कागज में पौधारोपण, पुराने काम पर हो गया भुगतान
बिना काम कराए ही मनरेगा से भुगतान ले लिया गया।
कागज में पौधारोपण, पुराने काम पर हो गया भुगतान
जागरण संवाददाता, धनघटा, संतकबीर नगर : पौली ब्लाक के शनिचरा बाजार में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में लाखों के गोलमाल का मामला प्रकाश में आया है। कागज में ही पौधारोपण करके फर्जी भुगतान करा गया। जबकि धरातल पर एक भी पौधा मौजूद नहीं है। इतना ही नहीं मेड़बंदी के नाम पर भी फर्जीवाड़ा हुआ है। बिना काम कराए ही मनरेगा से भुगतान ले लिया गया। ऐसे मजदूरों के नाम पर पैसे का भुगतान हुआ है जिसने काम ही नहीं किया। अमृत सरोवर के निर्माण में भी गोलमाल किया जा रहा है। पुरानी सीढ़ी को तोड़कर नए के भुगतान की कवायद शुरू कर दी गई है। ग्रामीण ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से करते हुए जांच की मांग की है। शनिचरा बाजार में वर्ष 2021-22 में राजेश के खेत में पौधारोपण कार्य के साथ ही रविंद्र, रितेश, रामजी, जियालाल, अभिमन्यू, प्रहलाद, सूर्यलाल की भूमि पर हजारों पौधे रोपा गया। इसके साथ ही गांव के दुर्गा मंदिर के परिसर में भी पौधारोपण कार्य करवाना दिखाया गया है। इस पर लाखों का भुगतान हो गया। कागज में यह कार्य पूरा होना दिखाया गया है, लेकिन मौके पर एक भी पौधे दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसी तरह से राजदेव के खेत में पोखरा खोदाई का कार्य करना दिखाया गया है, लेकिन मौके पर खेत है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता ही नहीं है कि उनके खेत में पोखरा खोदा गया है। इसी तरह से गांव के रामसूरत के खेत के समतलीकरण का कार्य भी फर्जी तरीके से कराकर भुगतान ले लिया गया। इसके साथ ही दरगाही, संतलाल, बिस्मिल्लाह समेत गांव के 50 लोगों के खेत का समतलीकरण भी कागज में करके लाखों का भुगतान ले लिया गया। गांव के सहदेव, जितई, बिंदेश्वरी, अशोक, राजदेव आदि लोगों का आरोप कि हम लोग कार्य की जांच करवाने के लिए ब्लाक पर शिकायत किए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ब्लाक के अधिकारी मामले को पचा गए। ग्रामीणों का आरोप है कि झझवा पोखरे पर अमृत सरोवर का काम किया जा रहा है, लेकिन पुरानी सीढ़ी को तोड़कर उसे नया स्वरूप देकर उसके भुगतान करवाने की भी कवायद की जा रही है। इस संबंध में बीडीओ महावीर प्रसाद ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। वह अपने स्तर पर जांच करेंगे, यदि गोलमाल हुआ है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी।
मनरेगा में यदि भ्रष्टाचार हुआ है तो गांव के लोग लिखित शिकायत करें। मामले की जांच करवाई जाएगी। यदि कागज में काम हुआ है और मौके पर कुछ नहीं है तो इसकी वसूली होगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सुदामा प्रसाद, उपायुक्त मनरेगा