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ऐसे आपकी जेब पर डाका डाल रहा है बिजली विभाग

बिजली विभाग अपनी गलती की सजा उपभोक्‍ताओं को दे रहा है। उपभोक्‍ताओं को एक साथ दो माह के बिल मिल रहे है जिस कारण उन्‍हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 10:24 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 02:56 PM (IST)
ऐसे आपकी जेब पर डाका डाल रहा है बिजली विभाग

गोरखपुर, (दुर्गेश त्रिपाठी)। शहर में बिजली का बिल हर महीने हजारों उपभोक्ताओं को झटका दे रहा है। बिजली निगम की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। कहीं मीटर रीडिंग न होना तो कहीं सिस्टम में गड़बड़ी के कारण हर महीने अनाप-शनाप बिजली का बिल आना रोज की बात हो गई है। परेशान हाल उपभोक्ता शिकायत करने पहुंचते हैं तो उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। ज्यादा शिकायत की तो बिजली निगम के लोग घर पर जाकर लोड चेक करने की धमकी देने लगते हैं।
केस एक
कजाकपुर न्यू कॉलोनी निवासी एम पांडेय ने मीटर रीडर न आने पर अगस्त महीने की रीडिंग 104 के आधार पर बिजली का बिल बनवाया। कुल 735 रुपये का बिल उन्होंने जमा कर दिया। सितंबर महीने में 105 यूनिट मीटर चला। जब बिल बनवाने पहुंचे तो सिस्टम ने दोनों महीने का कुल बिल 209 यूनिट बना दिया। 150 यूनिट तक 4.90 रुपये और इससे ऊपर का बिल 5.90 रुपये से बनाया। इससे एम पांडेय को 59 रुपये ज्यादा देने पड़े।
केस दो
शाहपुर निवासी निर्मला देवी हर महीने बिजली का बिल जमा करती हैं। इधर, मीटर रीडर नहीं आए तो तीन महीने का बिल एक साथ जमा करने पहुंचीं। अमूमन हर 140 यूनिट के आसपास का बिल होता है। इस बार 425 यूनिट का बिल था लेकिन रुपये ज्यादा लगे तो निर्मला देवी ने कर्मचारियों से बात की। पता चला कि सिस्टम ने इतनी यूनिट को 150-150 यूनिट में बांटकर बिजली का बिल बनाया है। मन मसोसकर निर्मला को पूरे पैसे जमा करने पड़े।
सही भी किया तो अगले महीने फिर गड़बड़
कई बार दौडऩे के बाद यदि बाबुओं ने रहम खाकर बिजली का बिल ठीक भी किया तो अगले महीने फिर वही गड़बड़ी दोबारा होनी तय है। फिर शिकायत पर फिर बिल में सुधार और अगले महीने वही दिक्कत। यानी एक बार बिल सुधार के बाद बिजली निगम के बाबुओं और अफसरों की परिक्रमा हर महीने की बात हो जाती है।
ऐसे होती है बिल की गणना
यूनिट पोस्ट पेड

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150 तक 4.90

150-300 तक 5.40

301-500 तक 6.20

501 से ज्यादा 6.50

विभाग ने पल्‍ला झाड़ा
बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता एके सिंह का कहना है कि बिजली का बिल साफ्टवेयर बनाता है। इसमें गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं होती है। फिर भी यदि लोगों को बिल में गड़बड़ी की शिकायत है तो इसे दिखवाया जाएगा।


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