पीडि़त से ही दुर्व्यवहार करते हैं पुलिस वाले, एडीजी ने कहा इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे Gorakhpur News
गोरखपुर जोन के एडीजी दावा शेरपा ने कहा कि आम लोगों के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर जोन के एडीजी दावा शेरपा ने कहा कि आम लोगों के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दावा शेरपा दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न प्रहर में जनता के सवालों का जवाब दे रहे थे। कार्यक्रम में एडीजी ने न केवल हर किसी का सवाल पूरी गंभीरता से सुना बल्कि उसका हल भी सुझाया। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे तो उन्होंने लोगों को इसमें सकारात्मक बदलाव लाने का भरोसा दिलाया। मातहतों को संवेदनशील बनने की ताकीद भी की। पारिवारिक झगड़ों के सवालों पर बड़े-बुजुर्गों को बिठाकर रास्ता निकालने का सुझाव दिया तो छेड़खानी का प्रश्न उठने पर सुरक्षा का भरोसा भी दिया।
कोठीभार महराजगंज के संजय सिंह ने शिकायत की कि फरियाद लेकर थाने पहुंचने वालों से ही पुलिस वाले दुर्व्यवहार करते हैं। एडीजी ने उनके इस इल्जाम को न केवल स्वीकार किया, बल्कि यह भी कहा कि दिन-रात मेहनत करने के बाद भी कुछ पुलिस वालों की ऐसी ही करतूतों से पूरा महकमा बदनाम है। ऐसा करने वाले पुलिस वालों की संख्या काफी कम है लेकिन इनकी वजह से आम अवाम के बीच विभाग की छवि बेहद खराब है। यह गंभीर समस्या है। विभागीय स्तर पर इससे निपटने की कोशिश की जा रही है।
सवाल : बेटी को ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया है। कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। - सरदार जगदीश सिंह, मोहद्दीपुर, कैंट, गोरखपुर
जवाब : आपकी समस्या पहले भी संज्ञान में आ चुकी है। इस पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मेरे स्तर से इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। निश्चिंत रहें, आपके साथ न्याय होगा।
सवाल : भूमि संबंधी विवाद में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है। पुलिस बार-बार फाइनल रिपोर्ट लगा दे रही है। - हीरा मणि त्रिपाठी, सिंघडिय़ा, कैंट, गोरखपुर
जवाब : आरोपों को प्रमाणित करने के लिए ठोस साक्ष्य मौजूद हैं, तो फाइनल रिपोर्ट लगाना गलत है। बार-बार फाइलन रिपोर्ट लगाने की जांच कराई जाएगी।
सवाल : रुस्तमपुर स्थित जमीन का एक व्यक्ति ने फर्जी फोटो और दस्तावेज लगाकर उसे बैनामा कर दिया है। कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है, लेकिन आरोपित की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। - विजय दुबे, डेमुसा, हरपुर बुदहट, गोरखपुर
जवाब : आरोपित की गिरफ्तारी हर हाल में होगी। फर्जी बैनामा होने के बाद यदि खारिज-दाखिल भी हो गया है तो उसे रद कराएं। फर्जीवाड़े में जो भी शामिल होगा, उस पर कार्रवाई होगी।
सवाल : गोरखपुर के व्यापारी बड़ी संख्या में जुआ खेलने नेपाल जाने लगे हैं। इससे उनका घर-परिवार और व्यवसायी बर्बाद हो रहा है। - संजय सिंहानिया, व्यापारी नेता, गोरखपुर
जवाब : इससे निजात पाने के लिए व्यापारी समाज को आगे आना होगा। लोगों को समझाएं और जुआ खेलने से होने वाली बर्बादी के बारे में बताएं। इस काम में पुलिस आपका भरपूर सहयोग करेगी।
सवाल : मेरी ससुराल बस्ती और मायका सहजनवां में है। पति शिक्षा विभाग में हैं। उन्होंने मुझे घर से निकाल दिया है। शिक्षा विभाग से आरटीआइ के तहत उनको मिलने वाले वेतन के बारे में जानकारी मांगी थी, लेकिन उपलब्ध नहीं हो रही है। - राधा गुप्ता, सहजनवां, गोरखपुर
जवाब : आपके साथ जो भी ज्यादती हुई है, उस संबंध में पुलिस को तहरीर दें, मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। तहरीर बस्ती या सहजनवां, कहीं भी अपनी सुविधानुसार दे सकती हैं। रही बात आरटीआइ की तो मैं अपने स्तर से शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात करूंगा।
