बीएसएनएल फिर पुरानी राह पर, अब बिजली कटौती की बड़ी समस्या
गोरखपुर में बिजली संकट के चलते ग्रामीण अंचलों में बीएसएनएल नेटवर्क फिर बाधित होना शुरू हो गया है। उपभोक्ता परेशान हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। आर्थिक तंगी से जूझ रहे बीएसएनएल की दुश्वारियां बिजली कटौती ने बढ़ा दी हैं। ग्रामीण अंचलों में अघोषित बिजली कटौती से अधिकांश बीटीएस की कार्यक्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जिसके कारण नेटवर्क लगातार बाधित हो रहा है। ग्रामीण अंचलों के उपभोक्ता बिजली और खराब नेटवर्क की दोहरी समस्या से जूझ रहे हैं।
मालूम हो कि बीएसएनएल अपनी कार्य क्षमता के कारण उपभोक्ताओं में ज्यादा पसंदीदा नहीं रह गया है। हालांकि विभाग इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा है। उसने कई स्कीम भी संचालित कर रखी है। बावजूद इसके उपभोक्ताओं की संख्या में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हो पा रही है। सरकार की अनदेखी के कारण ही प्राइवेट नेटवर्क पर उपभोक्ताओं को ज्यादा भरोसा है। यही कारण है कि तुलनात्मक दृष्टि से बीएसएनएल सबसे नीचे पायदान पर है। इसका जल्दी नेटवर्क काम नहीं करता है यदि काम करता है तो काफी परेशानियों के बाद। अब उसके समक्ष दूसरी बड़ी समस्या आ खड़ी हो गई है। यह समस्या बिजली आपूर्ति की है।
यहां नहीं मिल रही पर्याप्त बिजली
सहजनवां, कौड़ीराम, गोला, खजनी, बांसगांव, सरदारनगर, कैंपिरयगंज व चौरीचौरा समेत अन्य ग्रामीण अंचलों में पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण दर्जनों बीटीएस पर नेटवर्क की समस्या उत्पन्न हो गई है। बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है इस कारण डीजल का इंतजाम करना विभाग के लिए मुश्किल हो रहा है। कई बीटीएस पर पुरानी बैट्री होने के कारण पर्याप्त बैकअप भी नहीं मिल पा रहा है। आमतौर पर नई बैट्री सात से आठ घंटे तक का बैकअप देती है वहीं पुरानी बैट्री का बैकअप घटकर दो से तीन घंटे तक ही रहता है। नेटवर्क की दिक्कत से हजारों उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हवा चली और बिजली गुल
बिजली विभाग भी मौसम के अनुसार विद्युत आपूर्ति कर रहा है। ग्रामीण अंचलों में तो तेज हवा चलते ही बिजली गुल हो जाती है। इसके बाद तो भीषण गर्मी में लोग घंटों बिजली आने का इंतजार करते हैं। इसका सर्वाधिक खामियाजा बीएसएनएल को उठाना पड़ रहा है। बीएसएनएल की खस्ताहाली का फायदा प्राइवेट कंपनियां उठा रही हैं।
पहले से सुधरी है स्थिति : जीएम
बीएसएनएल के महाप्रबंधक देवेंद्र सिंह ने बताया कि बिजली कटौती से बीटीएस पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। विद्युत आपूर्ति में पहले ही अपेक्षा सुधार हुआ है। उपभोक्ताओं को बेहतर नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश की जा रही है। ग्रामीण अंचलों में नेटवर्क को बेहतर बनाने पर खासा जोर दिया जा रहा है।