Lockdown 3: शराब पीकर गाड़ी चलाते मिले तो क्वारंटाइन कराएगी पुलिस Gorakhpur News
एडीजी जोन दावा शेरपा ने शराब पीकर गाड़ी चलाते और गली मोहल्लों में उधम मचाते पकड़े गए लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में भेजने का निर्देश दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। लंबे समय बाद खुलीं शराब की दुकानें तो खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंगलवार को भी हर कोई अधिक से अधिक शराब की खरीदारी करते दिखा। ऐसे में सावधान होने की जरूरत है। यदि शराब पीकर घर से निकले तो मुश्किल में पडऩा तय है।
पुलिस कप्तानों को दिया गया निर्देश
एडीजी जोन दावा शेरपा ने शराब पीकर गाड़ी चलाते और गली, मोहल्लों में उधम मचाते पकड़े गए लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में भेजने का निर्देश दिया है। इस संबंध में जोन के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर उन्होंने हर हाल में लोक व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है।
कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए 22 मार्च को प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लगा था। बाद में देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया। जनता कर्फ्यू के दिन से शराब की दुकानें बंद थीं। तीन मई को लॉकडाउन समाप्त होने से पहले ही सरकार ने दो सप्ताह के लिए इसकी अवधि बढ़ा दी। हालांकि तीसरे चरण में कई तरह की छूट देने की भी घोषणा की गई। इसमें शराब की दुकानों को खोलने की घोषणा भी शामिल थी। कुछ शर्तों के साथ आवाजाही में भी छूट दी गई है।
पुलिस को है इस बात की आशंका
आशंका जताई जा रही है कि शराब उपलब्ध होने के बाद कुछ लोग इसका सेवन कर वाहन लेकर सड़क पर निकल सकते हैं। नशे में घर-परिवार, गली-मोहल्ले या फिर सड़क पर कुछ लोगों के उधम मचाने की भी आशंका जताई जा रही है। एडीजी ने ऐसे लोगों से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया है। जोन के सभी पुलिस कप्तानों को भेजे गए पत्र में उन्होंने नशे की हालत में दूसरे लोगों को परेशान करने वाहन चलाते पकड़े गए लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कराने का निर्देश दिया है। पत्र में एडीजी ने थाना स्तर पर इसे प्रभावी ढंग से लागू करने का आदेश दिया है।
शराब पीकर वाहन चलाना गैर कानूनी
एडीजी जोन दावा शेरपा ने कहा है कि शराब पीकर वाहन चलाना गैर कानूनी है। पकड़े जाने पर पुलिस पहले भी कार्रवाई करती थी। इस समय विशेष परिस्थिति है, इसलिए नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों को क्वारंटाइन कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि लॉकडाउन का पालन कराने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन कराया जा सके।