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गोरखपुर में वोट न देने पर पिस्‍टल से फायर करने वाले को पुलिस ने थाने से छोड़ा Gorakhpur News

देवमन ने बताया कि शत्रुधन ने उन्हें जान से मारने की नीयत से उन पर फायरिंग की। वह किसी तरह बच गए। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने लाल बहादुर व कुंवर बहादुर को हिरासत में ले लिया था। बाद में दोनो को छोड़ दिया।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 03:29 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 06:53 PM (IST)
गोरखपुर में वोट न देने पर पिस्‍टल से फायर करने वाले को पुलिस ने थाने से छोड़ा Gorakhpur News
ग्रामीणों पर फायर करता शत्रुघ्‍न यादव, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। खोराबार थाना पुलिस ने ग्राम हक्काबाद निवासी व सेवानिवृत्त सिपाही देवमन यादव पर जानलेवा हमला करने के आरोपितों को देर रात ही थाने से छोड़ दिया। इससे पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।

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बता दें कि बुधवार दोपहर देवमन गांव में विद्युत कर्मचारियों की मदद से ट्रांसफार्मर ठीक करा रहे थे। इस दौरान पूर्व प्रधान पति लालबहादुर यादव, उनके भाई कुंवर  बहादुर यादव व परिवार के अन्य सदस्यों ने चुनावी रंजिश को लेकर ट्रांसफार्मर बदलने का विरोध किया। वहां नौबत मारपीट की आ गई। इस दौरान सूचना पाकर पूर्व प्रधान के रिश्तेदार गायघाट निवासी शत्रुधन यादव  व उनके भाई देश दीपक भी वहां पहुंच गया।

पुलिस ने नहीं दर्ज किया आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा

देवमन ने बताया कि शत्रुधन ने उन्हें जान से मारने की नीयत से उन पर फायरिंग की। वह किसी तरह बच गए। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने लाल बहादुर व कुंवर बहादुर को हिरासत में ले लिया था। देर रात शत्रुघ्न के थाने पर पहुंचने पर पुलिस ने लाल बहादुर व कुंवर बहादुर को छोड़ दिया। सेवानिवृत्त सिपाही देवमन ने ही घटना की तहरीर पुलिस को दे दी थी, लेकिन पुलिस ने दूसरे दिन गुरुवार को भी मुकदमा नहीं दर्ज किया। देवमन का कहना है कि उन्होंने मौके से मिले दो कारतूस भी पुलिस को सौंप दिया था। बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। प्रभारी निरीक्षक खोराबार राहुल सिंह ने कहा कि अभी मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा। मुख्य आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए एडीजी से लगाई गुहार

कैंट क्षेत्र के भैरोपुर निवासी मेडिकल स्टोर संचालक रंजीत हत्याकांड का पर्दाफाश करने के लिए उनके भाई भाई संजीव कुमार ने एडीजी को शिकायती पत्र दिया। एडीजी ने एसपी क्राइम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। भैरोपुर निवासी संजीव कुमार ने एडीजी को बताया कि 22 अगस्त 2019 को रात में सोते समय उनके भाई रंजीत की कमरे में गोली मार दी गई। इलाज के दौरान केजीएमयू में उनकी मौत हो गई। नामजद मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी कैंट पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।29 अगस्त 2020 को विवेचक ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।दो माह पहले तत्कालीन एसएसपी ने दोबारा विवेचना शुरू कराने के साथ ही केस क्राइम ब्रांच ट्रांसफर कर दिया। लेकिन अभी तक आरोपित नहीं पकड़े गए। 


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