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Gorakhpur News: निर्माण के बाद टूटी सड़क, मरम्मत न कराने वाले ठेकेदार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

सहायक अभियंता ने तहरीर देकर कार्य में बाधा डाल रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। बता दें कि यह मामला जिला विकास समन्वय व अनुश्रवण समिति की बैठक में उठा था।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Fri, 03 Feb 2023 04:29 PM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 04:29 PM (IST)
Gorakhpur News: निर्माण के बाद टूटी सड़क, मरम्मत न कराने वाले ठेकेदार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
ठेकेदार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री सड़क योजना में उरुवां से धुरियापार तक वर्ष 2013 में बनी सड़क कुछ दिन बाद ही टूट गई। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने कई बार पत्र लिखा, लेकिन ठेकेदार ने मरम्मत नहीं कराई। जिला विकास समन्वय व अनुश्रवण की बैठक में सांसद के नाराजगी जताने पर जिलाधिकारी ने ठीकेदार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था। सहायक अभियंता की तहरीर पर कैंट थाना पुलिस ने लखनऊ के ठेकेदार पर सरकारी कार्य में बाधा डालने व सरकारी धन हड़पने का मुकदमा दर्ज किया।

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यह है पूरा मामला

ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता प्रवीण कुमार भारती ने कैंट थाना पुलिस को दी तहरीर में लिखा है कि उरुवा-धुरियापार रोड का निर्माण वर्ष 2013 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया गया था। पांच किमी लंबी सड़क का ठेका बीके इंटर प्राइजेज हरपुर बलिया ने लिया था। इसकी लागत 229.10 लाख रुपये थी। वहीं पांच साल तक अनुरक्षण की लागत 8.91 लाख रुपये थी।

वर्ष 2018 में सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ। इसके कुछ दिन बाद ही सड़क टूट गई। कार्य पूरा होने के बाद पांच साल तक ठेकेदार को सड़क की मरम्मत का काम भी करना था, जो कि फरवरी 2023 तक था। सहायक अभियंता ने बताया कि सड़क का मरम्मत करने के लिए कई बार फर्म के प्रोपराइटर को पत्र लिखा गया, लेकिन उन्होंने निर्माण नहीं कराया। प्रभारी निरीक्षक थाना कैंट शशिभूषण राय ने बताया कि लखनऊ के गोमतीनगर, नेहरू इन्क्लेव निवासी गोपाल तिवारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होगी।

10 अक्टूबर को हुई थी बैठक

बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान की अध्यक्षता में 10 अक्टूबर, 2022 को जिला विकास समन्वय व अनुश्रवण समिति की बैठक हुई थी। स्थानीय लोगों की परेशानी से सांसद ने अधिकारियों को अवगत कराते हुए सड़क का मरम्मत कराने को कहा था। इसके बाद अधिकारियों ने प्रोपराइटर को पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने मरम्मत नहीं कराई।


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