स्पोर्टस कालेज गोरखपुर में वॉलीबाल हाल 11 महीने से बंद है। यह समस्‍या कॉलेज के वॉलीवाल हॉल जर्जर होने के कारण पैदा हाे रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 03:38 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 07:01 AM (IST)
सीएम सिटी के स्‍पोर्टस कॉलेज में 11 महीने से बंद है वॉलीबाल का अभ्यास, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान
सीएम सिटी के स्‍पोर्टस कॉलेज में 11 महीने से बंद है वॉलीबाल का अभ्यास, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

गोरखपुर, जेएनएन। खेलों के उत्थान के लिए स्थापित वीर बहादुर सिंह स्पोर्टस कालेज में वॉलीबाल हाल 11 महीने से बंद है लेकिन किसी को इस बात की चिंता नहीं है। मरम्मत के लिए स्पोट्र्स कालेज प्रशासन पत्राचार कर रहा है और मरम्मत की जिम्मेदार एजेंसी ने जांच व एस्टीमेट बनाने के नाम पर करीब एक साल का समय गंवा दिया। इस बीच खिलाड़ी बेहतर तरीके से अभ्यास से वंचित रहे। मैदान में मिट्टी गिराए जाने के कारण हल्की बारिश में भी अभ्यास बाधित हो जाता है।

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अक्टूबर 2018 में अचानक गिर गई थी फाल सीलिंग

स्पोट्र्स कालेज में बने वॉलीबाल हाल की फाल सीलिंग अक्टूबर 2018 में अचानक भरभरा कर गिर गई थी। घटना के कारणों की जांच की गई लेकिन जांच टीमें इस नुकसान का कारण खोजने में नाकाम रही हैं। कार्यदायी संस्था के अनुसार 2010 में ही हाल खेल विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था, जबकि खेल विभाग की मानें तो हस्तांतरण 2012 में हुआ था। सूत्रों का कहना है कि स्‍पोर्टस कालेज के तत्कालीन प्रबंधक अनिल बनौधा ने चार्ज लिया था। बताया जा रहा है कि उस समय गठित कमेटी का अनुमोदन भी नहीं हुआ था। 

नए सिरे से तैयार किया गया एस्टीमेट

हाल की फाल सीलिंग के लिए नए सिरे से एस्टीमेट तैयार किया गया है। इस बार एल्युमीनियम के स्थान पर जिप्सम की फाल सीलिंग लगाई जाएगी। अनुमानित लागत करीब 13 लाख रुपये है।

वॉलीबाल हाल लंबे समय से बंद होने के कारण उचित तरीके से अभ्यास नहीं हो पा रहा है। कई बार फर्म को मरम्मत के लिए कहा जा चुका है। - अरुणेंद्र पांडेय, प्रधानाचार्य, स्पोर्टस कालेज।

2010 में हाल हस्तांतरित कर दिया गया था। फाल सीलिंग गिरने का कारण स्पष्ट नहीं है। नए सिरे से एस्टीमेट बनाया गया है। मंजूरी मिलते ही निर्माण कराया जाएगा। - विनय सिंह, प्रोजेक्टर मैनेजर, पैक्सफेड।


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