सवाल : विद्यालय चलाता हूं। विद्यालय के चारों तरफ चहारदीवारी बनवाई थी। पड़ोसी ने बगल में गड्ढा खोदवा कर चहारदीवारी गिरा दी है। मुकदमा दर्ज है। कार्रवाई नहीं हो रही है। - विजय कुमार, डोहरिया, चिलुआताल, गोरखपुर
जवाब : मुकदमा दर्ज है तो कार्रवाई अवश्य होगी। क्षेत्राधिकारी को निर्देशित किया जाएगा कि वे स्वयं आपकी समस्या देखें और उसका निस्तारण करें।
सवाल : पैतृक घर मां के नाम से है। मुझे और मां को घर से निकालकर छोटे भाई ने घर पर कब्जा कर लिया है। पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है। - दिनेश कुमार दुबे, सिद्धार्थनगर कालोनी, रामगढ़ ताल, गोरखपुर
जवाब : परिवार के बड़े बुजुर्गों को बिठाकर विवाद का निस्तारण कराने की कोशिश करें। फिर भी कोई समाधान नहीं निकलता है तो जितना संभव है, आपकी की जाएगी। हालांकि आपसी बंटवारे में पुलिस की बहुत भूमिका नहीं होती।
सवाल : बिना उच्चाधिकारियों के निर्देश के भी धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज हो सकता है क्या ? - राजकुमार राय, राजेंद्रनगर, गोरखनाथ, गोरखपुर
जवाब : किसी भी मामले में शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के लिए थानेदार स्वतंत्र है। अपने इस अधिकार का वह दुरपयोग न करे, इसके लिए उच्चाधिकारी उसकी कार्यप्रणाली पर नजर जरूर रखते हैं।
सवाल : पट्टीदार ने अपने हिस्से की जमीन बेच दी है। खरीदने वाला दबंग है। मेरे भी हिस्से की जमीन पर कब्जा कर रहा है। विरोध पर मेरे तथा मेरे बच्चों पर मुकदमा दर्ज करा दे रहा है। - सुभाष चंद्र, बेतियाहाता, कैंट
जवाब : चौहद्दी के हिसाब से ही खरीदने वाला जमीन पर कब्जा कर सकता है। आपके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। आपकी शिकायत पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
सवाल : पिता के नाम पर बाराबंकी जिले से असलहा लाइसेंस जारी हुआ है। कई बार प्रयास करने के बाद भी गोरखपुर में जिलाधिकारी कार्यालय और थाने में उसका विवरण दर्ज नहीं किया जा रहा है। - सदानंद यादव, बड़हलगंज, गोरखपुर
जवाब : ऐसा नहीं होना चाहिए। आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर कोई भी व्यक्ति लाइसेंस और असलहे का विवरण दर्ज करा सकता है। आपके मामले में क्या समस्या आ रही है। इसकी जांच कराई जाएगी।
चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान नहीं कर रहा एयरफोर्स
दरगहिया, कूड़ाघाट के राजेंद्र सिंह ने बताया कि वह एयरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं इस समय वह गंभीर रूप से बीमार हैं। उनका उपचार चल रहा है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए उन्होंने आवेदन किया है, लेकिन भुगतान नहीं हो रहा है। इसके जवाब में एडीजी ने शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करने के साथ ही उनके प्रति गहरी सहानुभूति भी जताई। उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे अधिकार क्षेत्र का नहीं है, लेकिन एयरफोर्स के अधिकारियों से उनकी नियमित बातचीत होती रहती है। मानवीय आधार पर वह उनकी समस्या उनके सामने रखेंगे।
छेड़खानी की घटना से निजात दिलाए पुलिस
तुर्कमानपुर, राजघाट के रहने वाले अधिवक्ता राजकुमार यादव ने कहा कि राह चलते छात्राओं और महिलाओं से हो रही छेड़खानी की घटनाएं दिन पर दिन गंभीर रूप अख्तियार करती जा रही हैं। ब'िचयों का घर से निकलना मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने इससे निजात दिलाने की मांग की। एडीजी ने भी समस्या की गंभीरता को स्वीकार किया। उन्होंने पुलिस की गश्त और एंटी रोमियो दस्ते की सक्रियता को बढ़ाकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की।