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CAA मामले में पुलिस ने छह माह बाद 32 आरोपितों के विरुद्ध दाखिल की चार्जशीट Gorakhpur News

CAA के विरोध में हुए उपद्रव के मामले में गोरखपुर में दर्ज मुकदमे में छह माह बाद पुलिस ने 32 आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 01:23 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 08:14 PM (IST)
CAA मामले में पुलिस ने छह माह बाद 32 आरोपितों के विरुद्ध दाखिल की चार्जशीट Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुए उपद्रव के मामले में दर्ज मुकदमे में छह माह बाद कोतवाली पुलिस ने 32 आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में गोरखपुर जोन में 13 मुकदमे दर्ज हुए थे। अन्य जिलों में काफी पहले चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी। गोरखपुर पुलिस इसमें रुचि नहीं दिखा रही थी। शासन ने इस मामले में एडीजी जोन दावा शेरपा से रिपोर्ट मांगी थी। तब पता चला कि पुलिस ने अभी चार्जशीट दाखिल ही नहीं किया है। एडीजी जोन की फटकार के बाद यहां की पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया है।

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एडीजी की फटकार के बाद दाखिल की गई चार्जशीट

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कुछ युवकों ने राजघाट इलाके में स्थित जामा मस्जिद में 22 दिसंबर 2019 को जुमे के दिन दोपहर की नमाज की बात के बाद अचानक प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ देर बाद ही उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया। शाहमारूफ मोहल्ले में प्रदर्शनकारियों ने नागरिक सुरक्षा कोर के दो स्वयंसेवकों से मारपीट कर दी। इसी दौरान रेती रोड और नखास चौराहे पर उग्र भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया था। अचानक भड़की ङ्क्षहसा पर काबू पाने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। भीड़ के पथराव करने से आधा दर्जन पुलिसकर्मी चुटहिल हो गए थे। पुलिस के कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस मामले में कोतवाली और राजघाट इलाके में अलग-अलग चार मुकदमे दर्ज हुए थे। 60 नामजद सहित एक हजार से अधिक अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया था।

विकास दुबे को लेकर नेपाल सीमा पर बढ़ी चौकसी

कानपुर में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों के कातिल विकास दुबे के नेपाल भागने की आशंका को देखते हुए गोरखपुर जोन से लगने वाली पड़ोसी देश नेपाल की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। सीमाई इलाके में उसका पोस्टर भी लगाया जा रहा है। ताकि सीमा क्षेत्र में दिखाई देने पर उसे पहचाना जा सके। एडीजी जोन दावा शेरपा ने सीमावर्ती जिलों के पुलिस कप्तानों के साथ ही सीमा की सुरक्षा में तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को भी सतर्क करने का निर्देश दिया है। कानपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम सरगर्मी से विकास दुबे की तलाश कर रही है। इस बीच उसके नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि लखीमपुर खीरी जिले से लगने वाली सीमा से उसके नेपाल भागने की आशंका अधिक है। फिर भी गोरखपुर जोन से लगने वाली सीमा पर एहतियातन चौकसी बढ़ा दी गई है। जोन के छह जिलों कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती की सीमा नेपाल से लगती है।

पगडंडी रास्तों को लेकर बरती जा रही विशेष चौकसी

दोनों देशों के सीमावर्ती गांवों के लोगों ने रोजमर्रा की आवाजाही के लिए अपनी सुविधा के अनुसार पगडंडी रास्ते बना रखे हैं। आमतौर पर इन रास्तों पर सुरक्षा का अलग से इंतजाम नहीं रहता। एसएसबी का गश्ती दल ही इन रास्तों पर नजर रखता है। विकास दुबे के नेपाल भागने की आशंका को देखते हुए पगडंडी रास्तों को लेकर खासतौर से चौकसी बरती जा रही है। हल्का सिपाहियों को पगडंडी रास्तों से आने-जाने पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। एलआइयू को सीमाई इलाके में सक्रिय कर दिया गया है।

ग्रामीणों व नेपाल पुलिस का भी लिया जा रहा सहयोग

विकास दुबे पर नजर रखने में सीमाई क्षेत्र में स्थित गांवों के लोगों का भी सहयोग लिया जा रहा है। फरार हिस्ट्रीशीटर की तस्वीर, ग्रामीणों को दिखाकर पुलिस लोगों से उससे मिलते-जुलते किसी व्यक्ति के दिखने पर तत्काल सूचना देने की अपील कर रही है। सीमाई क्षेत्र में तैनात नेपाल पुलिस को भी उसकी तस्वीर उपलब्ध कराकर उसकी गिरफ्तारी में सहयोग मांगा गया है।

विकास दुबे के नेपाल भागने की आशंका को देखते हुए सीमा पर चौकसी बढ़ाई गई है। एसएसबी से तालमेल बिठाकर पुलिस सीमा पर लगातार गश्त कर रही है। जोन की सीमा से नेपाल भागने की कोशिश में कातिल का पकड़ा जाना तय है। - दावा शेरपा, एडीजी 


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