नेपाल के सीमावर्ती गांवों-कस्बों में भी आतंकियों के पोस्टर चस्पा Gorakhpur News
गोरखपुर जाेन के एडीजी दावा शेरपा का कहना है कि खुफिया एजेंसियों ने दो आतंकियों से जुड़ी अहम रिपोर्ट दी है। सीमाई गांवों कस्बों में उनके पोस्टर लगाए गए हैं। ताकि मदद मिल सके।
गोरखपुर, जेएनएन। नेपाल सीमा पर पोस्टर चिपकाने के बाद उससे सटे पगडंडियों से जुड़े गांवों-कस्बों में भी दो आतंकियों के पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं। उनकी धरपकड़ के लिए भारत की पुलिस नेपाल पुलिस का सहयोग ले रही है। ये आतंकवादी आइएसआइएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) के सदस्य ख्वाजा मोइनुद्दीन और अब्दुल समद हैं। खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि यह दोनों उत्तर प्रदेश के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में हैं।
इस रास्ते कर सकते हैं घुसपैठ
पुलिस को खुफिया एजेंसियों की यह रिपोर्ट कुछ दिन पहले मिली है। फोटो के साथ मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों आतंकी सिद्धार्थनगर, महराजगंज या कुशीनगर होते हुए सीमा पार कर सकते हैं। एडीजी दावा शेरपा ने पूरे जोन में अलर्ट करते हुए इन तीन जिलों के पुलिस कप्तानों को विशेष सतर्कता के निर्देश दिए हैं।
अंदरूनी हिस्सों में भी पोस्टर चिपकाए गए
पहले सीमा पर पोस्टर चिपकाए गए थे अब अंदरुनी हिस्सों में भी चिपकाने के निर्देश दिए गए हैं। नेपाल और भारत को जोडऩे वाले पगडंडी मार्गों की निगरानी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। दोनों देशों के लोग इन पगडंडियों से रोजाना बेरोकटोक आते-जाते हैं।
भारत-नेपाल पुलिस की नियमित बैठकें जारी
आतंकियों की धरपकड़ के लिए दोनों देशों की पुलिस नियमित बैठक कर रही है। सूचनाओं के आदान-प्रदान के साथ दोनों ओर से सहयोग भी किया जा रहा है। महराजगंज और सिद्धार्थनगर पुलिस ने तो नेपाल पुलिस को फोटो उपलब्ध कराकर गिरफ्तारी में मदद भी मांगी है। दोनों आतंकी अंतिम बार 22 दिसंबर 2019 को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में देखे गए थे। उस समय वह खुफिया एजेंसी को चकमा देकर फरार हो गए थे।
अहम रिपोर्ट मिली
गोरखपुर जाेन के एडीजी दावा शेरपा का कहना है कि खुफिया एजेंसियों ने दो आतंकियों से जुड़ी अहम रिपोर्ट दी है। सीमाई गांवों, कस्बों में उनके पोस्टर लगाकर उनकी गिरफ्तारी में सहयोग करने की अपील की जा रही है।